Ranchi: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 30 दिसंबर को झारखंड के सभी जिलों में पार शिक्षकों की बैठक होगी. सभी प्रखंडों के प्रखंड अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष प्रखंड कमिटी के सदस्य इसमें नयी रणनीति
पर चर्चा करेंगे. शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता विफल होने के बाद पारा शिक्षक सरकार को घेरने के लिए नयी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बजरंग प्रसाद ने कहा कि सरकार से वार्ता विफल होने के बाद नयी रणनीति के तहत आंदोलन को नयी शक्ल देने की कवायद की जायेगी. प्रखंड स्तर से पारा शिक्षकों के सुझाव आने के बाद इसकी समीक्षा के लिए दो जनवरी को राज्य स्तरीय बैठक मोराहबादी मैदान में होगी.
मांगों को लेकर नये सिरे से होगी समीक्षा
30 दिसंबर को प्रखंड स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद अगामी दो जनवरी को पारा शिक्षकों के नेता आंदोलन को नयी दिशा प्रदान कर सकते हैं. पारा शिक्षक नेता संजय दुबे ने कहा कि सरकार वार्ता के बहाने पारा शिक्षकों को गोल-गोल घुमा रही है. ऐसे में सरकार के समक्ष मांगों को प्रमुखता से रखने की रणनीति बनायी जा रही है. ताकि मंत्रालय खुलने के बाद पारा शिक्षकों के आंदोलन को सही दिशा प्रदान की जा सके.
सरकार का मानेदय मंजूर नहीं
पारा शिक्षकों के नेता सींटू सिंह ने कहा कि आठ हजार से तेरह हजार रूपये का मासिक मानदेय सरकार की ओर से प्रस्तावित है. यह मानदेय पारा शिक्षकों को किसी रूप में स्वीकार नहीं है. छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड के पारा शिक्षकों को मानेदय एवं अन्य सुविधा मिलनी चाहिए. सत्ता पक्ष के नेताओं से बार-बार वार्ता के बाद इस पर सहमति न बनना असंतोषजनक है. जबतक 20 हजार से 25 हजाय रुपये का मानदेय तय नहीं किया जाता है, तबतक आंदोलन चलता रहेगा. बल्कि मांगें नहीं पूरी होने पर आंदोलन का और उग्र व धारदार बनाया जायेगा.
पर चर्चा करेंगे. शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता विफल होने के बाद पारा शिक्षक सरकार को घेरने के लिए नयी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बजरंग प्रसाद ने कहा कि सरकार से वार्ता विफल होने के बाद नयी रणनीति के तहत आंदोलन को नयी शक्ल देने की कवायद की जायेगी. प्रखंड स्तर से पारा शिक्षकों के सुझाव आने के बाद इसकी समीक्षा के लिए दो जनवरी को राज्य स्तरीय बैठक मोराहबादी मैदान में होगी.
मांगों को लेकर नये सिरे से होगी समीक्षा
30 दिसंबर को प्रखंड स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद अगामी दो जनवरी को पारा शिक्षकों के नेता आंदोलन को नयी दिशा प्रदान कर सकते हैं. पारा शिक्षक नेता संजय दुबे ने कहा कि सरकार वार्ता के बहाने पारा शिक्षकों को गोल-गोल घुमा रही है. ऐसे में सरकार के समक्ष मांगों को प्रमुखता से रखने की रणनीति बनायी जा रही है. ताकि मंत्रालय खुलने के बाद पारा शिक्षकों के आंदोलन को सही दिशा प्रदान की जा सके.
सरकार का मानेदय मंजूर नहीं
पारा शिक्षकों के नेता सींटू सिंह ने कहा कि आठ हजार से तेरह हजार रूपये का मासिक मानदेय सरकार की ओर से प्रस्तावित है. यह मानदेय पारा शिक्षकों को किसी रूप में स्वीकार नहीं है. छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड के पारा शिक्षकों को मानेदय एवं अन्य सुविधा मिलनी चाहिए. सत्ता पक्ष के नेताओं से बार-बार वार्ता के बाद इस पर सहमति न बनना असंतोषजनक है. जबतक 20 हजार से 25 हजाय रुपये का मानदेय तय नहीं किया जाता है, तबतक आंदोलन चलता रहेगा. बल्कि मांगें नहीं पूरी होने पर आंदोलन का और उग्र व धारदार बनाया जायेगा.
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