रांची : सरकारी स्कूल के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसको लेकर जिला
प्रशासन ने एक पहल की है. उपायुक्त राय महिमापत रे ने 'वन रांची' नाम से
एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनायी है. इसके तहत गैर सरकारी स्कूल व
कॉलेजों के शिक्षकों से स्वेच्छा से सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने का
आग्रह किया जायेगा. इसकी शुरुआत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय
से होगी.
इस योजना के अनुसार, गैर सरकारी स्कूल व अन्य संस्थान के शिक्षकों
स्वेच्छा और अपनी सहूलियत के अनुसार सरकारी स्कूलों के बच्चों को समय
देंगे. कस्तूरबा विद्यालय की 11वीं-12वीं की छात्राओं को भौतिकी, रसायन,
गणित, जीव विज्ञान, कॉमर्स व एकाउंटेंसी पढ़ाना होगा. कस्तूरबा स्कूल के
बाद दूसरे स्कूलों में भी इन शिक्षकों की सेवा ली जा सकती है.
इस योजना के आधार पर एक साल तक शिक्षकों को पढ़ाने की अवधि भी तय कर
दी गयी है. इस योजना में शामिल होने के बाद कम से कम तीन माह तक बच्चों को
पढ़ाना अनिवार्य किया गया है. कार्यक्रम में शामिल होने वालों को अपने
संस्थान व स्कूलों से एनओसी लाना होगा. जिला प्रशासन के साथ एक सहमति पत्र
पर हस्ताक्षर भी करना होगा. जिला प्रशासन आवश्यकतानुसार इन शिक्षकों को
स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजेगा.
इस कार्यक्रम में शामिल होने और कार्यकाल पूरा करने के बाद शिक्षकों
को प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा. भविष्य में स्कूलों में सुधार के लिए बनायी
जाने वाली नीति में उनका सहयोग भी लिया जायेगा.
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