अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वाधान में स्थानीय कचहरी परिसर में
एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत रैली
निकाल कर किया गया।
सरकार और विभाग के गलत शिक्षक विरोधी नीति को लेकर प्राथमिक शिक्षक उपेक्षित प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष सुधीर कुमार दुबे ने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं करती तो हम सब अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए सातवें वेतन पुनरीक्षण सहित 19 सूत्री मांगों को सरकार और विभाग जगाने के साथ साथ मांगे मनवाने को मजबूत करेंगे।
महासचिव अमरेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों के 19 सूत्री मांगों के समर्थन एवं सरकार के शिक्षक विरोधी नीति के विरुद्ध यह संघर्ष निर्णायक होगा। सरकार दिन प्रतिदिन अपने तुगलकी फरमानों से प्राथमिक शिक्षा को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि आज शिक्षक अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।हमारा आज का संघर्ष एक न्यू इतिहास लिखेगा।
इस अवसर पर जुबैर अंसारी निर्मल कुमार, सत्येन्द्र कुमार, कतिरमन सिंह, अरूण चौधरी, राकेश कुमार सिंह, राजीव रंजन पांडेय, विजय राम, राजीव कुमार, छठू राम, संतोष राम, नंदकुमार महतो, गोविंद प्रसाद, संत कुमार तिवारी, यसीन अंसारी सहित जिले के कई शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महासचिव अमरेश कुमार सिंह ने किया।
सातवें वेतन पुनरीक्षण के तहत केंद्र के अनुरूप मकान भाड़ा भत्ता, परिवहन भत्ता, दिव्यांग भत्ता सहित अन्य भत्तों की राज्यकर्मियों के लिए स्वीकृति, छठें वेतन में उत्क्रमित वेतनमान में वेतन निर्धारण पर लगी रोक को हटाने, प्रोन्नति के मामले निष्पादन करने, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एवं 1982-56 में नियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड की स्वीकृति देने, अंतर जिला स्थानांतरण हेतू 5 वर्ष की सेवा अवधि की बाध्यता को शामिल करने, राज्य कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने, योजना इकाई को गौर योजना इकाई में परिवर्तित करने, ग्राम पंचायत, मुखिया से अवकाश स्वीकृति और अनुपस्थिति विवरणी प्राप्त करने की बाध्यता समाप्त करने, ग्रेड टू में प्रोन्नति की तिथि को सातवें वेतनमान में वेतन वृद्धि सहित पे-मैट्रिक्स में वेतन का निर्धारण करने, हिन्दी विद्यापीठ देवघर से प्राप्त साहित्यालंकार की डिग्री को मान्यता प्रदान करने, वित्त विभाग संकल्प 1185 तिथि 2 जून 2012 के आलोक में वंचित का लाभ प्रदान करने, प्रारंभिक शिक्षा में नियुक्ति सिर्फ इंटर प्रशिक्षित पद पर हो, शेष पद प्रोन्नति से भरने, शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति की मांग प्रशस्त करने, विद्यालय, शौचालय की साफ सफाई की जवाबदेही ग्राम पंचायत को सौंपने अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करने, विद्यालय में रिपोर्टिंग प्रतिवेदन संबंधी कार्य को कम करने, एमआरएमएस एवं बायोमैट्रिक्स उपस्थिति के कारण शिक्षकों का वेतन बंद करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने, नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को पुनर्बहाली करने तथा सामान्य स्थानांतरण पदस्थापन में गृह प्रखंड एवं सुविधानुकूल पदस्थापन की प्राथमिकता तय किए जाने की मांग की है।
सरकार और विभाग के गलत शिक्षक विरोधी नीति को लेकर प्राथमिक शिक्षक उपेक्षित प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष सुधीर कुमार दुबे ने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं करती तो हम सब अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए सातवें वेतन पुनरीक्षण सहित 19 सूत्री मांगों को सरकार और विभाग जगाने के साथ साथ मांगे मनवाने को मजबूत करेंगे।
महासचिव अमरेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों के 19 सूत्री मांगों के समर्थन एवं सरकार के शिक्षक विरोधी नीति के विरुद्ध यह संघर्ष निर्णायक होगा। सरकार दिन प्रतिदिन अपने तुगलकी फरमानों से प्राथमिक शिक्षा को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि आज शिक्षक अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।हमारा आज का संघर्ष एक न्यू इतिहास लिखेगा।
इस अवसर पर जुबैर अंसारी निर्मल कुमार, सत्येन्द्र कुमार, कतिरमन सिंह, अरूण चौधरी, राकेश कुमार सिंह, राजीव रंजन पांडेय, विजय राम, राजीव कुमार, छठू राम, संतोष राम, नंदकुमार महतो, गोविंद प्रसाद, संत कुमार तिवारी, यसीन अंसारी सहित जिले के कई शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महासचिव अमरेश कुमार सिंह ने किया।
सातवें वेतन पुनरीक्षण के तहत केंद्र के अनुरूप मकान भाड़ा भत्ता, परिवहन भत्ता, दिव्यांग भत्ता सहित अन्य भत्तों की राज्यकर्मियों के लिए स्वीकृति, छठें वेतन में उत्क्रमित वेतनमान में वेतन निर्धारण पर लगी रोक को हटाने, प्रोन्नति के मामले निष्पादन करने, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एवं 1982-56 में नियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड की स्वीकृति देने, अंतर जिला स्थानांतरण हेतू 5 वर्ष की सेवा अवधि की बाध्यता को शामिल करने, राज्य कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने, योजना इकाई को गौर योजना इकाई में परिवर्तित करने, ग्राम पंचायत, मुखिया से अवकाश स्वीकृति और अनुपस्थिति विवरणी प्राप्त करने की बाध्यता समाप्त करने, ग्रेड टू में प्रोन्नति की तिथि को सातवें वेतनमान में वेतन वृद्धि सहित पे-मैट्रिक्स में वेतन का निर्धारण करने, हिन्दी विद्यापीठ देवघर से प्राप्त साहित्यालंकार की डिग्री को मान्यता प्रदान करने, वित्त विभाग संकल्प 1185 तिथि 2 जून 2012 के आलोक में वंचित का लाभ प्रदान करने, प्रारंभिक शिक्षा में नियुक्ति सिर्फ इंटर प्रशिक्षित पद पर हो, शेष पद प्रोन्नति से भरने, शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति की मांग प्रशस्त करने, विद्यालय, शौचालय की साफ सफाई की जवाबदेही ग्राम पंचायत को सौंपने अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करने, विद्यालय में रिपोर्टिंग प्रतिवेदन संबंधी कार्य को कम करने, एमआरएमएस एवं बायोमैट्रिक्स उपस्थिति के कारण शिक्षकों का वेतन बंद करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने, नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को पुनर्बहाली करने तथा सामान्य स्थानांतरण पदस्थापन में गृह प्रखंड एवं सुविधानुकूल पदस्थापन की प्राथमिकता तय किए जाने की मांग की है।
No comments:
Post a Comment