रांची : प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों
की सेवा मान्यता को लेकर पॉलिसी तैयार की गयी है. 18 अप्रैल को कैबिनेट की
स्वीकृति मिल गयी है. पॉलिसी लागू कर दी गयी है. इस पॉलिसी के तहत एक जनवरी
1989 से पूर्व नियुक्त स्नातक योग्यताधारी वैसे शिक्षक, जिन्होंने वर्ष
2007 तक प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है, उन्हें सेवा मान्यता दी जायेगी.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक दस्तावेजों की जांच कर सेवा मान्यता देंगे. गुरुवार
को झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में सुनवाई के दाैरान
राज्य सरकार की अोर से यह जानकारी दी गयी.
सरकार के जवाब व पॉलिसी को देखते हुए अदालत ने प्रार्थियों को पक्ष
रखने का निर्देश दिया. कहा कि पॉलिसी पर जो कुछ कहना है, व्यक्तिगत रूप से
पक्ष रख सकते हैं.
साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तिथि निर्धारित
की. सुनवाई के दाैरान स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी
सिंह सशरीर उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बाल मोहन प्रसाद व अन्य
की अोर से करीब 206 याचिकाएं दायर की गयी हैं. वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट
ने प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों को सेवा मान्यता
देने व वेतनमान देने का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने 100 से अधिक शिक्षकों
को सेवा मान्यता दी, लेकिन अधिकतर का मामला लंबित रहा.
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