रांची, राज्य ब्यूरो। जिस वक्त मुख्यमंत्री रघुवर दास
अपने सरकारी आवास पर शुक्रवार को सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे ठीक उसी
वक्त उनके पड़ोसी नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन खामियां गिनाने में जुटे थे।
हेमंत सोरेन ने रघुवर दास के दावे की खिल्ली उड़ाई।
एक बार फिर कहा कि वे सरकार नहीं सर्कस चला रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि खुद की सरकार को बेदाग बताने वाले मुख्यमंत्री रघुवर दास लगभग एक दर्जन आइएएस अफसरों पर जांच की फाइल को दबाए बैठे हैं।
हालांकि हेमंत सोरेन ने उन अफसरों के नाम बताने से यह कहते हुए गुरेज किया कि समय आने दीजिए, सबका खुलासा करेंगे। हेमंत सोरेन ने चुनौती देते हुए कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री रघुवर दास किस मुंह से खुद और अपनी सरकार को बेदाग करार दे रहे हैं। कैग की रिपोर्ट ने कंबल घोटाले पर मुहर लगा दी है। उन्हें बताना चाहिए कि सरकार ने किस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की। पशुपालन विभाग में एक और चारा घोटाले की ओर कैग की रिपोर्ट ने इंगित किया है। सीएजी की रिपोर्ट ने सरकार की कलई खोलकर रख दी है।
उन्होंने भय, भूख, भ्रष्टाचार, बलात्कार और बेरोजगारी को रघुवर सरकार के चार साल की उपलब्धियां बताई। कहा, भूमि घोटाला, कंबल घोटाला, निविदा घोटाला, शराब घोटाला एवं खनन घोटाला भी सरकार की उपलब्धियां हैं। सरकार ने इन घोटालों में हजारों करोड़ की लूट की है। किसानों की कर्ज माफी, मनरेगा, गरीबों के आवास निर्माण, पारा शिक्षकों का सम्मानजनक मानदेय, सड़क, बिजली और पानी के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं लेकिन सरकार विदेश यात्रा, झारखंड मोमेंटम, कृषि समिट, विदेशों में रोड शो, महंगे मंच एवं टेंट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है। यह सरकार के चरित्र को उजागर करता है, जिसने चार साल में झारखंड को तबाह कर दिया है।
ठेकेदारों, दलालों, रंगदारों को दिए बाडीगार्ड : हेमंत सोरेन के आरोपों की फेहरिश्त लंबी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में आम आदमी मारा जा रहा है, उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है जबकि ठेकेदारों, दलालों और रंगदारों को बाडीगार्ड दिया जा रहा है। ऐसे लोग झारखंड पुलिस के वरीय अफसरों के चहेते हैं। पुलिस निर्दोष लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारती है। राजधानी में सरेआम लूट और हत्याएं होती है। सड़क पर चलना मुश्किल है। उद्योगपतियों को सरकार कौड़ी के मोल जमीन दे रही है। प्रशासनिक महकमे को लूट की छूट मिली हुई है। 2019 में जनता इसका हिसाब लेगी।
आंकड़े जारी कर स्थिति को बताया भयावह : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने दावा किया कि राज्य की स्थिति भयावह है। गुड गवर्नेंस में राज्य 30 राज्यों में 28वें स्थान पर है। निवेश संभावित सूचकांक में झारखंड 21 राज्यों में 20वें स्थान पर है। असमानता रैंकिंग के आधार पर राज्य 28वें पायदान पर है। नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में पाकुड़ जिला सबसे नीचे 111वें रैंक पर है। स्वास्थ्य एवं पोषण में देश के आखिरी पांच जिलों में पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, हजारीबाग, पाकुड़, गिरिडीह और चतरा शामिल है। यूनाइटेड नेशन की सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल की रैंकिंग के हिसाब से 29 राज्यों में झारखंड 26वें स्थान पर है।
एक बार फिर कहा कि वे सरकार नहीं सर्कस चला रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि खुद की सरकार को बेदाग बताने वाले मुख्यमंत्री रघुवर दास लगभग एक दर्जन आइएएस अफसरों पर जांच की फाइल को दबाए बैठे हैं।
हालांकि हेमंत सोरेन ने उन अफसरों के नाम बताने से यह कहते हुए गुरेज किया कि समय आने दीजिए, सबका खुलासा करेंगे। हेमंत सोरेन ने चुनौती देते हुए कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री रघुवर दास किस मुंह से खुद और अपनी सरकार को बेदाग करार दे रहे हैं। कैग की रिपोर्ट ने कंबल घोटाले पर मुहर लगा दी है। उन्हें बताना चाहिए कि सरकार ने किस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की। पशुपालन विभाग में एक और चारा घोटाले की ओर कैग की रिपोर्ट ने इंगित किया है। सीएजी की रिपोर्ट ने सरकार की कलई खोलकर रख दी है।
उन्होंने भय, भूख, भ्रष्टाचार, बलात्कार और बेरोजगारी को रघुवर सरकार के चार साल की उपलब्धियां बताई। कहा, भूमि घोटाला, कंबल घोटाला, निविदा घोटाला, शराब घोटाला एवं खनन घोटाला भी सरकार की उपलब्धियां हैं। सरकार ने इन घोटालों में हजारों करोड़ की लूट की है। किसानों की कर्ज माफी, मनरेगा, गरीबों के आवास निर्माण, पारा शिक्षकों का सम्मानजनक मानदेय, सड़क, बिजली और पानी के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं लेकिन सरकार विदेश यात्रा, झारखंड मोमेंटम, कृषि समिट, विदेशों में रोड शो, महंगे मंच एवं टेंट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है। यह सरकार के चरित्र को उजागर करता है, जिसने चार साल में झारखंड को तबाह कर दिया है।
ठेकेदारों, दलालों, रंगदारों को दिए बाडीगार्ड : हेमंत सोरेन के आरोपों की फेहरिश्त लंबी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में आम आदमी मारा जा रहा है, उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है जबकि ठेकेदारों, दलालों और रंगदारों को बाडीगार्ड दिया जा रहा है। ऐसे लोग झारखंड पुलिस के वरीय अफसरों के चहेते हैं। पुलिस निर्दोष लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारती है। राजधानी में सरेआम लूट और हत्याएं होती है। सड़क पर चलना मुश्किल है। उद्योगपतियों को सरकार कौड़ी के मोल जमीन दे रही है। प्रशासनिक महकमे को लूट की छूट मिली हुई है। 2019 में जनता इसका हिसाब लेगी।
आंकड़े जारी कर स्थिति को बताया भयावह : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने दावा किया कि राज्य की स्थिति भयावह है। गुड गवर्नेंस में राज्य 30 राज्यों में 28वें स्थान पर है। निवेश संभावित सूचकांक में झारखंड 21 राज्यों में 20वें स्थान पर है। असमानता रैंकिंग के आधार पर राज्य 28वें पायदान पर है। नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में पाकुड़ जिला सबसे नीचे 111वें रैंक पर है। स्वास्थ्य एवं पोषण में देश के आखिरी पांच जिलों में पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, हजारीबाग, पाकुड़, गिरिडीह और चतरा शामिल है। यूनाइटेड नेशन की सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल की रैंकिंग के हिसाब से 29 राज्यों में झारखंड 26वें स्थान पर है।
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