धनबाद: जिले के प्रारंभिक स्कूलों में नवनियुक्त 17 और शिक्षकों के जे-टेट के प्रमाणपत्र फर्जी हैं. इसकी सूचना झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने पत्र के माध्यम से दी है. इस तरह फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी पाने वालों की संख्या अब बढ़ कर 36 हो गयी है. सनद हो कि नौकरी खोने वाले शिक्षकों की संख्या पहले से 23 है. हालांकि उनमें पांच की नियुक्ति विभागीय चूक से हुई थी.
इस कारण अब शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल पदाधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. इधर काउंसिल से करीब 133 नवनियुक्त शिक्षकों के जे-टेट का प्रमाणपत्र का सत्यापन अभी तक नहीं हो पाया है. वहीं बिहार बोर्ड से भी 40 नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों पर संदेह जताया गया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने वाले 100 के करीब हैं.
कब होगी जांच पूरी
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की जांच का जिम्मा अधिकारियों की एक टीम को दिया गया था, लेकिन महीनों बाद भी जांच अब तक अधूरी है. सूत्रों के अनुसार करीब 350 आवेदन की ही जांच हो पायी है और अधिकांश नहीं हुए हैं. जांच टीम में शामिल अधिकारी व कर्मचारी भी अब जांच के लिए एसएसए कार्यालय नहीं पहुंचते हैं.
डीइआे कार्यालय को मिला पत्र
17 और शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र फर्जी हैं. सभी नवनियुक्त शिक्षक हैं. हालांकि जैक का पत्र सीधे मेरे कार्यालय को नहीं मिल कर डीइओ कार्यालय को मिला था. संबंधित पत्रांक मेरे कार्यालय का नहीं है. इसलिए एक बार काउंसिल से उसकी पुष्टि कराने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
विनीत कुमार, डीएसइ
इस कारण अब शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल पदाधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. इधर काउंसिल से करीब 133 नवनियुक्त शिक्षकों के जे-टेट का प्रमाणपत्र का सत्यापन अभी तक नहीं हो पाया है. वहीं बिहार बोर्ड से भी 40 नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों पर संदेह जताया गया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने वाले 100 के करीब हैं.
कब होगी जांच पूरी
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की जांच का जिम्मा अधिकारियों की एक टीम को दिया गया था, लेकिन महीनों बाद भी जांच अब तक अधूरी है. सूत्रों के अनुसार करीब 350 आवेदन की ही जांच हो पायी है और अधिकांश नहीं हुए हैं. जांच टीम में शामिल अधिकारी व कर्मचारी भी अब जांच के लिए एसएसए कार्यालय नहीं पहुंचते हैं.
डीइआे कार्यालय को मिला पत्र
17 और शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र फर्जी हैं. सभी नवनियुक्त शिक्षक हैं. हालांकि जैक का पत्र सीधे मेरे कार्यालय को नहीं मिल कर डीइओ कार्यालय को मिला था. संबंधित पत्रांक मेरे कार्यालय का नहीं है. इसलिए एक बार काउंसिल से उसकी पुष्टि कराने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
विनीत कुमार, डीएसइ
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