गिरिडीह : पुरस्कार और सम्मान पाना हर किसी के लिए गर्व की बात होती
है। बात जब सरकारस्तर से पुरस्कृत होने की हो तो इसकी महत्ता और भी बढ़
जाती है। मुख्यमंत्री शिक्षक पुरस्कार योजना के तहत अनुमंडल, जिला और
राज्यस्तर पर शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है।
लेकिन, इस बार जिले के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को सरकारस्तर से मिलने वाले पुरस्कार से वंचित रहना पड़ सकता है।
इसकी वजह है विद्यालयों से ऐसे योग्य शिक्षकों की सूची शिक्षा विभाग को अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अनुमंडल स्तर पर 10 हजार, जिला स्तर पर 15 हजार और राज्यस्तर पर पुरस्कृत होने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को 25 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2016-17 के लिए उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से गत मई माह में ही अपने-अपने स्कूल के शिक्षकों की सूची डीईओ ने मांगी है। इसे लेकर उन्होंने सभी को कई बार स्मार पत्र भी दिया, लेकिन अभी तक सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी है। यदि शीघ्र ही सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी तो पुरस्कार के लिए जिला को उपलब्ध करायी गयी राशि सरकार को वापस हो सकती है।
15 दिन के अंदर सूची नहीं मिली तो लौट जाएगी राशि : डीईओ
शिक्षा विभाग ने झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ एवं झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव को पत्र प्रेषित कर वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराने में सहयोग करने की अपील की है। डीईओ निर्मला कुमारी बरेलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री शिक्षक पुरस्कार योजना के तहत जिला एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार हेतु प्रधानाध्यापकों से तीन फोल्डर में फाइल तैयार कर कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन किसी भी विद्यालय से फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया गया है। बार-बार निर्देश देने के बाद भी शिक्षकों की सूची उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। यदि 15 दिन के अंदर सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी तो माना जाएगा कि जिले में कोई शिक्षक पुरस्कार पाने के योग्य नहीं हैं। ऐसी स्थिति में पुरस्कार के लिए मिली राशि सरकार को वापस लौटा दी जाएगी।
लेकिन, इस बार जिले के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को सरकारस्तर से मिलने वाले पुरस्कार से वंचित रहना पड़ सकता है।
इसकी वजह है विद्यालयों से ऐसे योग्य शिक्षकों की सूची शिक्षा विभाग को अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अनुमंडल स्तर पर 10 हजार, जिला स्तर पर 15 हजार और राज्यस्तर पर पुरस्कृत होने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को 25 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2016-17 के लिए उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से गत मई माह में ही अपने-अपने स्कूल के शिक्षकों की सूची डीईओ ने मांगी है। इसे लेकर उन्होंने सभी को कई बार स्मार पत्र भी दिया, लेकिन अभी तक सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी है। यदि शीघ्र ही सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी तो पुरस्कार के लिए जिला को उपलब्ध करायी गयी राशि सरकार को वापस हो सकती है।
15 दिन के अंदर सूची नहीं मिली तो लौट जाएगी राशि : डीईओ
शिक्षा विभाग ने झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ एवं झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव को पत्र प्रेषित कर वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराने में सहयोग करने की अपील की है। डीईओ निर्मला कुमारी बरेलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री शिक्षक पुरस्कार योजना के तहत जिला एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार हेतु प्रधानाध्यापकों से तीन फोल्डर में फाइल तैयार कर कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन किसी भी विद्यालय से फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया गया है। बार-बार निर्देश देने के बाद भी शिक्षकों की सूची उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। यदि 15 दिन के अंदर सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी तो माना जाएगा कि जिले में कोई शिक्षक पुरस्कार पाने के योग्य नहीं हैं। ऐसी स्थिति में पुरस्कार के लिए मिली राशि सरकार को वापस लौटा दी जाएगी।
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