सिमडेगा : शहर के रामवि विद्यालय ठाकुरटोली में दूसरे दिन भी गुणात्मक
शिक्षा उन्मुखीकरण में युवा शिक्षकों की भूमिका विषय पर आयोजित प्रशिक्षण
जारी रहा। दूसरे दिन प्रशिक्षण का शुभारंभ राष्ट्रीय गान के साथ किया गया।
तत्पश्चात सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका शुशीला देवी ने शिक्षकों को संबोधित
किया।
उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समय की मांग विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के बीच नैतिक शिक्षा की पढ़ाई जरुर करें, क्योंकि आज के बच्चे संस्कार को भूलते जा रहे हैं। साथ ही अनुशासन एवं समयबद्धता पर भी हर शिक्षक को ध्यान देना चाहिये। इसके उपरांत राज्य समंवयक बिनाआदी देव ने सर्वप्रथम संघ के महत्व को पर प्रकाश डालते हुए ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि आज समाज हमारी ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। सरकारी विद्यालय मे अधिकतर बच्चे गरीब तबके के होते हैं। उन्हें भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है, क्योंकि आज का समय प्रतियोगिता का है। ऐसे में हमारे बच्चों को अगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिले तो यह अन्याय होगा। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को इस पर गहनता पूर्वक विचार करना चाहिये। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के उपर कभी-कभी अन्य कार्यों का बोझ डाला जाता है, परन्तु सारे कार्य को करते हुये भी हमारा फोकस सिर्फ और सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर होनी चाहिए और ये सारे कार्य युवा शिक्षकों पर ही निर्भर है। युवा शिक्षक अगर मेहनत एवं ईमानदारी से कार्य करेंगे तो हम समाज के नजरों मे खरे उतरेंगे। प्रशिक्षण के दौरान ससमय विद्यालय जाना, विद्यालय मे अनुशासन बनाये रखना, प्रार्थना के समय ही समाचार वाचन, सामान्य ज्ञान, किसी विषय पर बच्चों से भाषण देना, कविता पाठ कराना, वर्ग जाने पर पहले नैतिक शिक्षा के बारे बतलाते हुये पाठ का शुरुआत करना, प्रतिदिन हिन्दी और अंग्रेजी का पाठ लिखना, प्रोजेक्ट कार्य कराना, स्वच्छता के महत्व को बतलाना, पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बतलाना, विद्यालय स्तर पर खेल, शारीरिक शिक्षा आदि के महत्व पर विशेष ध्यान देना, बच्चों के उच्चारण पर ध्यान देना आदि सारे आयामों पर विस्तार से जानकारी दिया। इसके अलावा प्रशिक्षण में अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित कर प्रशिक्षण की महत्ता पर रोशनी डालते हुए समाज को जागृत करने के लिए प्रयास करने की अपील की। मौके पर मनोज कुमार भगत, अरुण ¨सह मौजूद थे।
उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समय की मांग विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के बीच नैतिक शिक्षा की पढ़ाई जरुर करें, क्योंकि आज के बच्चे संस्कार को भूलते जा रहे हैं। साथ ही अनुशासन एवं समयबद्धता पर भी हर शिक्षक को ध्यान देना चाहिये। इसके उपरांत राज्य समंवयक बिनाआदी देव ने सर्वप्रथम संघ के महत्व को पर प्रकाश डालते हुए ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि आज समाज हमारी ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। सरकारी विद्यालय मे अधिकतर बच्चे गरीब तबके के होते हैं। उन्हें भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है, क्योंकि आज का समय प्रतियोगिता का है। ऐसे में हमारे बच्चों को अगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिले तो यह अन्याय होगा। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को इस पर गहनता पूर्वक विचार करना चाहिये। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के उपर कभी-कभी अन्य कार्यों का बोझ डाला जाता है, परन्तु सारे कार्य को करते हुये भी हमारा फोकस सिर्फ और सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर होनी चाहिए और ये सारे कार्य युवा शिक्षकों पर ही निर्भर है। युवा शिक्षक अगर मेहनत एवं ईमानदारी से कार्य करेंगे तो हम समाज के नजरों मे खरे उतरेंगे। प्रशिक्षण के दौरान ससमय विद्यालय जाना, विद्यालय मे अनुशासन बनाये रखना, प्रार्थना के समय ही समाचार वाचन, सामान्य ज्ञान, किसी विषय पर बच्चों से भाषण देना, कविता पाठ कराना, वर्ग जाने पर पहले नैतिक शिक्षा के बारे बतलाते हुये पाठ का शुरुआत करना, प्रतिदिन हिन्दी और अंग्रेजी का पाठ लिखना, प्रोजेक्ट कार्य कराना, स्वच्छता के महत्व को बतलाना, पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बतलाना, विद्यालय स्तर पर खेल, शारीरिक शिक्षा आदि के महत्व पर विशेष ध्यान देना, बच्चों के उच्चारण पर ध्यान देना आदि सारे आयामों पर विस्तार से जानकारी दिया। इसके अलावा प्रशिक्षण में अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित कर प्रशिक्षण की महत्ता पर रोशनी डालते हुए समाज को जागृत करने के लिए प्रयास करने की अपील की। मौके पर मनोज कुमार भगत, अरुण ¨सह मौजूद थे।
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