रांची। शिक्षक नियुक्ति नियमावली, जेपीएससी पीटी परीक्षा में त्रुटी, दोहरी स्थानीय नीति व छात्रवृति कटौती के विरोध में गुरुवार को झाविमो युवा-छात्र मोर्चा ने राजभवन मार्च किया। पटेल पार्क हरमू से पैदल मार्च निकाला गया, जिसमें हजारों युवा-छात्र शामिल हुए।
राजभवन के समीप एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम व पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस राज्य का मुख्यमंत्री ही छत्तीसगढ़ का बाहरी हो, उस राज्य में स्थानीय को नौकरी मिलेगी, यह संभव भी नहीं है। इस राज्य में बीडीओ-सीओ से लेकर मास्टर, किरानी व चपरासी भी बाहरी ही होंगे। इसके लिए तैयार रहे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छात्रवृति राशि में कटौती तो नमूना है, भाजपा के हीडेन एजेंडा में आरक्षण ही समाप्त करने की है। इसके लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस राज्य की जनता के साथ छल किया है। अगर वह चुनाव के पूर्व ही बता देती है कि रघुवर दास सीएम बनेंगे तो जनता उसे सत्ता ही नहीं सौंपती, पूर्ण बहुमत के नाम पर वोट मांगा और छत्तीसगढ़ निवासी को मुख्यमंत्री बना दिया।
उन्होंने कहा कि नियुक्ति नियामवली में गलती अफसर नहीं कर रहे हैं, सरकार जानबुझकर करवा रही है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में दोहरी स्थानीय नीति बनी है। जो जिले ओपन हैं, उसमें पूरे भारत के लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। शिक्षक नियुक्ति नियामवली और जेपीएससी में किए गए प्रावधान से स्थानीय लोगों को नौकरी मिलना ही मुश्किल हो गया है। ऐसा शायद पहला राज्य है जहां पर मेरिट वाले को पीछे धकेल कर जनरल कटेगरी का कट ऑफ मार्क्स घटा दिया गया है। इससे आरक्षित सीट वाले तो बाहर ही हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा के समय बोला गया कि 150 करोड़ रुपए नेशनल गेम्स में टाटा कंपनी देगी। मगर एक पैसा नहीं दिया। एजी के रिपोर्ट में करोड़ों रुपए का घोटाला टाटा कंपनी ने किया, उसके विरूद्ध कारवाई के बदले रघुवर दास उसे और कंपनी लगाने के लिए आमंत्रित कर रही है। सरकार पैसे का रोना रोती है तो यह सब पैसा किसका है। उन्होंने छात्र-युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार से उम्मीद छोड़ दें और नए उलगुलान के लिए तैयार रहें। सभा को पार्टी प्रधान महासचिव प्रदीप यादव, सबा अहमद, अभय सिंह, मिस्त्री सोरेन, खालिद खलील, संतोष कुमार, सुनील गुप्ता, राजीव रंजन मिश्रा, उत्तम यादव, शोभा यादव, मनोज यादव, सरोज सिंह सहित कई ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा मोर्चा अध्यक्ष उत्तम यादव ने किया जबकि संचालन छात्र मोर्चा अध्यक्ष जीतेंद्र कुमार रिंकू ने किया।
जनता ने नहीं चुना रघुवर को, छत्तीसगढ़ में मुखिया तक नहीं बन सके हैं : प्रदीप यादव
पार्टी विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि रघुवर दास को जनता ने नहीं चुना। वे इलेक्टेड नहीं मोदी व अमित शाह के सिलेक्टेड सीएम हैं। महाराष्ट्र में टैक्सी ड्राइवर को लाइसेंस भी मराठी को ही मिलता है। मगर झारखंड में मास्टर व चपरासी भी दूसरे प्रदेश के लोग बनेंगे। क्या झारखंड धर्मशाला है जो तृतीय वर्ग की नौकरी में भी पूरे भारत का आवेदन मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गढ़वा के एक छात्र रंजीत तिवारी को बिहार में पास करने के बाद भी सिर्फ इसलिए नौकरी नहीं मिली कि वो बिहार का निवासी नहीं था। बिहार में भारत के निवासी होने के साथ-साथ बिहार का निवासी होना भी बाध्यता है। उन्होंने कहा कि पुलिस, मास्टर, चौकीदार, वनपाल, बीडीओ-सीओ सहित तमाम नौकरियों में ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं कि एक भी झारखंडी को नौकरी नहीं मिलेगी। अनुसूचित जिलों को 50 प्रतिशत सीटों को छोड़ दें तो गैर अनुसूचित जिले में एक भी स्थानीय को नौकरी नहीं मिलेगी।
राज्यपाल को ज्ञापन, यह है मांगे
-झारखंड में छात्रों की छात्रवृति कटौती वापस हो।
-सरकारी नियुक्तियों में झारखंडी मूलवासी एवं आदिवासी छात्रों की ही बहाली सुनिश्चित हो।
-जेपीएससी द्वारा जारी पीटी परीक्षाफल में हुई त्रुटियों को दूर किया जाए।
-माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली की त्रुटियों को दूर किया जाए।
-पीपीपी मोड पर संचालित सभी तकनीकी संस्थानों की मान्यता दी जाए।
-स्थानीयता को पुन: पारिभाषित किया जाए।
-ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले।
-उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में अध्यनरत उर्दू भाषा के छात्र-छात्राओं के लिए उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र की जाए।
-जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा-भाषी क्षेत्रों की पहचान कर प्रत्येक विद्यालय में क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों का पद सृजित करते हुए नियुक्ति के लिए कार्रवाई करने।
