रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से नौकरी नहीं, सेवा की भावना से बच्चों को शिक्षा देने की अपील की है। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करने का हवाला देते हुए यह चेतावनी भी दी कि वे बैठकर तनख्वाह न लें।
यदि वे मिड डे मील के लिए अंडा और सब्जी खरीदने के अलावा अन्य गैर शैक्षणिक कार्य करते पकड़े गए तो सरकार उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री सोमवार को मोरहाबादी मैदान में चल रहे राज्य स्तरीय बाल समागम के समापन के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह शिकायत अक्सर मिलती है कि शिक्षक सुदूर क्षेत्र के स्कूलों में नहीं जाते हैं। जाते हैं तो भी दो-चार घंटे में वापस लौट जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा। बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीन लगाएगी। उन्होंने सरकारी स्कूलों में सभी आवश्यक संरचनाएं विकसित कर उन्हें प्राइवेट स्कूलों के समानांतर खड़ा करने की बात कही। कहा कि 70 वर्षो तक सरकारी स्कूलों में आवश्यक संरचनाएं इसलिए विकसित नहीं हुई क्योंकि यहां पढ़ने वाले बच्चे वोट बैंक नहीं थे।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री तीर्थ योजना की तर्ज पर सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी शैक्षणिक भ्रमण पर मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आदि शहरों में ले जाने की घोषणा की। स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा कला, साहित्य व संगीत की शिक्षा को बढ़ावा देने का निर्देश विभाग को दिया। उन्होंने नागरिकों से दिव्यांगों के प्रति करुणा या दया नहीं, कर्त्तव्य का भाव दिखाने का आह्वान किया। कहा कि अप्रैल माह से सभी स्कूलों में हेल्थ कैंप लगाए जाएंगे। सरकार स्वस्थ छात्र-स्वस्थ, युवा-स्वस्थ राज्य की सोच के साथ काम कर रही है।
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लड़कियों की शादी की भी सरकार करेगी चिंता :
मुख्यमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता प्रकट करते हुए मशीन का सहारा लेकर नारी शक्ति, सृष्टि को आने से नहीं रोकने की भी अपील की। खुशी भी जाहिर की लड़कियां पढ़ाई के लिए अभिभावकों से बगावत कर रही हैं। कहा, सरकार बालिकाओं की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी शादी की भी चिंता करेगी।
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मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाएं :
- राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ एमओयू कर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
- अप्रैल माह तक सभी स्कूलों में बेंच-डेस्क तथा दो साल में बिजली की व्यवस्था होगी।
यदि वे मिड डे मील के लिए अंडा और सब्जी खरीदने के अलावा अन्य गैर शैक्षणिक कार्य करते पकड़े गए तो सरकार उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री सोमवार को मोरहाबादी मैदान में चल रहे राज्य स्तरीय बाल समागम के समापन के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह शिकायत अक्सर मिलती है कि शिक्षक सुदूर क्षेत्र के स्कूलों में नहीं जाते हैं। जाते हैं तो भी दो-चार घंटे में वापस लौट जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा। बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीन लगाएगी। उन्होंने सरकारी स्कूलों में सभी आवश्यक संरचनाएं विकसित कर उन्हें प्राइवेट स्कूलों के समानांतर खड़ा करने की बात कही। कहा कि 70 वर्षो तक सरकारी स्कूलों में आवश्यक संरचनाएं इसलिए विकसित नहीं हुई क्योंकि यहां पढ़ने वाले बच्चे वोट बैंक नहीं थे।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री तीर्थ योजना की तर्ज पर सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी शैक्षणिक भ्रमण पर मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आदि शहरों में ले जाने की घोषणा की। स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा कला, साहित्य व संगीत की शिक्षा को बढ़ावा देने का निर्देश विभाग को दिया। उन्होंने नागरिकों से दिव्यांगों के प्रति करुणा या दया नहीं, कर्त्तव्य का भाव दिखाने का आह्वान किया। कहा कि अप्रैल माह से सभी स्कूलों में हेल्थ कैंप लगाए जाएंगे। सरकार स्वस्थ छात्र-स्वस्थ, युवा-स्वस्थ राज्य की सोच के साथ काम कर रही है।
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लड़कियों की शादी की भी सरकार करेगी चिंता :
मुख्यमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता प्रकट करते हुए मशीन का सहारा लेकर नारी शक्ति, सृष्टि को आने से नहीं रोकने की भी अपील की। खुशी भी जाहिर की लड़कियां पढ़ाई के लिए अभिभावकों से बगावत कर रही हैं। कहा, सरकार बालिकाओं की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी शादी की भी चिंता करेगी।
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मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाएं :
- राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ एमओयू कर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
- अप्रैल माह तक सभी स्कूलों में बेंच-डेस्क तथा दो साल में बिजली की व्यवस्था होगी।
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