राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने चुपके-चुपके
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का दूसरी बार संशोधित परिणाम मंगलवार को देर
रात वेबसाइट पर जारी किया है। इस तरह, डेढ़ माह के भीतर तीसरी बार इसका
परिणाम जारी हुआ।
संशोधित परिणाम में जहां कुछ उम्मीदवारों की रैंकिंग बदल गई है, वहीं निर्धारित अंक से कम अंक लाने वाले दूसरे राज्यों के आरक्षित उम्मीदवारों को फेल कर दिया गया है। पहले ऐसे कई उम्मीदवारों को निर्धारित अंक प्रतिशत नहीं लाने के बावजूद उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था।
संशोधित परिणाम में उम्मीदवारों का जिला कोड व जिला के नाम का कॉलम जोड़ा गया है। जैक ने इस परीक्षा का सबसे पहले परिणाम 10 मार्च को जारी किया था। इसके चौबीस घंटे के भीतर ही 11 मार्च को इसका संशोधित परिणाम जारी किया। इसमें दूसरे राज्यों के आरक्षित श्रेणी के वैसे उम्मीदवारों को असफल घोषित किया गया जो निर्धारित अंक नहीं ला सके थे। लेकिन इसमें भी कई त्रुटियां रह गई थीं। कई ऐसे आरक्षित उम्मीदवारों को भी असफल घोषित कर दिया गया था, जो झारखंड के निवासी थे। अब जैक के पदाधिकारियों ने 18 अप्रैल को जारी संशोधित परिणाम में इन त्रुटियों को दूर करने का दावा किया है।
जानिए, क्या है मामला
जैक ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में शुरू में झारखंड से बाहर के एससी-एसटी उम्मीदवारों को भी आरक्षण का लाभ दे दिया था। इसमें वैसे उम्मीदवारों को भी आवश्यक क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट का लाभ मिल गया था, जिनके आवेदन में यह स्पष्ट नहीं था कि वे झारखंड के ही निवासी हैं। परिणाम में ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थियों के संबंध में जिला का उल्लेख नहीं कर झारखंड से बाहर का बताया गया। इस पात्रता परीक्षा में सामान्य अभ्यर्थियों के लिए 60 फीसद लाना अनिवार्य किया गया था, जबकि एससी-एसटी उम्मीदवारों के लिए यह अनिवार्य क्वालिफाइंग मार्क्स 52 फीसद ही तय था। इसका लाभ झारखंड के एससी-एसटी उम्मीदवारों को ही मिलता, जबकि परिणाम में झारखंड से बाहर के ऐसे अभ्यर्थियों को 52 फीसद अंक लाने पर भी उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था।
'दैनिक जागरण' ने उठाया था मामला
बाहरी उम्मीदवारों को भी अंक में छूट दिए जाने का मामला 'दैनिक जागरण' ने 11 मार्च के अंक में प्रमुखता से उठाया था। जैक शुरू में इस गलती से इन्कार करता रहा। बाद में गलती का अहसास होने पर चौबीस घंटे के भीतर संशोधित परिणाम जारी कर दिया। इसके बाद जिलों का कोड व नाम का उल्लेख करते हुए संशोधित परिणाम जारी किया।
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स्थानीय निवासी को लेकर कुछ शिकायतें आ रही थीं। संशोधित परिणाम में इन सभी शिकायतों को दूर कर लिया गया है। साथ ही अब जिला का नाम व कोड का भी उल्लेख कर दिया गया है ताकि किसी को कोई संशय न रहे।
-अरविंद कुमार सिंह, अध्यक्ष, झारखंड एकेडमिक काउंसिल।
संशोधित परिणाम में जहां कुछ उम्मीदवारों की रैंकिंग बदल गई है, वहीं निर्धारित अंक से कम अंक लाने वाले दूसरे राज्यों के आरक्षित उम्मीदवारों को फेल कर दिया गया है। पहले ऐसे कई उम्मीदवारों को निर्धारित अंक प्रतिशत नहीं लाने के बावजूद उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था।
संशोधित परिणाम में उम्मीदवारों का जिला कोड व जिला के नाम का कॉलम जोड़ा गया है। जैक ने इस परीक्षा का सबसे पहले परिणाम 10 मार्च को जारी किया था। इसके चौबीस घंटे के भीतर ही 11 मार्च को इसका संशोधित परिणाम जारी किया। इसमें दूसरे राज्यों के आरक्षित श्रेणी के वैसे उम्मीदवारों को असफल घोषित किया गया जो निर्धारित अंक नहीं ला सके थे। लेकिन इसमें भी कई त्रुटियां रह गई थीं। कई ऐसे आरक्षित उम्मीदवारों को भी असफल घोषित कर दिया गया था, जो झारखंड के निवासी थे। अब जैक के पदाधिकारियों ने 18 अप्रैल को जारी संशोधित परिणाम में इन त्रुटियों को दूर करने का दावा किया है।
जानिए, क्या है मामला
जैक ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में शुरू में झारखंड से बाहर के एससी-एसटी उम्मीदवारों को भी आरक्षण का लाभ दे दिया था। इसमें वैसे उम्मीदवारों को भी आवश्यक क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट का लाभ मिल गया था, जिनके आवेदन में यह स्पष्ट नहीं था कि वे झारखंड के ही निवासी हैं। परिणाम में ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थियों के संबंध में जिला का उल्लेख नहीं कर झारखंड से बाहर का बताया गया। इस पात्रता परीक्षा में सामान्य अभ्यर्थियों के लिए 60 फीसद लाना अनिवार्य किया गया था, जबकि एससी-एसटी उम्मीदवारों के लिए यह अनिवार्य क्वालिफाइंग मार्क्स 52 फीसद ही तय था। इसका लाभ झारखंड के एससी-एसटी उम्मीदवारों को ही मिलता, जबकि परिणाम में झारखंड से बाहर के ऐसे अभ्यर्थियों को 52 फीसद अंक लाने पर भी उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था।
'दैनिक जागरण' ने उठाया था मामला
बाहरी उम्मीदवारों को भी अंक में छूट दिए जाने का मामला 'दैनिक जागरण' ने 11 मार्च के अंक में प्रमुखता से उठाया था। जैक शुरू में इस गलती से इन्कार करता रहा। बाद में गलती का अहसास होने पर चौबीस घंटे के भीतर संशोधित परिणाम जारी कर दिया। इसके बाद जिलों का कोड व नाम का उल्लेख करते हुए संशोधित परिणाम जारी किया।
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स्थानीय निवासी को लेकर कुछ शिकायतें आ रही थीं। संशोधित परिणाम में इन सभी शिकायतों को दूर कर लिया गया है। साथ ही अब जिला का नाम व कोड का भी उल्लेख कर दिया गया है ताकि किसी को कोई संशय न रहे।
-अरविंद कुमार सिंह, अध्यक्ष, झारखंड एकेडमिक काउंसिल।
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