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पारा शिक्षकों को छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मिले वेतनमान : बिरेंद्र केराई

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : प्रदेश के 68 हजार पारा शिक्षकों को छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान व स्थाई करे झारखंड सरकार। क्योंकि दोनों राज्य के पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया एक जैसी ही है। उक्त बातें एकाकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा जगन्नाथपुर इकाई के अध्यक्ष बिरेंद्र केराई ने कही।
सोमवार को पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक जगन्नाथपुर में हुई। बैठक में केराई ने कहा हमारी सरकार 6 माह से पारा शिक्षकों को नियमावली के नाम पर टालते आ रही है। अब बर्दास्त नहीं होता है। सरकार कम मानदेय देकर ÞसोनाÞ की चाह रखेगी तो काम कैसे चलेगा। सरकार की यह पॉलिसी पूरी होने नहीं दी जाएगी। सरकार हमारे साथ-साथ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। केराई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सभी राज्यों के पारा शिक्षकों को समान काम के आधार पर समान वेतन दिया जा रहा है। लेकिन झारखंड सरकार 2 जी की गति पर चल रही है। उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में पारा शिक्षकों को मान सम्मान के साथ वेतनमान मिल रहा है पर झारखंड के पारा शिक्षक प्रतिदिन 300 रुपये के हिसाब से काम कर रहे हैं। पारा शिक्षकों को सम्मान देना है तो सरकार को इच्छाशक्ति बढ़ानी होगी। 15 वर्ष के इतिहास में पहली बार अनियमित मानदेय में प्रतिदिन पारा शिक्षक काल के गाल में समाते जा रहे हैं। ऐसी जानलेवा सरकार को आगामी चुनाव में सबक सिखाने की जरूरत है। सौ दिन बीत जाने के बाद भी मानदेय नहीं मिला यह सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति को दर्शाता है। मौके पर प्रखंड अध्यक्ष बिरेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि जगन्नाथपुर प्रखंड में 157 पारा शिक्षक हैं जिन्हें तीन माह से मानदेय नहीं मिला है और तीन माह का मानदेय 43 लाख 79 हजार 6 सौ 16 रुपये है।

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