रांची: राज्य में इंटर साइंस 2016 के खराब रिजल्ट पर माध्यमिक शिक्षा
निदेशालय ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
की सचिव ने इस वर्ष जून में मैट्रिक के खराब रिजल्ट के लिए उपायुक्त को
तथा इंटर के खराब रिजल्ट के लिए दोषी शिक्षकों पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय
को कार्रवाई का निर्देश दिया था. हाइस्कूल के शिक्षकों पर तो कार्रवाई
हुई, पर प्लस-टू हाइस्कूल के रिजल्ट की आज तक समीक्षा नहीं हुई.
प्लस-टू हाइस्कूल के रिजल्ट की समीक्षा करने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को दी गयी थी. विभागीय आदेश के दो माह बाद भी निदेशालय स्तर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. कई जिलों में शहर के शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में भेजा गया. मैट्रिक व इंटर में खराब रिजल्ट वाले स्कूल के शिक्षक जिनके विषय का रिजल्ट 20%से कम है, उनके कम-से-कम तीन वेतन वृद्धि पर रोक व निदंन की सजा, जिन शिक्षकों के विषय का रिजल्ट 30% से कम हुआ है, उनके दो वेतन वृद्धि पर रोक व निदंन की सजा तथा जिनके विषय का रिजल्ट 40% से कम हुआ है, उनके वेतन वृद्धि पर रोक व निदंन की सजा का निर्देश जारी किया गया था. जिस स्कूल में विद्यार्थियों का पास प्रतिशत 20, 30 व 40 % है. वहां के प्रधानाध्यापक के भी क्रमश: तीन, दो व एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव ने खराब रिजल्ट के लिए की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को रिपोर्ट देने को कहा गया है.
फिर ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में लौट आये शिक्षक
रांची जिला में मैट्रिक के खराब रिजल्ट के लिए शहरी क्षेत्र के स्कूल
के 50 शिक्षकों पर कार्रवाई की गयी थी. इसके अलावा जिन स्कूल में एक विषय
के एक से अधिक शिक्षक थे, उनकी प्रतिनियुक्त वैसे विद्यालयों में की गयी
थी, जहां शिक्षक नहीं थे. उन्हें ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में भेजा गया
था. प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी होने के बाद भी कुछ शिक्षक ग्रामीण
क्षेत्र के स्कूल में योगदान नहीं दिया. उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी
गयी. इसके अलावा कुछ शिक्षकों ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में योगदान, तो
दिया पर कुछ दिन बाद उनकी भी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गयी. उल्लेखनीय
है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा रांची जिले के रिजल्ट की
जांच करायी गयी थी.
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