झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा मैट्रिक-इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच
कराई जा रही है। मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लगे दो
शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी रतन कुमार महावर ने सोमवार को
मूल्यांकन कार्य से अलग कर दिया था।
अब ये दोनों शिक्षक जिस विषय में नियुक्ति हुई है, उसकी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कर सकेंगे। मो. शकील यूसुफ फारसी और इंद्रदेव प्रसाद इतिहास की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। पहले शकील यूसुफ से गणित और इंद्रदेव प्रसाद से हिंदी की कॉपियाें जांच कराई जा रही थी। जबकि इन दोनों का उक्त विषयों से कुछ लेना-देना नहीं था। बताते चलें कि दोनों शिक्षकों का स्नातक में उक्त विषय सब्सिडियरी था। हटाए जाने का शैक्षिक महासंघ और झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने विरोध किया था। कहा था कि हाईस्कूल में जब शिक्षक सब्सिडियरी पेपर में क्लास ले सकते हैं तो कॉपी की जांच क्यों नहीं कर सकते हैं। इसके बाद इन दाेंनों को दुबारा कॉपियों के मूल्यांकन में लगाया गया है।
अब ये दोनों शिक्षक जिस विषय में नियुक्ति हुई है, उसकी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कर सकेंगे। मो. शकील यूसुफ फारसी और इंद्रदेव प्रसाद इतिहास की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। पहले शकील यूसुफ से गणित और इंद्रदेव प्रसाद से हिंदी की कॉपियाें जांच कराई जा रही थी। जबकि इन दोनों का उक्त विषयों से कुछ लेना-देना नहीं था। बताते चलें कि दोनों शिक्षकों का स्नातक में उक्त विषय सब्सिडियरी था। हटाए जाने का शैक्षिक महासंघ और झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने विरोध किया था। कहा था कि हाईस्कूल में जब शिक्षक सब्सिडियरी पेपर में क्लास ले सकते हैं तो कॉपी की जांच क्यों नहीं कर सकते हैं। इसके बाद इन दाेंनों को दुबारा कॉपियों के मूल्यांकन में लगाया गया है।
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