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बीआइटी शिक्षकों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ी, संस्थान में हर्ष

सदरी : बीआइटी ¨सदरी में शनिवार को दीपावली जैसा माहौल दिखा। राज्य सरकार ने बीआइटी ¨सदरी के शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है। राजकीय अभियंत्रण संस्थान बीआइटी ¨सदरी में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से 65 वर्ष कर दी गयी है।
राज्य सरकार ने 22 नवंबर को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना से बीआइटी ¨सदरी से दो वर्ष के अंतराल में अवकाश ग्रहण करनेवाले अनुभवी 11 शिक्षकों का कार्यकाल तीन वर्ष और बढ़ गया है। सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होने से नये शिक्षक अब नियुक्ति के लिए बीआइटी को प्राथमिकता देंगे। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से 65 वर्ष 2012 में कर दी गयी थी। यूजीसी ने शिक्षकों की कमी को देखते हुए इनकी सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की अनुशंसा की थी। पर, राजकीय पोलिटेक्निक और अभियंत्रण संस्थान एआइसीटीइ से निर्देशित होता है। एआइसीटीइ ने भी तकनीकी अभियंत्रण संस्थानों के शिक्षकों की सेवा निवृत्ति आयु 62 से 65 वर्ष करने की अनुशंसा की। चार वर्षों से मामला अधर में लटका था जिसे अब मुकाम मिल गया। राज्य सरकार की ओर से सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाए जाने से बीआइटी ¨सदरी के शिक्षकों में हर्ष है। दो वर्ष के अंतराल में सेवानिवृत्त होनेवाले शिक्षकों में डॉ. एससी राय, प्रो. मिथिलेश कुमार, प्रो. एसएन प्रसाद, डॉ. एसपी ¨सह, डॉ. वी पांडेय, प्रो. कृष्ण मुरारी, प्रो. चित्तरंजन शर्मा, प्रो. श्याम किशोर कुमार, प्रो. शिव कुमार, प्रो. यूके डे, डॉ. रवींद्र शर्मा, डॉ. एसके पांडया, डॉ. सी ठाकुर व डॉ. जी कुमार शामिल हैं। इन सभी को इस निर्णय का फायदा मिला है। 

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