-गैर अनुसूचित जिलों को सभी सरकारी नियुक्तियों में सिर्फ जिला के मूलवासियों के लिए ही आरक्षित किया जाए।
फोटो: कौशल आनंद।
राजभवन के समीप एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम व पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस राज्य का मुख्यमंत्री ही छत्तीसगढ़ का बाहरी हो, उस राज्य में स्थानीय को नौकरी मिलेगी, यह संभव भी नहीं है। इस राज्य में बीडीओ-सीओ से लेकर मास्टर, किरानी व चपरासी भी बाहरी ही होंगे। इसके लिए तैयार रहे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छात्रवृति राशि में कटौती तो नमूना है, भाजपा के हीडेन एजेंडा में आरक्षण ही समाप्त करने की है। इसके लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस राज्य की जनता के साथ छल किया है। अगर वह चुनाव के पूर्व ही बता देती है कि रघुवर दास सीएम बनेंगे तो जनता उसे सत्ता ही नहीं सौंपती, पूर्ण बहुमत के नाम पर वोट मांगा और छत्तीसगढ़ निवासी को मुख्यमंत्री बना दिया।
उन्होंने कहा कि नियुक्ति नियामवली में गलती अफसर नहीं कर रहे हैं, सरकार जानबुझकर करवा रही है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में दोहरी स्थानीय नीति बनी है। जो जिले ओपन हैं, उसमें पूरे भारत के लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। शिक्षक नियुक्ति नियामवली और जेपीएससी में किए गए प्रावधान से स्थानीय लोगों को नौकरी मिलना ही मुश्किल हो गया है। ऐसा शायद पहला राज्य है जहां पर मेरिट वाले को पीछे धकेल कर जनरल कटेगरी का कट ऑफ मार्क्स घटा दिया गया है। इससे आरक्षित सीट वाले तो बाहर ही हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा के समय बोला गया कि 150 करोड़ रुपए नेशनल गेम्स में टाटा कंपनी देगी। मगर एक पैसा नहीं दिया। एजी के रिपोर्ट में करोड़ों रुपए का घोटाला टाटा कंपनी ने किया, उसके विरूद्ध कारवाई के बदले रघुवर दास उसे और कंपनी लगाने के लिए आमंत्रित कर रही है। सरकार पैसे का रोना रोती है तो यह सब पैसा किसका है। उन्होंने छात्र-युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार से उम्मीद छोड़ दें और नए उलगुलान के लिए तैयार रहें। सभा को पार्टी प्रधान महासचिव प्रदीप यादव, सबा अहमद, अभय सिंह, मिस्त्री सोरेन, खालिद खलील, संतोष कुमार, सुनील गुप्ता, राजीव रंजन मिश्रा, उत्तम यादव, शोभा यादव, मनोज यादव, सरोज सिंह सहित कई ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा मोर्चा अध्यक्ष उत्तम यादव ने किया जबकि संचालन छात्र मोर्चा अध्यक्ष जीतेंद्र कुमार रिंकू ने किया।
जनता ने नहीं चुना रघुवर को, छत्तीसगढ़ में मुखिया तक नहीं बन सके हैं : प्रदीप यादव
पार्टी विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि रघुवर दास को जनता ने नहीं चुना। वे इलेक्टेड नहीं मोदी व अमित शाह के सिलेक्टेड सीएम हैं। महाराष्ट्र में टैक्सी ड्राइवर को लाइसेंस भी मराठी को ही मिलता है। मगर झारखंड में मास्टर व चपरासी भी दूसरे प्रदेश के लोग बनेंगे। क्या झारखंड धर्मशाला है जो तृतीय वर्ग की नौकरी में भी पूरे भारत का आवेदन मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गढ़वा के एक छात्र रंजीत तिवारी को बिहार में पास करने के बाद भी सिर्फ इसलिए नौकरी नहीं मिली कि वो बिहार का निवासी नहीं था। बिहार में भारत के निवासी होने के साथ-साथ बिहार का निवासी होना भी बाध्यता है। उन्होंने कहा कि पुलिस, मास्टर, चौकीदार, वनपाल, बीडीओ-सीओ सहित तमाम नौकरियों में ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं कि एक भी झारखंडी को नौकरी नहीं मिलेगी। अनुसूचित जिलों को 50 प्रतिशत सीटों को छोड़ दें तो गैर अनुसूचित जिले में एक भी स्थानीय को नौकरी नहीं मिलेगी।
राज्यपाल को ज्ञापन, यह है मांगे
-झारखंड में छात्रों की छात्रवृति कटौती वापस हो।
-सरकारी नियुक्तियों में झारखंडी मूलवासी एवं आदिवासी छात्रों की ही बहाली सुनिश्चित हो।
-जेपीएससी द्वारा जारी पीटी परीक्षाफल में हुई त्रुटियों को दूर किया जाए।
-माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली की त्रुटियों को दूर किया जाए।
-पीपीपी मोड पर संचालित सभी तकनीकी संस्थानों की मान्यता दी जाए।
-स्थानीयता को पुन: पारिभाषित किया जाए।
-ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले।
-उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में अध्यनरत उर्दू भाषा के छात्र-छात्राओं के लिए उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र की जाए।
-जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा-भाषी क्षेत्रों की पहचान कर प्रत्येक विद्यालय में क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों का पद सृजित करते हुए नियुक्ति के लिए कार्रवाई करने।
-गैर अनुसूचित जिलों को सभी सरकारी नियुक्तियों में सिर्फ जिला के मूलवासियों के लिए ही आरक्षित किया जाए।
फोटो: कौशल आनंद।
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