रांची. स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक ने पहले अपने बर्थ सर्टिफिकेट में पांच वर्ष घटाकर तय रिटायरमेंट उम्र (60 साल) से तीन साल अधिक नौकरी कर ली। वीआरएस के लिए आवेदन दिया तो जांच में शिक्षक द्वारा बर्थ सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की पुष्टि हो गई है।
अब शिक्षक पर िवभागीय कार्यवाही और केस भी दर्ज होगा।
इरफान ने 18 की जगह 17 साल में ही नौकरी पा ली
छेड़छाड़के बाद बनाए नए सर्टिफिकेट के मुताबिक इरफान ने 13 साल में मैट्रिक पास कर लिया था। इस हिसाब से उसने महज दो साल में ही स्कूल में पढ़ाई भी शुरू कर दिया था। 15 साल में इरफान ने दो वर्षीय शिक्षक ट्रेनिंग भी पास कर लिया और 17 साल में नौकरी पा ली। जबकि कायदे से नौकरी की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए।
मामला रांची जिले अनगड़ा प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय राजाडेरा के शिक्षक मो. इरफान अली का है। इन्होंने अपना डेट ऑफ बर्थ 3 जनवरी 1959 दिखाया है। असल में यह 3 जनवरी 1954 है। इस हिसाब से 3 साल पहले ही इरफान को रिटायर्ड होना था। इरफान लंबे समय तक डीईओ कार्यालय रांची में कार्यरत रहे।
बीआरएस आवेदन में संदेह होने पर इरफान का बर्थ सर्टिफिकेट जांच के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना भेजा गया। तब वर्तमान झारखंड के स्कूल संयुक्त बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तहत ही थे। समिति ने जांच रिपोर्ट भेज इरफान की जन्म तिथि तीन जनवरी 1954 पर मुहर लगाई है।
3 साल में विभाग को 22 लाख की चपत लगाई
अनगड़ा मध्य विद्यालय राजाडेरा में शिक्षक मो. इरफान अली के प्रमाण पत्रों की जांच में छेड़छाड़ की बात प्रमाणित हो चुकी है। शिक्षक पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इरफान ने तीन साल अधिक नौकरी कर बतौर वेतन कुल 22 लाख रुपए लिए। अब यह राशि इरफान काे मिलने वाले पेंशन मद से शिक्षा विभाग वसूलेगा। यानी उनका पेंशन लाभ एडजस्टमेंट में चला जाएगा। -शिवेंद्रकुमार, डीएसई रांची
अब शिक्षक पर िवभागीय कार्यवाही और केस भी दर्ज होगा।
इरफान ने 18 की जगह 17 साल में ही नौकरी पा ली
छेड़छाड़के बाद बनाए नए सर्टिफिकेट के मुताबिक इरफान ने 13 साल में मैट्रिक पास कर लिया था। इस हिसाब से उसने महज दो साल में ही स्कूल में पढ़ाई भी शुरू कर दिया था। 15 साल में इरफान ने दो वर्षीय शिक्षक ट्रेनिंग भी पास कर लिया और 17 साल में नौकरी पा ली। जबकि कायदे से नौकरी की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए।
मामला रांची जिले अनगड़ा प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय राजाडेरा के शिक्षक मो. इरफान अली का है। इन्होंने अपना डेट ऑफ बर्थ 3 जनवरी 1959 दिखाया है। असल में यह 3 जनवरी 1954 है। इस हिसाब से 3 साल पहले ही इरफान को रिटायर्ड होना था। इरफान लंबे समय तक डीईओ कार्यालय रांची में कार्यरत रहे।
बीआरएस आवेदन में संदेह होने पर इरफान का बर्थ सर्टिफिकेट जांच के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना भेजा गया। तब वर्तमान झारखंड के स्कूल संयुक्त बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तहत ही थे। समिति ने जांच रिपोर्ट भेज इरफान की जन्म तिथि तीन जनवरी 1954 पर मुहर लगाई है।
3 साल में विभाग को 22 लाख की चपत लगाई
अनगड़ा मध्य विद्यालय राजाडेरा में शिक्षक मो. इरफान अली के प्रमाण पत्रों की जांच में छेड़छाड़ की बात प्रमाणित हो चुकी है। शिक्षक पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इरफान ने तीन साल अधिक नौकरी कर बतौर वेतन कुल 22 लाख रुपए लिए। अब यह राशि इरफान काे मिलने वाले पेंशन मद से शिक्षा विभाग वसूलेगा। यानी उनका पेंशन लाभ एडजस्टमेंट में चला जाएगा। -शिवेंद्रकुमार, डीएसई रांची
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