जामताड़ा : जिले के अधिकांश पारा शिक्षक अब भी बेमियादी हड़ताल पर हैं।
प्रशासन की कार्रवाई की चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं है। इसी का नतीजा है
कि 1312 पारा शिक्षक अब भी हड़ताल पर हैं। शिक्षा विभाग उन्हें योगदान
कराने की कवायद में जुटा है। दूसरी तरफ आंदोलनकारियों का संघ काम पर लौटे
पारा शिक्षकों को फिर से हड़ताल में शामिल कराने का प्रयास कर रहा है।
नारायणपुर में कई पारा शिक्षकों के फिर हड़ताल में शामिल होने का दावा मंगलवार को ही किया गया। जबकि प्रशासन की ओर से उनकी संविदा रद करने के अल्टीमेटम की अवधि सोमवार को समाप्त हो गयी है। पारा शिक्षकों की हड़ताल एक माह से ज्यादा होने पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को लिखित निर्देश जारी किया था कि पारा शिक्षकों की अनाधिकृत अनुपस्थिति पर कार्रवाई करें। इस बाबत 28 अक्टूबर को जारी पत्र में डीएसई ने स्पष्ट किया था कि पारा शिक्षकों को कार्य पर लौटाने के लिए विभिन्न स्तरों पर अपील की गई। अंतिम रूप से 25 अक्टूबर को कार्य में योगदान करने का निर्देश उन्हें दिया गया था। इसके बाद प्रखंडों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक कई पारा शिक्षक हड़ताल पर ही हैं। इसी का हवाला देते हुए डीएसई ने सभी बीईईओ को निर्देश दिया था कि प्रखंड स्तर पर समीक्षा कर अनुपस्थित पारा शिक्षकों को चिह्नित करें और उन्हें चयनमुक्त करने की कार्रवाई करें।
कहां है अड़चन : दरअसल उपायुक्त के निर्देश पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने पारा शिक्षकों को
चयनमुक्त करने का फरमान सभी बीईईओ को जारी कर दिया है पर कार्रवाई की राह में बड़ी फांस भी है। अधिकारियों की मानें तो विद्यालय स्तर की समिति संबंधित पारा शिक्षकों का चयन रद कर उसकी अनुशंसा प्रावधान के तहत प्रखंड शिक्षा समिति को करेगी भी तो प्रखंड शिक्षा समिति से अनुमोदन मिलना संभव नहीं है। प्रखंड शिक्षा समिति सदस्य विधायक होते हैं जो संबंधित प्रस्ताव को शायद ही अनुमोदित होने देंगे। ऐसे में ग्राम शिक्षा समिति स्तर की कार्रवाई महज औपचारिकता ही रह जाएगी।
हड़ताल में शामिल होने को लेकर अभी तक किसी पारा शिक्षक को चयनमुक्त नहीं किया गया है। उन्हें चयनमुक्त करने की हिदायत बीईईओ को दी जा चुकी है। कुछ पारा शिक्षक काम पर लौट रहे हैं हड़तालियों को अंतिम अल्टीमेटम दिया जा चुका है। योगदान नहीं करेंगे तो जिला स्तर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-- अभय शंकर, जिला शिक्षा अधीक्षक।
नारायणपुर में कई पारा शिक्षकों के फिर हड़ताल में शामिल होने का दावा मंगलवार को ही किया गया। जबकि प्रशासन की ओर से उनकी संविदा रद करने के अल्टीमेटम की अवधि सोमवार को समाप्त हो गयी है। पारा शिक्षकों की हड़ताल एक माह से ज्यादा होने पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को लिखित निर्देश जारी किया था कि पारा शिक्षकों की अनाधिकृत अनुपस्थिति पर कार्रवाई करें। इस बाबत 28 अक्टूबर को जारी पत्र में डीएसई ने स्पष्ट किया था कि पारा शिक्षकों को कार्य पर लौटाने के लिए विभिन्न स्तरों पर अपील की गई। अंतिम रूप से 25 अक्टूबर को कार्य में योगदान करने का निर्देश उन्हें दिया गया था। इसके बाद प्रखंडों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक कई पारा शिक्षक हड़ताल पर ही हैं। इसी का हवाला देते हुए डीएसई ने सभी बीईईओ को निर्देश दिया था कि प्रखंड स्तर पर समीक्षा कर अनुपस्थित पारा शिक्षकों को चिह्नित करें और उन्हें चयनमुक्त करने की कार्रवाई करें।
कहां है अड़चन : दरअसल उपायुक्त के निर्देश पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने पारा शिक्षकों को
चयनमुक्त करने का फरमान सभी बीईईओ को जारी कर दिया है पर कार्रवाई की राह में बड़ी फांस भी है। अधिकारियों की मानें तो विद्यालय स्तर की समिति संबंधित पारा शिक्षकों का चयन रद कर उसकी अनुशंसा प्रावधान के तहत प्रखंड शिक्षा समिति को करेगी भी तो प्रखंड शिक्षा समिति से अनुमोदन मिलना संभव नहीं है। प्रखंड शिक्षा समिति सदस्य विधायक होते हैं जो संबंधित प्रस्ताव को शायद ही अनुमोदित होने देंगे। ऐसे में ग्राम शिक्षा समिति स्तर की कार्रवाई महज औपचारिकता ही रह जाएगी।
हड़ताल में शामिल होने को लेकर अभी तक किसी पारा शिक्षक को चयनमुक्त नहीं किया गया है। उन्हें चयनमुक्त करने की हिदायत बीईईओ को दी जा चुकी है। कुछ पारा शिक्षक काम पर लौट रहे हैं हड़तालियों को अंतिम अल्टीमेटम दिया जा चुका है। योगदान नहीं करेंगे तो जिला स्तर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-- अभय शंकर, जिला शिक्षा अधीक्षक।
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