देवघर : शिक्षक नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े का मामला एक बार फिर से गरमा
गया है। नगर थाना प्रभारी ए उपाध्याय व एएसआइ रामानुज ¨सह के नेतृत्व में
शुक्रवार को नगर थाना पुलिस जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पहुंची। नगर
थाना प्रभारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी उदय नारायण शर्मा से मिलकर मामले की
जानकारी ली।
नगर थाना प्रभारी ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के संबंध में नगर थाना प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके अनुसंधान की जिम्मेदारी उन्हें मिली है। जांच के सिलसिले में वह डीईओ कार्यालय आए थे। मामले से जुड़े कागजातों का अध्यन किया जाएगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। जिनकी संलिप्तता होगी, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी।
मई में हुई थी प्राथमिकी
उपायुक्त के निर्देश पर गठित कमेटी ने शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े की जांच की थी। इसके आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जांच कमेटी के सदस्य सचिव के आवेदन पर बीते वर्ष चार मई को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें डीएसई ऑफिस के लिपिक मनीष कुमार व संतोष कुमार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी हुई है। जबकि आवेदन में कहा गया है कि संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के पदाधिकारी सहित लिपिक मनीष कुमार व संतोष कुमार प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए है। इसलिए जिला शिक्षा अधीक्षक, देवघर के पदाधिकारी एवं दोनों लिपिक प्रथम ²ष्टया दोषी कर्मी तथा अन्य के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। कहना न होगा कि मई माह में प्राथमिकी दर्ज हुई और अभी तक अनुसंधान ही चल रहा है। हालांकि इस दौरान दोनों लिपिक व पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता को निलंबित कर दिया गया।
क्या है मामला
शिक्षक नियुक्ति में 599 अभ्यर्थियों की नियुक्ति करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है। फर्जीवाड़े को लेकर आंदोलन शुरू हुआ तो उपायुक्त के निर्देश पर जांच कमेटी ने मामले की जांच की तो 17 अभ्यर्थियों के टेट उत्तीर्ण प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। चार ऐसे शिक्षक भी पाए गए, जिनको प्रमाणपत्र जारी करने वाले संस्थान की मान्यता नहीं है। जबकि एक मामले अंक कम होने के बाद भी नियुक्ति हो गई थी।
जनसंवाद में हुई थी यह शिकायत
मुख्यमंत्री के जनसंवाद में की गई शिकायत में शिकायतकर्ता का कहना है कि जांच के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी उदय नारायण शर्मा द्वारा नगर थाना में कांड संख्या 226/16 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायतकर्ता का कहना है कि 160 अभ्यर्थियों की नियुक्ति फर्जी तरीके से की गई है। जबकि एक मामले में फर्जी तरीके से बीसी कोटे में नियुक्ति हुई है।
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वर्जन
शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े के संबंध में मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत की गई है। इसके आलोक में जांच की जा रही है। एक से दो दिन में रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
छठू विजय ¨सह, डीएसई, देवघर
नगर थाना प्रभारी ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के संबंध में नगर थाना प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके अनुसंधान की जिम्मेदारी उन्हें मिली है। जांच के सिलसिले में वह डीईओ कार्यालय आए थे। मामले से जुड़े कागजातों का अध्यन किया जाएगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। जिनकी संलिप्तता होगी, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी।
मई में हुई थी प्राथमिकी
उपायुक्त के निर्देश पर गठित कमेटी ने शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े की जांच की थी। इसके आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जांच कमेटी के सदस्य सचिव के आवेदन पर बीते वर्ष चार मई को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें डीएसई ऑफिस के लिपिक मनीष कुमार व संतोष कुमार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी हुई है। जबकि आवेदन में कहा गया है कि संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के पदाधिकारी सहित लिपिक मनीष कुमार व संतोष कुमार प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए है। इसलिए जिला शिक्षा अधीक्षक, देवघर के पदाधिकारी एवं दोनों लिपिक प्रथम ²ष्टया दोषी कर्मी तथा अन्य के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। कहना न होगा कि मई माह में प्राथमिकी दर्ज हुई और अभी तक अनुसंधान ही चल रहा है। हालांकि इस दौरान दोनों लिपिक व पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता को निलंबित कर दिया गया।
क्या है मामला
शिक्षक नियुक्ति में 599 अभ्यर्थियों की नियुक्ति करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है। फर्जीवाड़े को लेकर आंदोलन शुरू हुआ तो उपायुक्त के निर्देश पर जांच कमेटी ने मामले की जांच की तो 17 अभ्यर्थियों के टेट उत्तीर्ण प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। चार ऐसे शिक्षक भी पाए गए, जिनको प्रमाणपत्र जारी करने वाले संस्थान की मान्यता नहीं है। जबकि एक मामले अंक कम होने के बाद भी नियुक्ति हो गई थी।
जनसंवाद में हुई थी यह शिकायत
मुख्यमंत्री के जनसंवाद में की गई शिकायत में शिकायतकर्ता का कहना है कि जांच के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी उदय नारायण शर्मा द्वारा नगर थाना में कांड संख्या 226/16 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायतकर्ता का कहना है कि 160 अभ्यर्थियों की नियुक्ति फर्जी तरीके से की गई है। जबकि एक मामले में फर्जी तरीके से बीसी कोटे में नियुक्ति हुई है।
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वर्जन
शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े के संबंध में मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत की गई है। इसके आलोक में जांच की जा रही है। एक से दो दिन में रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
छठू विजय ¨सह, डीएसई, देवघर
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