झारखंड में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादले के लिए नयी नीति तैयार
की है। इसे अगस्त तक लागू हो जाने की संभावना है। नई नीति के तहत शिक्षकों
को ऑनलाइन आवेदन करना होगा और अपने तबादले की वजह बतानी होगी। इस नीति के
लागू हाेने के बाद काेई भी सरकारी शिक्षक पांच साल से अधिक समय तक शहरी
क्षेत्र में नहीं रह सकेंगे।
जोन 2 : प्रखंड मुख्यालय पर स्थित स्कूल हाेंगे।
जोन 3 : प्रखंड मुख्यालय से 5 किमी की परिधि में आने वाले स्कूल हाेंगे।
जोन 4 : ऐसे स्कूल हाेंगे जाे नेशनल और स्टेट हाइवे से आठ किमी दूर हैं।
जोन 5 : पहाड़ी व जंगली क्षेत्र के स्कूल होंगे, जहां यातायात के साधन सामान्य नहीं हैं या फिर नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं।
तबादले के लिए शिक्षकाें काे हर साल फरवरी के अंत तक ऑनलाइन आवेदन करना हाेगा। एक जगह के लिए एक से अधिक आवेदन आने पर तय बिंदु के अनुरूप तबादला हाे सकेगा। हर साल 30 जून तक तबादले की प्रक्रिया पूरी हाेगी।
तबादले के लिए वेटेज फॉर्मूला
स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि ट्रांसफर का मुद्दा विभाग के लिए विवाद का विषय रहा है। ऐसे में इसे पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति तैयार की है। यह ऑनलाइन होगी। इसमें वेटेज फॉर्मूले के तहत शिक्षकों का तबादला होगा। इसके लिए सूबे को कई जोन में बांटा गया है।स्कूलाें काे 5 जाेन में बांटा
जाेन 1 : नगर निगम से शहर के अधिसूचित क्षेत्र के स्कूल जाेन एक में रहेंगे। इस जाेन में सामान्यत: पांच साल से अधिक समय तक काेई शिक्षक तैनात नहीं रह सकेंगे। विशेष परिस्थिति में अब ज्यादा समय तक रहे ताे उन्हें हाउस रेंट व यात्रा भत्ता जैसे अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेंगे।जोन 2 : प्रखंड मुख्यालय पर स्थित स्कूल हाेंगे।
जोन 3 : प्रखंड मुख्यालय से 5 किमी की परिधि में आने वाले स्कूल हाेंगे।
जोन 4 : ऐसे स्कूल हाेंगे जाे नेशनल और स्टेट हाइवे से आठ किमी दूर हैं।
जोन 5 : पहाड़ी व जंगली क्षेत्र के स्कूल होंगे, जहां यातायात के साधन सामान्य नहीं हैं या फिर नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा लागू
स्कूली शिक्षा विभाग का यह प्रस्ताव फिलहाल वित्त विभाग के पास है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद यह कैबिनेट में जायेगा। वहां से स्वीकृति मिलने पर इसे लागू कर दिया जाएगा।विशिष्ट विद्यालयों पर यह नीति नहीं होगी लागू
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से तैयार यह नीति नेतरहाट, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, मॉडल विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय जैसे विशेष कोटि के विद्यालयों के लिए प्रभावी नहीं होगी।ऐसे हाेगा तबादला
तबादला नीति लागू हाेने के तीन माह के भीतर स्कूलाें का चयन कर जिलाें की वेबसाइट पर सूची डाल दी जाएगी। तबादले के लिए सक्षम प्राधिकार बनाया है। इनमें जिन्हें नियुक्ति का अधिकार है, वही तबादला करने में सक्षम हाेगा। प्राचार्य, प्रधानाध्यापक और शिक्षकाें के लिए अलग-अलग प्राधिकार हैं।- जिला शिक्षा स्थापना समिति प्राथमिक, मध्य विद्यालय के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों और हाईस्कूल शिक्षकाें का तबादला करेगी।
- निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय स्थापना समिति प्लस टू स्कूलाें के पीजीटी शिक्षकों और प्राचार्य का तबादला करेगी।
तबादले के लिए शिक्षकाें काे हर साल फरवरी के अंत तक ऑनलाइन आवेदन करना हाेगा। एक जगह के लिए एक से अधिक आवेदन आने पर तय बिंदु के अनुरूप तबादला हाे सकेगा। हर साल 30 जून तक तबादले की प्रक्रिया पूरी हाेगी।
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