सरफराज कुरैशी }जमशेदपुर /रांची झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेंड (पीजीटी) टीचर पद पर नियुक्ति के लिए 19 फरवरी को रांची में 25 केंद्रों पर परीक्षा दो सीटिंग में कराई गई थी। 513 पद के लिए हुई इस परीक्षा के 25 केंद्रों में डीएवी पुंदाग, रांची भी शामिल था।
लेकिन यहां सेकेंड सीटिंग के दौरान बुकलेट में ओवरराइटिंग देखकर कुछ कैंडिडेट्स नाराज हो गए। उनका आरोप है कि ओवरराइटिंग किए जाने से यह शंका है कि प्रश्नपत्र आउट हो गया है। ऐसे में परीक्षा रद्द की जाए, अन्यथा कोर्ट भी जा सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में जेएसएससी के परीक्षा नियंत्रक योगेंद्र दुबे का कहना है कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई। सामान्य गलती के कारण ऐसा हुआ है। वैसे इस मामले में आयोग में विचार हो रहा है। जेएसएससी ने 19 फरवरी 2017 को पीजीटी की परीक्षा आयोजित कराई है, जिसमें सेटिंग-गेटिंग के आरोप लग रहे हैं। बोकारो के सिटी कॉलेज के एक प्रोफेसर ने एग्जाम में गड़बड़ी की शिकायत सीएम सचिवालय, एसीबी, राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग को भेजी है।
एग्जाम लिखने वाले कैंडिडेट में शामिल बीएस सिटी कॉलेज, बोकारो के भागवत राम ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने के साथ राज्यपाल, एसीबी और मानवाधिकार आयोग को भी इसकी प्रतिलिपि भेजी है। आवेदन में भागवत ने लिखा है कि जेएसएससी पीजीटी-टीसीई परीक्षा के रिजल्ट में भारी अनियमितता की आशंका है। पैरवी वाले लोग आंसरशीट खाली छोड़े हुए हैं।
जेएसएससी परीक्षा नियंत्रक को लिखे पत्र में कैंडिडेट ने बुकलेट नंबर क्या था और ओवरराइटिंग कर लिखे जाने की जानकारी दी।
कुछ कैंडिडेट्स को आॅब्जेक्शन था कि बुकलेट में मैन्युअली चेंज किया गया है। मौके पर मजिस्ट्रेट भी थे। कैंडिडेट्स ने आपत्ति जताते हुए यह आवेदन दिया था। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारी को दे दी गई है। राजश्रीमिश्रा, प्रभारी प्राचार्य, डीएवी पुंदाग
{परीक्षा नियंत्रकके अनुसार प्रश्न-पत्र लीक नहीं हुआ है तो फिर आप लोग ऐसा आरोप क्यों लगा रहे हैं कि कोई सेटिंग-गेटिंग हुई है?
-जिस बुकलेट को खाली छोड़ा गया, वह बाद में भरकर एग्जाम पास कराया जा सकता है। प्रश्नपत्र लीक होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यही नहीं, कुछ कैंडिडेट भी मौके से भाग गए थे।
{अब आपलोग क्या करेंगे?
- एकही सेंटर में ओवरराइटिंग क्यों की गई है। सीएम से शिकायत करने के अलावा अब हाईकोर्ट भी जाएंगे।
{डीएवी पुंदागसेंटर में एग्जाम के दौरान बुकलेट में ओवरराइटिंग की गई है, क्या आपको इसकी शिकायत मिली है?
-हां, शिकायत आई है। इस मामले में आयोग में विचार भी हो रहा है।
{इस मामलेमें क्या किया जा रहा है?
-कोई गड़बड़ी नहीं हुई। हमने जांच की है। एग्जाम लेने वाली एजेंसी से यह गलती हुई है। जो बुकलेट बनती हैं वह चार सीरीज में बनती हैं। लास्ट समय में एजेंसी को पता चला कि कुछ मिस्टेक हो गई है। इसलिए नंबर चेंज किया गया है। इसका सर्टिफिकेट भी एजेंसी ने दिया है।
{लेकिन कैंडिडेट्सका कहना है कि यह सब सेटिंग-गेटिंग के लिए किया गया है?
-नहीं, ऐसा नहीं है। बुकलेट में इंपोर्टेंट यह है कि अगर किसी कैंडिडेट ने रोल नंबर आदि नहीं भरा है, तो बुकलेट से ही आईडेंटिफाई होता है। सेटिंग-गेटिंग होता तो प्रश्न-पत्र बाहर हो जाता। ये सामान्य गलती है।
{अब इसमामले में आगे क्या होगा?
