संवाद सहयोगी, जामताड़ा : विभिन्न लंबित मांगों को ले झारखंड राज्य
आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के तत्वावधान में जामताड़ा परियोजना की आंगनबाड़ी
कर्मियों की बैठक शनिवार को स्थानीय गांधी मैदान में संपन्न हुई। बैठक की
अध्यक्षता रमनी मरांडी ने की।
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में यूनियन के महामंत्री सह फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ¨चतामणि मंडल उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए मंडल ने कहा की गत दो सितंबर को हड़ताल के जरिये सेविका सहायिका ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मोदी सरकार व रघुवर सरकार आईसीडीएस नीति में परिवर्तन कर सेविका- सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दें, नही तो आंदोलन के लिए तैयार रहें। यूनियन की कार्यकारी अध्यक्षा नमिता गोरांइ ने कहा कि झारखंड में 75 हजार आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के रूप में कार्यरत है। लेकिन सरकार इनसे केवल काम लेना जानती है, सुविधा के नाम पर भरपेट भोजन भी देने में नाकाम है। उपस्थित सेविका व सहायिका ने कहा कि परियोजना पदाधिकारी व कर्मी केंद्र संचालन में आंगनबाडी कर्मियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं सेविका एवं सहायिका से परियोजना कर्मी आर्थिक दोहन तक कर रहे हैं। कहा कि आंगनबाड़ी कार्यक्रम के अलावा अन्य कार्य का भार भी सेविका व सहायिका पर जोर-जबरदस्ती दे दिया जाता है। काम नहीं करने पर चयन रद करने की धमकी दी जाती है।
सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 10,11 व 12 दिसंबर को पटना में फेडरेशन के प्रस्तावित राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने को ले सदस्यता शुल्क संकलन करने को कहा गया। सरकारीकरण समेत अन्य मांग को ले आंदोलन को उग्र करें। लंबित सभी मांगों ले संघ का शिष्ट मंडल शीघ्र उपायुक्त से वार्ता कर मांग को निष्पादित करें। बैठक में उर्मिला टुडू, फूलकुमारी मुर्मू, सावित्री हांसदा, संतोषी हांसदा, अंजली हांसदा, मालती मरांडी, मिथिला बेसरा आदि आंगनबाड़ी कर्मी उपस्थित थी।
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में यूनियन के महामंत्री सह फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ¨चतामणि मंडल उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए मंडल ने कहा की गत दो सितंबर को हड़ताल के जरिये सेविका सहायिका ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मोदी सरकार व रघुवर सरकार आईसीडीएस नीति में परिवर्तन कर सेविका- सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दें, नही तो आंदोलन के लिए तैयार रहें। यूनियन की कार्यकारी अध्यक्षा नमिता गोरांइ ने कहा कि झारखंड में 75 हजार आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के रूप में कार्यरत है। लेकिन सरकार इनसे केवल काम लेना जानती है, सुविधा के नाम पर भरपेट भोजन भी देने में नाकाम है। उपस्थित सेविका व सहायिका ने कहा कि परियोजना पदाधिकारी व कर्मी केंद्र संचालन में आंगनबाडी कर्मियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं सेविका एवं सहायिका से परियोजना कर्मी आर्थिक दोहन तक कर रहे हैं। कहा कि आंगनबाड़ी कार्यक्रम के अलावा अन्य कार्य का भार भी सेविका व सहायिका पर जोर-जबरदस्ती दे दिया जाता है। काम नहीं करने पर चयन रद करने की धमकी दी जाती है।
सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 10,11 व 12 दिसंबर को पटना में फेडरेशन के प्रस्तावित राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने को ले सदस्यता शुल्क संकलन करने को कहा गया। सरकारीकरण समेत अन्य मांग को ले आंदोलन को उग्र करें। लंबित सभी मांगों ले संघ का शिष्ट मंडल शीघ्र उपायुक्त से वार्ता कर मांग को निष्पादित करें। बैठक में उर्मिला टुडू, फूलकुमारी मुर्मू, सावित्री हांसदा, संतोषी हांसदा, अंजली हांसदा, मालती मरांडी, मिथिला बेसरा आदि आंगनबाड़ी कर्मी उपस्थित थी।
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