सुप्रीमकोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद जेपीएससी मेधा घोटाला मामले की
अब जल्द सीबीआई जांच शुरु होगी . पैरवी और पैसों के बल पर नौकरी पाने वाले
लोगों में इस निर्णय के बाद हड़कंप मच गई है. जून 2012 में हाईकोर्ट के
निर्देश के बाद सुप्रीमकोर्ट ने सीबीआई जांच पर स्टे लगा दिया था.
बुद्धदेव उरांव की हस्तक्षेप याचिका ने एक बार मेधा घोटालाबाजों की परेशानी बढ़ गई है.
क्या है मामला
सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को बुद्धदेव उरांव की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए जेपीएससी की 12 परीक्षाओं की सीबीआई जांच पर लगाई गई रोक को हटाते हुए इसकी जांच शुरु करने को कहा है. हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक हटा लेने पर नौकरी के बाद प्रमोशन तक पाए अफसरों पर तलवार लटक गई है.
इन परीक्षाओं की सीबीआई करेगी जांच
प्रथम जेपीएससी सिविव सेवा परीक्षा के 64 पद, दूसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के 172 पद, तीसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, वि वि.व्याख्याता नियुक्ति परीक्षा के 750 पद, सहायक अभियंता,कनीय अभियंता नियुक्ति के 335 पद, शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के 9735, चिकित्सक नियुक्ति परीक्षा के 1070, डिप्टी रजिस्ट्रार नियुक्ति परीक्षा के 02 पद, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी परीक्षा के 325 पद, बाजार पर्यवेक्षक परीक्षा के 53 पद, राजकीय फार्मेसी संस्थान लेक्चरर नियुक्ति के 07 पद के लिए हुई परीक्षा की जांच होगी.
2012 में सीबीआई ने शुरू की थी जांच
इन परीक्षाओं में हुई बड़े पैमाने पर अनियमितता को देखते हुए जून 2012 में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था जिसके बाद इन परीक्षाओं में सफल रहे अभ्यर्थियों ने सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देकर 7 अगस्त 2012 को स्टे कराने में सफल हो गए. मगर याचिकाकर्ता बुद्धदेव उरांव ने हार नहीं मानी और 11 जुलाई 2014 को हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर इस आदेश की चुनौती एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट में दे डाला. हालांकि हस्तक्षेप याचिका पर राज्य सरकार ने सहमति जताई और आखिरकार इसकी जांच सीबीआई को एक बार फिर सौंपी गई है.
छात्रों में खुशी
इन परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे छात्रों ने भी खुशी जताई है. छात्र नेता मनोज कुमार ने कहा कि जेपीएससी के तहत अब तक जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सबमें घोटाले की बात सामने आयी है.
बहरहाल सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद पैरवी और पैसों के बल पर नौकरी पाने में सफल हो गए लोगों की नींद उड़ाकर रख दी है. वहीं सीबीआई जल्द ही एक बार फिर जेपीएससी मेधा घोटाले के बंद पड़े जांच फाइल को फिर से खोलने की तैयारी में जुट गई है जो करीब 12 केसों की जांच करेगी.
बुद्धदेव उरांव की हस्तक्षेप याचिका ने एक बार मेधा घोटालाबाजों की परेशानी बढ़ गई है.
क्या है मामला
सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को बुद्धदेव उरांव की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए जेपीएससी की 12 परीक्षाओं की सीबीआई जांच पर लगाई गई रोक को हटाते हुए इसकी जांच शुरु करने को कहा है. हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक हटा लेने पर नौकरी के बाद प्रमोशन तक पाए अफसरों पर तलवार लटक गई है.
इन परीक्षाओं की सीबीआई करेगी जांच
प्रथम जेपीएससी सिविव सेवा परीक्षा के 64 पद, दूसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के 172 पद, तीसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, वि वि.व्याख्याता नियुक्ति परीक्षा के 750 पद, सहायक अभियंता,कनीय अभियंता नियुक्ति के 335 पद, शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के 9735, चिकित्सक नियुक्ति परीक्षा के 1070, डिप्टी रजिस्ट्रार नियुक्ति परीक्षा के 02 पद, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी परीक्षा के 325 पद, बाजार पर्यवेक्षक परीक्षा के 53 पद, राजकीय फार्मेसी संस्थान लेक्चरर नियुक्ति के 07 पद के लिए हुई परीक्षा की जांच होगी.
2012 में सीबीआई ने शुरू की थी जांच
इन परीक्षाओं में हुई बड़े पैमाने पर अनियमितता को देखते हुए जून 2012 में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था जिसके बाद इन परीक्षाओं में सफल रहे अभ्यर्थियों ने सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देकर 7 अगस्त 2012 को स्टे कराने में सफल हो गए. मगर याचिकाकर्ता बुद्धदेव उरांव ने हार नहीं मानी और 11 जुलाई 2014 को हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर इस आदेश की चुनौती एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट में दे डाला. हालांकि हस्तक्षेप याचिका पर राज्य सरकार ने सहमति जताई और आखिरकार इसकी जांच सीबीआई को एक बार फिर सौंपी गई है.
छात्रों में खुशी
इन परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे छात्रों ने भी खुशी जताई है. छात्र नेता मनोज कुमार ने कहा कि जेपीएससी के तहत अब तक जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सबमें घोटाले की बात सामने आयी है.
बहरहाल सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद पैरवी और पैसों के बल पर नौकरी पाने में सफल हो गए लोगों की नींद उड़ाकर रख दी है. वहीं सीबीआई जल्द ही एक बार फिर जेपीएससी मेधा घोटाले के बंद पड़े जांच फाइल को फिर से खोलने की तैयारी में जुट गई है जो करीब 12 केसों की जांच करेगी.
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