रांची। विद्यार्थियों के
बीच गणित का डर दूर करने के लिए और सरल तरीकों से समीकरण हल करने में मदद
के लिए झारखंड सरकार ने रांची के 100 स्कूलों में पायलट परियोजना के तहत
'वैदिक' गणित शुरू करने का फैसला किया है। इसे अगले अकादमिक सत्र से शुरू
किया जाएगा।
इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना ने दिल्ली के एक संस्थान से हाथ मिलाया है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों के नाम देने के निर्देश दिए हैं। इन स्कूलों में पहले चरण में पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्कूलों के नाम झारखंड शिक्षा परियोजना को स्कूलों के विवरण के साथ मार्च में भेजे जाएंगे। इसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या शामिल होगी। इन नामों के एक बार प्राप्त हो जाने के बाद इस संबंध में दिल्ली की कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
यह विषय पहले चरण में कक्षा चार से छह तक पढ़ाया जाएगा। इस कार्यक्रम की छह महीने बाद समीक्षा की जाएगी। यदि परिणाम सकारात्मक रहा तो इसे दूसरे स्कूलों में भी लागू किया जाएगा। आमधारणा के विपरीत वैदिक गणित का किसी धर्म से कुछ लेनादेना नहीं है। यह मूल तौर पर 16 सूत्रों पर आधारित एक अवधारणा है, जिसके जरिए सवालों को आसानी से हल किया जा सकता है।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ये सूत्र सभी अध्यायों पर लागू होंगे और जटिल सवालों को हल करने में कम समय लेते हैं। यहां तक कि स्कूलों में पढ़ाए जा रहे मुख्यधारा के गणित की तुलना में वैदिक गणित का पाठ्यक्रम बहुत थोड़े समय में पूरा हो सकता है।
इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना ने दिल्ली के एक संस्थान से हाथ मिलाया है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों के नाम देने के निर्देश दिए हैं। इन स्कूलों में पहले चरण में पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्कूलों के नाम झारखंड शिक्षा परियोजना को स्कूलों के विवरण के साथ मार्च में भेजे जाएंगे। इसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या शामिल होगी। इन नामों के एक बार प्राप्त हो जाने के बाद इस संबंध में दिल्ली की कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
यह विषय पहले चरण में कक्षा चार से छह तक पढ़ाया जाएगा। इस कार्यक्रम की छह महीने बाद समीक्षा की जाएगी। यदि परिणाम सकारात्मक रहा तो इसे दूसरे स्कूलों में भी लागू किया जाएगा। आमधारणा के विपरीत वैदिक गणित का किसी धर्म से कुछ लेनादेना नहीं है। यह मूल तौर पर 16 सूत्रों पर आधारित एक अवधारणा है, जिसके जरिए सवालों को आसानी से हल किया जा सकता है।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ये सूत्र सभी अध्यायों पर लागू होंगे और जटिल सवालों को हल करने में कम समय लेते हैं। यहां तक कि स्कूलों में पढ़ाए जा रहे मुख्यधारा के गणित की तुलना में वैदिक गणित का पाठ्यक्रम बहुत थोड़े समय में पूरा हो सकता है।
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