देवघर : इस वर्ष हुए शिक्षक नियुक्ति में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है
फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की संख्या भी बढ़ते जा रही है। डीसी के
निर्देश पर गठित जांच कमेटी के जांच के बाद प्रमाणपत्रों के सत्यापन संबंधी
रिपोर्ट आने लगा है।
हालांकि विभागीय पदाधिकारी व कर्मी कुछ भी स्पष्ट करने से कतरा रहे हैं, लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की संख्या बढ़ गई है। सवाल यह भी उठने लगा है कि जब संबंधित संस्थान ने प्रमाण पत्रों के फर्जी होने पर अपनी मोहर लगा दी है तो विभाग फिर ऐसे नामों को सार्वजनिक करने में आनाकानी क्यों कर रहा है, कहीं किसी तरह का दबाव तो नहीं है।
बताते चलें कि पूर्व में जांच कमेटी ने जिन 22 टेट उत्तीर्ण प्रमाणपत्रों को संदेह के आधार पर जांच के लिए झारखंड अधिविद् परिषद को भेजा था उसमें 17 फर्जी पाए गए थे। एक बार फिर से विभाग ने सभी टेट उत्तीर्ण प्रमाण पत्रों को जांच के लिए भेजा है तो उसके भी रिपोर्ट आने लगे हैं और मिली जानकारी के मुताबिक अब फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की संख्या 17 से कहीं अधिक हो गई है। संभावना तो यह भी है कि अन्य शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूरा होगा तो यह संख्या बढ़ती जाएगी।
हालांकि विभागीय पदाधिकारी व कर्मी कुछ भी स्पष्ट करने से कतरा रहे हैं, लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की संख्या बढ़ गई है। सवाल यह भी उठने लगा है कि जब संबंधित संस्थान ने प्रमाण पत्रों के फर्जी होने पर अपनी मोहर लगा दी है तो विभाग फिर ऐसे नामों को सार्वजनिक करने में आनाकानी क्यों कर रहा है, कहीं किसी तरह का दबाव तो नहीं है।
बताते चलें कि पूर्व में जांच कमेटी ने जिन 22 टेट उत्तीर्ण प्रमाणपत्रों को संदेह के आधार पर जांच के लिए झारखंड अधिविद् परिषद को भेजा था उसमें 17 फर्जी पाए गए थे। एक बार फिर से विभाग ने सभी टेट उत्तीर्ण प्रमाण पत्रों को जांच के लिए भेजा है तो उसके भी रिपोर्ट आने लगे हैं और मिली जानकारी के मुताबिक अब फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की संख्या 17 से कहीं अधिक हो गई है। संभावना तो यह भी है कि अन्य शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूरा होगा तो यह संख्या बढ़ती जाएगी।
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