रांची : राज्य के 1,336 अपग्रेडेड हाई स्कूलों को पहली बार
प्रधानाध्यापक मिलेंगे। इनमें से 638 प्रधानाध्यापकों की सीधी नियुक्ति
होगी, जबकि इतने ही पद सहायक शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। स्कूली
शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्रधानाध्यापकों के पदों के रोस्टर क्लियरेंस
पर कार्मिक विभाग की स्वीकृति के बाद गुरुवार को झारखंड लोक सेवा आयोग को
668 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की अनुशंसा भेज दी।
सीधी नियुक्ति के 638 पदों में 334 पद आरक्षित हैं, जबकि 174 पद एसटी, 67 एससी, 53 अपिव-1 तथा 40 पद अपिव-2 के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं। क्षैतिज आरक्षण में दृष्टि दिव्यांगों के लिए सात, मूक-बधिर व शारीरिक दिव्यांग के लिए सात-सात, महिलाओं के लिए 33, खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत तथा एसटी के पदों में तीन पद आदिम जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
राज्य बजट तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत अपग्रेड हुए 1336 स्कूलों में प्रधानाध्यापक का एक-एक पद सृजित किया गया है। सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली, 2015 में प्रधानाध्यापकों के आधे पद सीधी भर्ती तथा शेष पद प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। इस संदर्भ में विभाग ने पहले ही सभी जिलों से हाई स्कूल शिक्षकों की वरीयता सूची मांगी थी।
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स्नातकोत्तर प्रशिक्षित अनिवार्य योग्यता :
प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए बीएड प्रशिक्षण के साथ-साथ माध्यमिक स्तर पर पढ़ाए जाने वाले विषयों में से किसी एक में न्यूनतम 45 फीसद अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री अनिवार्य है। इसके अलावा अभ्यर्थी को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूल में दस वर्ष तक शिक्षण का अनुभव भी अनिवार्य किया गया है। अनुभव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं को तीन वर्ष की छूट दी गई है। प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूतनम आयु 35 वर्ष तथा अधिकतम आयु 50 वर्ष निर्धारित की गई है। आयु सीमा में आरक्षित श्रेणी को राज्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित छूट भी प्राप्त होगी। कंप्यूटर अप्लीकेशन की जानकारी वांछनीय योग्यता है।
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लिखित परीक्षा में लाना होगा 50 फीसद अंक :
प्रधानाध्यापक नियुक्ति लिखित परीक्षा दो पत्रों की होगी। पहला पत्र सामान्य ज्ञान का होगा, जिसमें 200 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। 300 अंकों का दूसरा पत्र उस विषय का होगा, जिसमें स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई हो। दोनों पत्रों में स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जाएंगे। मेधा सूची दोनों पत्रों के प्राप्ताकों के योग पर तैयार होगी, जिसमें न्यूनतम 50 फीसद अंक लाना अनिवार्य होगा। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को इसमें 45 फीसद अंक लाना जरूरी होगा।
सीधी नियुक्ति के 638 पदों में 334 पद आरक्षित हैं, जबकि 174 पद एसटी, 67 एससी, 53 अपिव-1 तथा 40 पद अपिव-2 के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं। क्षैतिज आरक्षण में दृष्टि दिव्यांगों के लिए सात, मूक-बधिर व शारीरिक दिव्यांग के लिए सात-सात, महिलाओं के लिए 33, खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत तथा एसटी के पदों में तीन पद आदिम जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
राज्य बजट तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत अपग्रेड हुए 1336 स्कूलों में प्रधानाध्यापक का एक-एक पद सृजित किया गया है। सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली, 2015 में प्रधानाध्यापकों के आधे पद सीधी भर्ती तथा शेष पद प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। इस संदर्भ में विभाग ने पहले ही सभी जिलों से हाई स्कूल शिक्षकों की वरीयता सूची मांगी थी।
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स्नातकोत्तर प्रशिक्षित अनिवार्य योग्यता :
प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए बीएड प्रशिक्षण के साथ-साथ माध्यमिक स्तर पर पढ़ाए जाने वाले विषयों में से किसी एक में न्यूनतम 45 फीसद अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री अनिवार्य है। इसके अलावा अभ्यर्थी को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूल में दस वर्ष तक शिक्षण का अनुभव भी अनिवार्य किया गया है। अनुभव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं को तीन वर्ष की छूट दी गई है। प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूतनम आयु 35 वर्ष तथा अधिकतम आयु 50 वर्ष निर्धारित की गई है। आयु सीमा में आरक्षित श्रेणी को राज्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित छूट भी प्राप्त होगी। कंप्यूटर अप्लीकेशन की जानकारी वांछनीय योग्यता है।
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लिखित परीक्षा में लाना होगा 50 फीसद अंक :
प्रधानाध्यापक नियुक्ति लिखित परीक्षा दो पत्रों की होगी। पहला पत्र सामान्य ज्ञान का होगा, जिसमें 200 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। 300 अंकों का दूसरा पत्र उस विषय का होगा, जिसमें स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई हो। दोनों पत्रों में स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जाएंगे। मेधा सूची दोनों पत्रों के प्राप्ताकों के योग पर तैयार होगी, जिसमें न्यूनतम 50 फीसद अंक लाना अनिवार्य होगा। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को इसमें 45 फीसद अंक लाना जरूरी होगा।
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