रांची : विश्वविद्यालय के शिक्षकों का वेतन भुगतान ट्रेजरी के माध्यम
से किये जाने के सरकार के निर्णय का शिक्षकों व सेवानिवृत्त शिक्षकों ने
विरोध किया है. शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा है कि सरकार का यह निर्णय विवि
की स्वायत्तता का अपहरण करने वाला है, क्योंकि सरकार विवि को अनुदान देती
है न कि सीधे वेतन देती है.
शिक्षकों ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था में विश्वविद्यालय आंतरिक
स्रोतों से शिक्षकों के वेतन तथा पेंशन का भुगतान कुछ महीने के लिए कर दिया
जाता था, जिससे प्रत्येक महीने की पहली तारीख को भुगतान संभव हो जाता था.
परंतु सरकार के इस फैसले से वेतन व पेंशन भुगतान पर संकट हो गया है. इस
मामले को लेकर फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ झारखंड के
प्रतिनिधियों की बैठक हुई.
शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार प्रत्येक माह की पहली तारीख को
वेतन व पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करे. नहीं तो घोषणा करें कि शिक्षकों का
जब तक वेतन व पेंशन भुगतान नहीं हो जाता है, तब तक वे भी अपना वेतन नहीं
लेंगे. अगली बैठक तीन अप्रैल दोपहर तीन बजे रांची विश्वविद्यालय परिसर में
होगी. इसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी.
रविवार को हुई बैठक में डॉ बबन चौबे, डॉ नवीन कुमार सिंह, डॉ मिथिलेश,
डॉ रामइकबाल तिवारी, डॉ राजकुमार, डॉ हरिओम पांडेय, डॉ एलके कुंदन समेत कई
शिक्षक व सेवानिवृत शिक्षक मौजूद थे.
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