-अभी आयोग में यह मामला है। आयोग ही विचार करेगा। फिर जो भी होगा, सबको उसकी जानकारी मिल जाएगी।
भागवत राम, कैंडिडेट शिकायतकर्ता
योगेंद्र दुबे, परीक्षा नियंत्रक, जेएसएससी
लेकिन यहां सेकेंड सीटिंग के दौरान बुकलेट में ओवरराइटिंग देखकर कुछ कैंडिडेट्स नाराज हो गए। उनका आरोप है कि ओवरराइटिंग किए जाने से यह शंका है कि प्रश्नपत्र आउट हो गया है। ऐसे में परीक्षा रद्द की जाए, अन्यथा कोर्ट भी जा सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में जेएसएससी के परीक्षा नियंत्रक योगेंद्र दुबे का कहना है कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई। सामान्य गलती के कारण ऐसा हुआ है। वैसे इस मामले में आयोग में विचार हो रहा है। जेएसएससी ने 19 फरवरी 2017 को पीजीटी की परीक्षा आयोजित कराई है, जिसमें सेटिंग-गेटिंग के आरोप लग रहे हैं। बोकारो के सिटी कॉलेज के एक प्रोफेसर ने एग्जाम में गड़बड़ी की शिकायत सीएम सचिवालय, एसीबी, राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग को भेजी है।
एग्जाम लिखने वाले कैंडिडेट में शामिल बीएस सिटी कॉलेज, बोकारो के भागवत राम ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने के साथ राज्यपाल, एसीबी और मानवाधिकार आयोग को भी इसकी प्रतिलिपि भेजी है। आवेदन में भागवत ने लिखा है कि जेएसएससी पीजीटी-टीसीई परीक्षा के रिजल्ट में भारी अनियमितता की आशंका है। पैरवी वाले लोग आंसरशीट खाली छोड़े हुए हैं।
जेएसएससी परीक्षा नियंत्रक को लिखे पत्र में कैंडिडेट ने बुकलेट नंबर क्या था और ओवरराइटिंग कर लिखे जाने की जानकारी दी।
कुछ कैंडिडेट्स को आॅब्जेक्शन था कि बुकलेट में मैन्युअली चेंज किया गया है। मौके पर मजिस्ट्रेट भी थे। कैंडिडेट्स ने आपत्ति जताते हुए यह आवेदन दिया था। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारी को दे दी गई है। राजश्रीमिश्रा, प्रभारी प्राचार्य, डीएवी पुंदाग
{परीक्षा नियंत्रकके अनुसार प्रश्न-पत्र लीक नहीं हुआ है तो फिर आप लोग ऐसा आरोप क्यों लगा रहे हैं कि कोई सेटिंग-गेटिंग हुई है?
-जिस बुकलेट को खाली छोड़ा गया, वह बाद में भरकर एग्जाम पास कराया जा सकता है। प्रश्नपत्र लीक होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यही नहीं, कुछ कैंडिडेट भी मौके से भाग गए थे।
{अब आपलोग क्या करेंगे?
- एकही सेंटर में ओवरराइटिंग क्यों की गई है। सीएम से शिकायत करने के अलावा अब हाईकोर्ट भी जाएंगे।
{डीएवी पुंदागसेंटर में एग्जाम के दौरान बुकलेट में ओवरराइटिंग की गई है, क्या आपको इसकी शिकायत मिली है?
-हां, शिकायत आई है। इस मामले में आयोग में विचार भी हो रहा है।
{इस मामलेमें क्या किया जा रहा है?
-कोई गड़बड़ी नहीं हुई। हमने जांच की है। एग्जाम लेने वाली एजेंसी से यह गलती हुई है। जो बुकलेट बनती हैं वह चार सीरीज में बनती हैं। लास्ट समय में एजेंसी को पता चला कि कुछ मिस्टेक हो गई है। इसलिए नंबर चेंज किया गया है। इसका सर्टिफिकेट भी एजेंसी ने दिया है।
{लेकिन कैंडिडेट्सका कहना है कि यह सब सेटिंग-गेटिंग के लिए किया गया है?
-नहीं, ऐसा नहीं है। बुकलेट में इंपोर्टेंट यह है कि अगर किसी कैंडिडेट ने रोल नंबर आदि नहीं भरा है, तो बुकलेट से ही आईडेंटिफाई होता है। सेटिंग-गेटिंग होता तो प्रश्न-पत्र बाहर हो जाता। ये सामान्य गलती है।
{अब इसमामले में आगे क्या होगा?
-अभी आयोग में यह मामला है। आयोग ही विचार करेगा। फिर जो भी होगा, सबको उसकी जानकारी मिल जाएगी।
भागवत राम, कैंडिडेट शिकायतकर्ता
योगेंद्र दुबे, परीक्षा नियंत्रक, जेएसएससी
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