Jharkhand News Update : राज्य के प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के कुल 3120 पदों पर नियुक्ति होगी. इनमें 2855 पदों पर सीधी और 265 पदों (आरक्षित बैकलॉग) पर हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति होगी. कार्मिक विभाग
द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को अधियाचना भेजी गयी है. राज्य के प्लस टू स्कूलों में यह अब तक की सबसे बड़ी नियुक्ति होगी. इससे पूर्व कभी भी राज्य में प्लस टू स्कूलों में इतने पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी थी. पत्र में कहा गया है कि नियुक्ति के लिए अधियाचित पद जेएसएससी के किसी परीक्षा संचालन नियमावली से आच्छादित नहीं है. शिक्षक नियुक्ति को लेकर तैयार नियमावली भी आयोग को भेजी गयी है. सीधी नियुक्ति व शिक्षकों के लिए आरक्षित दोनों पदों पर नियुक्ति के लिए एक साथ परीक्षा ली जायेगी. राज्य में प्लस टू विद्यालयों में शिक्षक नियुक्त के लिए 25 फीसदी पद हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं. 75 फीसदी पदों पर सीधी नियुक्ति का प्रावधान है.अब तक तीन बार हुई नियुक्ति
राज्य गठन के बाद से अब तक प्लस टू स्कूलों में तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. हालांकि, जब भी शिक्षकों की नियुक्ति की गयी, पद रिक्त रह गये. सबसे पहले वर्ष 2012 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. राज्य के 230 विद्यालयों में आठ विषय में नियुक्ति के लिए परीक्षा हुई थी. कुल 1840 पदों में से 1235 शिक्षकों की नियुक्ति हो पायी थी. शिक्षकों के 605 पद रिक्त रह गये थे. इसके बाद वर्ष 2017 व 2018 में प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे. वर्ष 2017 में 171 विद्यालयों में तीन विषय के लिए कुल 513 और वर्ष 2018 में 280 विद्यालयों में 3080 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे. वर्ष 2017 व 2018 में हुई नियुक्ति में भी पद रिक्त रह गये थे. वर्ष 2018 की नियुक्ति में 3080 में से लगभग 1800 शिक्षकों की ही नियुक्ति हुई थी.
जेएसएससी को भेजी जानकारी
राज्य के 230 प्लस टू स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक की नियुक्ति के लिए भी अधियाचना जेएसएससी को भेजी गयी थी. जेएसएससी ने नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग से कुछ जानकारी मांगी थी, विभाग ने जानकारी भेज दी है. बताते चलें कि प्लस टू स्कूलों में जब भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई, विज्ञान विषयों में सबसे अधिक पद रिक्त रह गये. गणित, भौतिकी, जीव विज्ञान व रसायनशास्त्र में शिक्षकों के लगभग आधे पद रिक्त रह गये. वहीं, विज्ञान विषयों में हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित सीट 80 फीसदी तक रिक्त रह गये. इसके बाद शिक्षा विभाग ने प्लस टू स्कूलों में हाइस्कूल शिक्षकों का आरक्षण कम कर दिया. हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षण 50 फीसदी से कम करके 25 फीसदी कर दिया गया.
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