चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेज व पीजी विभाग के 36 शिक्षकों की प्रोन्नति की अनुशंसा झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन से की जा रही है. विवि में प्रोन्नति के लिए अलग-अलग कॉलेजों से कुल 107 आवेदन मिले थे. इनमें सात शिक्षकों के आवेदन पर विशषेज्ञों का पैनल विचार करेगा.
इन मामलों में शिक्षकों के प्रकाशित शोध पत्र की गुणवत्ता व पुस्तक के प्रकाशन की प्रकृति पर विचार किया जायेगा. वर्ष 1995 की प्रोन्नति नियमावली के आधार पर करीब 64 शिक्षकों के प्रोन्नति आवेदन को अयोग्य करार दिया गया है. कोल्हान विवि की स्थापना के बाद विभिन्न कॉलेजों के करीब 34 शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट से इन लोगों को विवि में आवेदन करने का दिशा-निर्देश मिला है.
न्यायालय के आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद विवि कोर्ट से जुड़े शिक्षकों के आवेदन पर विचार कर रहा है. बताया जा रहा है कि 34 शिक्षकों में से दो शिक्षक सन 1995 की नियमावली के अनुसार प्रोन्नति की योग्यता पूरी कर रहे हैं. बाकी मामलों में वर्तमान नियमावली के अनुसार प्रोन्नति देने में असमर्थता जाहिर करते हुए विवि न्यायालय को अपनी रिपोर्ट भेज रहा है. विवि की ओर से अबतक प्रोन्नति के लिए अनुशंसा किए जाने वाले शिक्षकों की सूची जारी नहीं की गयी है.
कोर्ट के हलफनामे में एमएन तिवारी समाजशास्त्र के शिक्षक: कोर्ट के हलफनामा के अनुसार जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में सेवारत एमएन तिवारी खुद को समाजशास्त्र का शिक्षक बता रहे हैं. कोर्ट के कागजात में अर्थशास्त्र की जगह समाजशास्त्र विषय देखकर विवि प्रशासन ने तिवारी से इस बारे में जानकारी मांगी है. उन्होंने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में बिहार से अपनी सेवा शुरू करने के बारे में जानकारी दी है.
विभिन्न कॉलेजों से प्रोन्नति के लिए 107 आवेदन मिले थे
सात शिक्षकों के आवेदन पर विशेषज्ञ पैनल करेगा विचार
1995 की प्रोन्नति नियमावली से 64 शिक्षकों का आवेदन अयोग्य करार
34 शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
34 शिक्षकों में सिर्फ दो शिक्षक 1995 की नियमावली से योग्यता पूरी कर रहे हैं
विवि प्रशासन रिपोर्ट तैयार कर जल्द कोर्ट में पेश करेगा
इन मामलों में शिक्षकों के प्रकाशित शोध पत्र की गुणवत्ता व पुस्तक के प्रकाशन की प्रकृति पर विचार किया जायेगा. वर्ष 1995 की प्रोन्नति नियमावली के आधार पर करीब 64 शिक्षकों के प्रोन्नति आवेदन को अयोग्य करार दिया गया है. कोल्हान विवि की स्थापना के बाद विभिन्न कॉलेजों के करीब 34 शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट से इन लोगों को विवि में आवेदन करने का दिशा-निर्देश मिला है.
न्यायालय के आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद विवि कोर्ट से जुड़े शिक्षकों के आवेदन पर विचार कर रहा है. बताया जा रहा है कि 34 शिक्षकों में से दो शिक्षक सन 1995 की नियमावली के अनुसार प्रोन्नति की योग्यता पूरी कर रहे हैं. बाकी मामलों में वर्तमान नियमावली के अनुसार प्रोन्नति देने में असमर्थता जाहिर करते हुए विवि न्यायालय को अपनी रिपोर्ट भेज रहा है. विवि की ओर से अबतक प्रोन्नति के लिए अनुशंसा किए जाने वाले शिक्षकों की सूची जारी नहीं की गयी है.
कोर्ट के हलफनामे में एमएन तिवारी समाजशास्त्र के शिक्षक: कोर्ट के हलफनामा के अनुसार जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में सेवारत एमएन तिवारी खुद को समाजशास्त्र का शिक्षक बता रहे हैं. कोर्ट के कागजात में अर्थशास्त्र की जगह समाजशास्त्र विषय देखकर विवि प्रशासन ने तिवारी से इस बारे में जानकारी मांगी है. उन्होंने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में बिहार से अपनी सेवा शुरू करने के बारे में जानकारी दी है.
विभिन्न कॉलेजों से प्रोन्नति के लिए 107 आवेदन मिले थे
सात शिक्षकों के आवेदन पर विशेषज्ञ पैनल करेगा विचार
1995 की प्रोन्नति नियमावली से 64 शिक्षकों का आवेदन अयोग्य करार
34 शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
34 शिक्षकों में सिर्फ दो शिक्षक 1995 की नियमावली से योग्यता पूरी कर रहे हैं
विवि प्रशासन रिपोर्ट तैयार कर जल्द कोर्ट में पेश करेगा
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