RANCHI: जेटेट में एक बार फिर मुन्ना भाई ने सेंध लगा दी। रविवार को एग्जाम में सेंध लगाते रंगेहाथ गिरोह का सरगना हजारीबाग शहर से पकड़ा गया है। गिरफ्तार का नाम पुलिस गुप्त रखकर पूछताछ कर रही है। सरगना के पास से पुलिस ने क्फ् परीक्षार्थियों का एडमिड कार्ड, चेक व हजारों रुपए नगर बरामद किया है।
इसके निशानदेही पर जेटेट की परीक्षा में नकल करते धनबाद व रांची से क्फ् लोग पकड़े गए हैं। सरगना की निशानदेही पर शहरी क्षेत्र के कई ठिकानों पर पुलिस छापेमारी कर रही है.
स्मार्टफोन से आंसर लिख रहा था पारा टीचर
सेंट्रल एकेडमी में क्लास क्- भ् के लिए उपेंद्र पासवान नामक कैंडीडेट स्मार्ट मोबाइल फोन और चिप के सहारे परीक्षा लिख रहा था, जो पलामू के छतरपुर स्थित कंचनपुर गांव में पारा टीचर है। वह करीब भ्0 से अधिक सवालों के आंसर लिख चुका था कि पकड़ा गया। वहीं, दूसरा परीक्षार्थी जयप्रकाश चंदू ब्रिजफोर्ड स्कूल से पकड़ा गया है, जो कुलिया चिका, पांडू थाना क्षेत्र में पारा शिक्षक है। दोनों ही परीक्षार्थियों को एक्सपेल्ड कर दिया गया है.
दस हजार में हुआ था सौदा
कदाचार के आरोप में पकड़े गए दो परीक्षार्थियों से पूछताछ में में बताया कि हजारीबाग के कुछ एजेंटों से सौदा तय हुआ था। सही आंसर बताने के लिए पैसों की मांग की गई थी। पहला सौदा क्0 हजार रुपए में फिक्स हुआ था। एजेंटों ने ही चिप और अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए थे। मामले में तमाम जानकारियां इकट्ठी कर आरोपियों की धर- पकड़ में पुलिस जुट गई है.
इसके निशानदेही पर जेटेट की परीक्षा में नकल करते धनबाद व रांची से क्फ् लोग पकड़े गए हैं। सरगना की निशानदेही पर शहरी क्षेत्र के कई ठिकानों पर पुलिस छापेमारी कर रही है.
स्मार्टफोन से आंसर लिख रहा था पारा टीचर
सेंट्रल एकेडमी में क्लास क्- भ् के लिए उपेंद्र पासवान नामक कैंडीडेट स्मार्ट मोबाइल फोन और चिप के सहारे परीक्षा लिख रहा था, जो पलामू के छतरपुर स्थित कंचनपुर गांव में पारा टीचर है। वह करीब भ्0 से अधिक सवालों के आंसर लिख चुका था कि पकड़ा गया। वहीं, दूसरा परीक्षार्थी जयप्रकाश चंदू ब्रिजफोर्ड स्कूल से पकड़ा गया है, जो कुलिया चिका, पांडू थाना क्षेत्र में पारा शिक्षक है। दोनों ही परीक्षार्थियों को एक्सपेल्ड कर दिया गया है.
दस हजार में हुआ था सौदा
कदाचार के आरोप में पकड़े गए दो परीक्षार्थियों से पूछताछ में में बताया कि हजारीबाग के कुछ एजेंटों से सौदा तय हुआ था। सही आंसर बताने के लिए पैसों की मांग की गई थी। पहला सौदा क्0 हजार रुपए में फिक्स हुआ था। एजेंटों ने ही चिप और अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए थे। मामले में तमाम जानकारियां इकट्ठी कर आरोपियों की धर- पकड़ में पुलिस जुट गई है.
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