रांची : राज्य के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की भारी कमी
है. विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में कई विषय के शिक्षक नहीं
है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय की स्थिति काफी खराब है. ग्रेजुएशन और
पीजी में तीन-तीन हजार छात्रों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक है़
इस विवि के जेजे कॉलेज, झुमरी तिलैया में इतिहास विषय में 3329 छात्र
अध्ययनरत है़ं पर इन छात्रों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक हैं.
हालांकि इतिहास में प्रोफेसर के तीन पद स्वीकृत हैं. आरएस कॉलेज में इतिहास
विषय में 2104 छात्र अध्ययनरत हैं. पर यहां भी मात्र एक शिक्षक के भरोसे
छात्रों की पढ़ाई हो रही है. विश्वविद्यालय के कई कॉलेज में इस विषय में
शिक्षकों के पांच से 10 पद स्वीकृत हैं. पर आधे से अधिक पद खाली हैं.
विज्ञान संकाय की स्थित भयावह : विवि में विज्ञान संकाय में स्थिति और
भी भयावह है़ 10 से ज्यादा कॉलेजों में विज्ञान के विभिन्न विषयों को
पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है़ वनस्पति शास्त्र, जंतु विज्ञान और
भू-गर्भशास्त्र के स्नातक और स्नात्तकोतर स्तर में शिक्षक नहीं है़ इन
विषयों में अलग-अलग कॉलेज में सैकड़ों छात्र पढ़ाई कर रहे है़ं
जंतु व वनपस्पति शास्त्र पढ़ानेवाले शिक्षक नहीं
हालांकि इस विषय में पीजी की पढ़ाई कर रहे 78 छात्रों लिए
विश्वविद्यालय में तीन प्रोफेसर कार्यरत है़ं विश्वविद्यालय के कई कॉलेज
में जंतु और वनस्पति शास्त्र के शिक्षकों की भारी कमी है. बीएसके कॉलेज,
मैथन में बॉटनी की पढ़ाई कर रहे 162 छात्रों के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं.
गिरिडीह कॉलेज में भी बॉटनी के शिक्षक नहीं है. जबकि इस कॉलेज में 143
छात्रों ने इस विषय की पढ़ाई के लिए नामांकन कराया है़ जेजे कॉलेज कॉलेज
में जंतु और वनस्पति शास्त्र में करीब 500 छात्रों को इन दोनों विषय में
पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है़ं
19 कॉलेजों में भू-गर्भशास्त्र के दो प्रोफेसर : भू-गर्भशास्त्र में
19 कॉलेजों में मात्र दो प्रोफेसर है़ं ये प्रोफेसर गिरिडीह कॉलेज और पीके
राय मेमोरियल कॉलेज में पदस्थापित हैं. आदर्श कॉलेज, राजधनवार में 166
छात्रों और संत कोलंबस कॉलेज में 267 छात्रों को इस विषय की पढ़ाई कराने के
लिए कोई प्रोफेसर नहीं हैं.
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