इसके दूसरे चरण में 20 सितंबर को कॉलेज के सभी कामों को करते हुए प्राचार्य कक्ष के सामने धरना दिया जाएगा। विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि एक तो सरकार वर्षों से शिक्षकों की बहाली नहीं कर रही है। कई विभागों में वर्षों से एक भी शिक्षक नहीं है। जो शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें वर्षों से प्रोन्नति नहीं दी जा रहा है।
बिहार एवं अन्य राज्यों में पीएचडी का पांच इंक्रीमेंट के साथ साथ पुरानी पेंशन व्यवस्था भी लागू कर दी गयी है। झारखण्ड सरकार कुछ न कुछ बहाना बनाकर यह सुविधा न देकर कुम्भकर्णी नींच में सो रही है।
काला बिल्ला लगाने वाले में डॉ बी एन तिवारी, प्रो पी पी मिश्रा, डॉ स्मिति कुमारी, डॉ शहाबुद्दीन, प्रो मृत्युंजय कुमार दुबे, प्रो अमरेंद्र कुमार झा, डॉ राजेश कुमार चौधरी, डॉ बलभद्र प्रसाद सिंह, डॉ इंदिरा तिवारी, डॉ मनीष कुमार दुबे, डॉ मसूद अहमद, डॉ सरफराज इस्लाम, श्री उमाशंकर दास, डॉ विवेका नन्द सिंह इत्यादि सामिल थे।
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