रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Teacher Recruitment सुप्रीम कोर्ट में हाई स्कूल और प्लस-टू स्तरीय हाई स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में इतिहास विषय को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह व जस्टिस बीवी नागरथना की अदालत ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश बिल्कुल सही है। अदालत में इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। इसलिए हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल एसएलपी को याचिकाओं को खारिज किया जाता है।
इस संबंध में प्रार्थी मनीष कुमार, राम ब्यास पांडेय व अन्य की ओर से एसएलपी दाखिल कर झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनाैती दी गयी थी। झारखंड हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपील याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि जो अभ्यर्थी संपूर्ण इतिहास की डिग्री प्राप्त की है, वहीं नियुक्ति योग्य हैं। जिन्होंने प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास व आधुनिक इतिहास की डिग्री हासिल की है, वह विज्ञापन की शर्त के अनुसार नियुक्ति के योग्य नहीं है। जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने बताया कि प्रमाण पत्र सत्यापन के समय दर्जनों अभ्यर्थियों ने प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास या आधुनिक इतिहास से पास होने की डिग्री दी थी। जेएसएससी ने इसे विज्ञापन के अनुरूप नहीं माना था और उनका आवेदन रद कर दिया था। आयोग के इस आदेश को हाई कोर्ट ने सही माना था और हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
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