रांची : झारखंड में शिक्षक नियुक्ति नियामवली 2012 में बदलाव किया
जायेगा. इससे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति
प्रक्रिया बदल जायेगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में सफल अभ्यर्थियों
की सीधी नियुक्ति नहीं होगी. नियुक्ति के लिए उन्हें परीक्षा देनी होगी.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने नियमावली में बदलाव की प्रक्रिया शुरू
कर दी है.
प्रस्ताव तैयार है. नयी नियमावली के तहत प्राथमिक व मध्य विद्यालय में भी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली जायेगी. परीक्षा लेने की जिम्मेदारी झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग या जैक को दी जा सकती है. नियमावली में बदलाव के प्रस्ताव को विभागीय स्वीकृति मिलने के बाद कार्मिक व वित्त विभाग को भेजा जायेगा.
प्रस्ताव तैयार है. नयी नियमावली के तहत प्राथमिक व मध्य विद्यालय में भी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली जायेगी. परीक्षा लेने की जिम्मेदारी झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग या जैक को दी जा सकती है. नियमावली में बदलाव के प्रस्ताव को विभागीय स्वीकृति मिलने के बाद कार्मिक व वित्त विभाग को भेजा जायेगा.
पहले टेट पास करना होगा : नयी नियमावली के तहत शिक्षक में नियुक्त होने को इच्छुक अभ्यर्थी को पहले टेट पास करना होगा.
टेट में सफल होने के बाद ही वह नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो
पायेगा. नियुक्ति परीक्षा राज्यस्तरीय होगी. अलग-अलग जिले के लिए एक साथ
आवेदन जमा लिये जायेंगे. जिलों का मेरिट लिस्ट भी अलग होगा. अभ्यर्थी जिस
जिले के लिए आवेदन जमा करेंगे, नियुक्ति उसी जिले में होगी. सफल
अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा निदेशालय द्वारा जिलों को की जायेगी.
अब तक हो रही थी सीधी नियुक्ति
शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रावधान लागू होने के बाद झारखंड में
टेट सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति की जा रही थी. टेट सफल अभ्यर्थियों
का मैट्रिक, इंटर, स्नातक व शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा और टेट के
प्राप्तांक के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार किया जाता था. वर्ष 2013 में टेट
में 65 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. इनमें 16 हजार की सीधी नियुक्ति हुई थी.
49 हजार टेट सफल अभ्यर्थी अब भी सीधी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. दूसरी
परीक्षा 20 नवंबर को हुई थी. परीक्षा में 2.55 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए
हैं.
फरजी नियुक्ति के बाद निर्णय
टेट में सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति जिला स्तर पर की गयी थी.
इसमें काफी संख्या में फरजी अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो गयी. आरक्षण के
प्रावधान का पालन ठीक से नहीं हुआ. कई जिलों में मेरिट लिस्ट बनाने में
गड़बड़ी की गयी. रोक के बाद भी पारा शिक्षक को गैर पारा शिक्षक की कोटि
में नियुक्त कर दिया गया. शिक्षकों के स्कूल में योगदान देने के एक वर्ष
बाद उन्हें हटाया जा रहा है. राज्य भर में लगभग 500 से अधिक नव नियुक्त
शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया चल रही है.
नियुक्ति में गड़बड़ी के कारण दो जिला शिक्षा अधीक्षक को अब तक
निलंबित किया जा चुका है. अब भी कई जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया की जांच
चल रही है.
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