उर्दू शिक्षक संघ ने बायोमेट्रिक उपस्थिति पर रोक लगाने की मांग की - The JKND Teachers Blog - झारखंड - शिक्षकों का ब्लॉग

► Today's Breaking

ads

Hot

Post Top Ad

Your Ad Spot

Wednesday 27 April 2022

उर्दू शिक्षक संघ ने बायोमेट्रिक उपस्थिति पर रोक लगाने की मांग की

 रांची। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के सदस्‍यों ने कोविड के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर बायोमेट्रिक उपस्थिति पर रोक लगाने की मांग की है। संघ की 26 अप्रैल को केंद्रीय कार्यालय में हुई आपात बैठक में यह प्रस्‍ताव पारित किया गया। बैठक की अध्यक्षता वरीय उपाध्यक्ष नाजि‍म अशरफ ने की। संचालन महासचिव अमीन अहमद ने किया।

महासचिव ने बताया कि बैठक में पांच प्रस्तावों पारित किये गये। उन्‍होंने कहा कि हमारा पहला कर्तव्य शिक्षण से जुड़े कार्य हैं, जिसे छात्र हित में मुश्किल दौर में भी पूर्ण करना शिक्षकों की जिम्मेवारी बनती है।

पारित प्रस्तावों को सरकार एवं विभाग के संज्ञान में लाने के लिए जल्द ही संघ के सदस्‍य मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं सभी संबधित पदाधिकारियों से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा।

बैठक में केंद्रीय समिति के वरीय उपाध्यक्ष नाजि‍म अशरफ, महासचिव अमीन अहमद, प्रवक्ता शहजाद अनवर, मकसूद जफर, मो फखरुद्दीन, रांची जिला अध्यक्ष राकिम अहसन, शमशाद आलम,  मो एकबाल, रबनवाज, ऑनलाईन माध्‍यम से कोल्हान प्रमंडल से शीन अनवर, अब्दुल माजिद, साबिर अहमद, गुलाम अहमद  बोकारो से मुफीद आलम, लोहरदगा से एनामुल हक और तौहीद आलम भी शामिल हुए।

बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्‍ताव

बायोमेट्रिक उपस्थिति को तत्काल प्रभाव से रोक लगा देनी चाहिए, क्योंकि कोविड गाइड लाइन के अनुसार सामूहिक इस्तेमाल की वस्तुओं से संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होगा। शिक्षक बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए स्कैनर का इस्तेमाल सामूहिक रूप से करते हैं। वर्तमान में घोषित पंचायत चुनाव के मद्देनजर राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है, जबकि टैब द्वारा उपिस्थिति दर्ज करने पर पूर्व मुख्यमंत्री की तीस सेकंड का वीडियो क्लिप दिखाई पड़ती है, जिसमें वह सरकारी योजना की जानकारी दे रहे हैं। यह आचार संहिता का सरासर उलंघन प्रतीत होता है।

कोविड संक्रमण काल में बच्चों की पढ़ाई बाधित होने के मद्देनजर शिक्षा सचिव द्वारा गर्मी छुट्टी रद्द करने या कम करने के फैसले का स्वागत करते हैं। अन्य विभागों की भांति शिक्षकों के लिए भी रद्द की जानी वाली गर्मी छुट्टी के बदले अर्जित अवकाश घोषित किया जाय।

हिन्दी और अंग्रेजी की तरह उर्दू विषय भी मुख्य भाषा है, परंतु इस बार आठवीं बोर्ड की परीक्षा में उर्दू विषय को मुख्य विषय से हटाकर ऐच्छिक विषय के समूह में रखा गया है। इससे छात्रों के समक्ष विभिन्न समस्या उत्पन्न हो रही है, जिसे सुधार करने की जरूरत है।

सभी विषयों के हिन्दी भाषा में प्रकाशित पुस्तकों (बिग बुक) का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद की प्रक्रिया विभागीय आदेशानुसार चल रही है। इसके लिए विभिन्न भाषाओं के जानकार शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया जा चुका है, परन्तु उर्दू भाषा में अनुवाद के लिए उर्दू के जानकार शिक्षकों का प्रतिनियोजन अब तक नहीं किया गया है। उर्दू भाषा की उपेक्षा से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।

कोविड के कारण दो वर्षों से बाधित बच्चों की पढ़ाई की भरपाई के लिए शिक्षक तत्पर हैं। शिक्षक अतिरिक्त समय देने के लिए भी तैयार हैं। इसके लिए विभाग को भी शिक्षकों को किसी भी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाना चाहिए।

No comments:

Post a Comment

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Advertisement

Big Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Copyright © 2019 Tech Location BD. All Right Reserved