Ranchi: शिक्षा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का
सही से अनुपालन राज्य के जिला प्रशासनिक अधिकारी नहीं करते. विभाग और जिला
स्तरीय अधिकारियों के बीच माध्यमिक शिक्षकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
पिछले तीन सालों से राज्य के माध्यमिक शिक्षकों का प्रवरण वेतनमान रुका हुआ
है.
जबकि इसके लिए शिक्षा विभाग ने साल 2016 में ही आदेश दिया है कि माध्यमिक शिक्षक जो 12 सालों तक सेवा दे चुके हैं, उनका प्रवरण (एसीपी) वेतनमान जल्द से जल्द दे दिया जाये. ऐसे में तीन साल हो जाने के बाद भी राज्य के शिक्षकों को एसीपी वेतनमान नहीं दिया गया. विभाग की ओर से निर्देश दिया गया था कि उपायुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से शिक्षकों को एसीपी वेतनमान दिया जाएगा. इसके लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का भी गठन किया जाना है. कई माध्यमिक शिक्षकों ने जानकारी दी उपायुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी के बीच शिक्षक फंस गए हैं, कोई भी सही जानकारी नहीं देता.
जबकि इसके लिए शिक्षा विभाग ने साल 2016 में ही आदेश दिया है कि माध्यमिक शिक्षक जो 12 सालों तक सेवा दे चुके हैं, उनका प्रवरण (एसीपी) वेतनमान जल्द से जल्द दे दिया जाये. ऐसे में तीन साल हो जाने के बाद भी राज्य के शिक्षकों को एसीपी वेतनमान नहीं दिया गया. विभाग की ओर से निर्देश दिया गया था कि उपायुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से शिक्षकों को एसीपी वेतनमान दिया जाएगा. इसके लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का भी गठन किया जाना है. कई माध्यमिक शिक्षकों ने जानकारी दी उपायुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी के बीच शिक्षक फंस गए हैं, कोई भी सही जानकारी नहीं देता.
6874 शिक्षकों का रुका एसीपी वेतनमान
पिछले तीन सालों से राज्य के 6874 शिक्षकों का एसीपी वेतनमान रुका है. जमशेदपुर के शिक्षकों ने बताया कि जिला के 300 शिक्षकों का प्रवरण वेतनमान रुका है. चतरा, पलामू, खूंटी, चाईबासा समेत अन्य जिलों के शिक्षकों ने जानकारी दी कि उपायुक्त के पास जाने से जिला शिक्षा पदाधिकारी तो वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास जाने से उपायुक्त के पास जाने की बात कही जाती है. जबकि राज्य में पूर्व से ही शिक्षकों की प्रोन्नति रुकी है. ऐसे में एसीपी वेतनमान ही उनका एक सहारा है. शिक्षकों ने बताया कि कई शिक्षक ऐसे हैं जो 24 साल तक सेवा दे चुके है.तीन जिलों के शिक्षकों को मिल चुका है एसीपी वेतनमान
गढ़वा, देवघर और पाकुड़ के शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान मिल चुका है. वहीं
कुछ शिक्षकों ने जानकारी दी कि उन्हें एसीपी वेतनमान का लाभ सेवानिवृत्ति
के बाद दिया गया. वहीं कुछ शिक्षक बाकी जिलों में ऐसे हैं जो सेवानिवृत्त
हो चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें एसीपी वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया है.
कई वरीय शिक्षकों ने जानकारी दी कि पहले राज्य में बिहार सेवा शर्त
नियमावली लागू थी. ऐसे में 1994 से भी कई शिक्षकों को एसीपी वेतनमान नहीं
मिला है. अब ऐसे शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं.
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