रांची : भाजपा के दो विधायकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख
कर शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सुधार करने का आग्रह किया है. महगामा
विधायक अशोक कुमार व गोड्डा विधायक अमित कुमार मंडल की ओर से लिखे गये पत्र
में गैर अनुसूचित 11 जिलों में होनेवाली नियुक्ति में स्थानीय के लिए
आरक्षण का प्रावधान करने का आग्रह किया गया है.
सीएम को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति
नियमावली में गैर अनुसूचित 11 जिलों के लिए वर्तमान नियमावली में दूसरे
राज्यों के आवेदकों को सामान्य वर्ग में समान दावेदारी का अधिकार दिया गया
है. नियमावली में भारत की नागरिकता लिखी है, जिससे गोड्डा जिला के साथ
राज्य के अन्य गैर अनुसूचित 11 जिलों के विद्यार्थियों को नुकसान होगा.
सामान्य सीट होने के कारण अधिकतर नौकरी दूसरे राज्यों के आवेदकों को मिल
जायेगी.
झारखंड वासियों को अधिक से अधिक लाभ हो, इसके लिए इस नियुक्त
प्रक्रिया को भी राज्यस्तरीय किया जाना चाहिए. पत्र में नियमावली में ओपेन
टू ऑल पर रोक लगाते हुए दूसरे राज्यों के आवेदकों के लिए पांच प्रतिशत सीट
आरक्षित करने की मांग की गयी. शेष सीटों को झारखंड के आवेदकों के लिए
सुरक्षित करने का आग्रह किया गया, ताकि झारखंड के बेरोजगारों को नौकरी का
अवसर मिल सके.
गैर अनुसूचित जिलों में 9149 रिक्तियां
राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में 9149 रिक्तियां हैं. इसको लेकर
विभाग की ओर से विज्ञापन निकाला गया है. गैर अनुसूचित जिलों में गढ़वा,
पलामू, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा व
देवघर जिला शामिल है. यहां पर हिंदी, अंगरेजी, संस्कृत, उर्दू, उड़िया,
बंगला, फारसी, नागपुरी, पंचपरगनिया, कुरमाली, मुंडारी, कुडुख, गणित,
भौतिकी, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, इतिहास, नागरिक शास्त्र, भूगोल,
अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा, गृह विज्ञान, वाणिज्य, संगीत, उरांव, हो,
खोरठा, संताली और अरेबिक विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति होनी है.
सदान मोरचा का छात्र संसद 15 को : गैर अनुसूचित जिलों की नियमावली में
संशोधन पर विचार करने के लिए झारखंड सदान मोरचा ने 15 जनवरी को राजधानी
रांची में छात्र संसद का आयोजन किया है. इसमें विभिन्न जिलों के छात्रों से
इस विषय पर राय ली जायेगी. मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने
कहा कि गैर अनुसूचित जिलों की रिक्तियों में भी स्थानीय लोगों को लाभ मिलना
चाहिए. सरकार को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि राज्य के ज्यादा से ज्यादा
छात्रों की इसमें बहाली हो सके.
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