रांची, राज्य ब्यूरो।हड़ताल पर डटे पारा शिक्षकों और सरकार में तनातनी के बीच हड़ताल से निपटने को राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। हड़ताल पर अड़े पारा शिक्षकों के रवैये से क्षुब्ध सरकार ने अवकाश (23 से 25 नवंबर) के दिन भी दफ्तर खोलकर राज्य मुख्यालय स्तर से दिए गए निर्देश के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा है।सरकार की प्राथमिकता है कि हर हाल में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई शुरू की जाए साथ ही यहां बच्चों को नियमित मिड डे मील मिले।
उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को भेजे गए निर्देश में विद्यालय प्रबंध समितियों से समन्वय स्थापित कर टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही ऐसे पारा शिक्षक, जो पठन-पाठन के कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बनाए गए नियंत्रण कक्ष, व्हाट्सएप, मेल और टॉल फ्री नंबर जारी: राज्य प्रशासन ने पारा शिक्षकों की हड़ताल से उत्पन्न होने वाली किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने का पुख्ता इंतजाम किया है। ऐसे पारा शिक्षक जो किसी के दबाव में आकर काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षा देने को कहा है। इस बाबत जिला और अनुमंडल स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं।
एहतियात के तौर पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने मेल आइडी और वाट्सएप नंबर जारी किया है। परिषद से जारी विज्ञप्ति के अनुसार टॉल फ्री नंबर 18003456544 तथा 18003456542 के लिए मोबाइल नंबर 9471516224 पर जरूरी सूचनाएं सुबह आठ से शाम पांच बजे तक दी जा सकती है।
सरकार सख्त, निर्देश जारी : -ऐसे पारा शिक्षक जो 15 से 20 नवंबर के बीच किसी भी दिन उपस्थित थे, ऐसे शिक्षक स्वेच्छा से हड़ताल पर नहीं हैं, यह माना जाए। ऐसे में अगर वे कार्य पर आना चाहें तो उन्हें सुरक्षा दी जाए। - ऐसे पारा शिक्षक जो 15 से 20 नवंबर के बीच लगातार अनुपस्थित रहे हैं एवं सक्रिय रूप से आंदोलन में भाग ले रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
-ऐसे पारा शिक्षक जो न्यायिक हिरासत में 24 घंटे रहे हों एवं जिनपर प्राथमिकी दर्ज हो, उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से रद करने की कार्रवाई की जाए। -विद्यालय प्रबंधन समिति संबंधित पारा शिक्षकों के आवास पर नोटिस चिपकाए। समाचारपत्रों में भी उसे प्रकाशित कराए। इसके बाद भी तामिला न हो तो उसे स्वत: तामिला माना जाए।
-ऐसे विद्यालय, जहां शत फीसद पारा शिक्षक कार्यरत हैं, विद्यालय प्रबंध समिति वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 65 साल से कम आयु वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों, समिति के योग्य सदस्यों की सेवाएं लें। -ऐसे विद्यालय, जहां ज्ञानसेतु कार्यक्रम संचालित हैं, वहां के शिक्षकों की प्रतिनियुक्तिअन्य जिलों में नहीं की जाए। -सरकारी शिक्षकों को मूल पदस्थापित विद्यालयों से अन्यत्र प्रतिनियुक्त न करें।
ज्यादातर पारा शिक्षक नेता गिरफ्तार : स्थायीकरण की मांग को लेकर गोलबंद झारखंड के पारा शिक्षकों की हड़ताल जारी है। काम पर लौटने का अल्टीमेटम देकर थक चुकी सरकार के आदेश पर पारा शिक्षक नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हृषिकेश पाठक और संजय दुबे सरीखे एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा से जुड़े लगभग सभी बड़े नेता शुक्रवार को राजधानी रांची से गिरफ्तार कर लिए गए।
सभी गिरफ्तार और नामजद पारा शिक्षक नेताओं को बर्खास्त किए जाने की सरकार की तैयारी है। गिरफ्तारी से पूर्व मोर्चा के हृषिकेश पाठक ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दीया बुझने से पहले फड़फड़ा रहा है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार शिक्षकों की एकता को किसी भी कीमत पर भंग नहीं कर सकती। अगर प्रथम पंक्ति के नेताओं को सरकार गिरफ्तार करती है तो प्रमंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष आंदोलन की कमान संभालेंगे।
मोर्चा के ही बजरंग प्रसाद ने कहा है कि सरकार के इस दमनात्मक रवैये से क्षुब्ध पारा शिक्षकों का हुजूम 25 नवंबर से सत्तापक्ष के विधायकों के आवासों को घेरने का काम करेंगे। बहरहाल, पारा शिक्षकों के आंदोलन से राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य लगभग ठप है। साथ ही मध्याह्न भोजन योजना भी आंदोलन की भेंट चढ़ गई है।
गुरुवार कीे रात सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति की बात करें तो 15 नवंबर तक कुल 19 हजार पारा शिक्षक ड्यूटी पर थे, जिनकी संख्या 20 नवंबर को घटकर महज ढाई हजार रह गई। बताते चलें कि राज्य में लगभग 67 हजार पारा शिक्षक अनुबंध पर कार्यरत हैं। यानी की 64 हजार 500 शिक्षक हड़ताल पर डटे हैं।
बताया जाता है कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद अब आंदोलन की कमान विनोद बिहारी महतो तथा बजरंग प्रसाद संभालेंगे, आंदोलनरत शिक्षकों ने इनसे आंदोलन का नेतृत्व करने की अपील की है। इधर, मोर्चा ने सरकार की तमाम सख्तियों और चेतावनियों को धता बताते हुए आंदोलन को और भी तेज करने का संकल्प दोहराया है।
समाज में हिंसा का कहीं स्थान नहीं है। छोटे-छोटे बच्चे शिक्षकों के आचरण से सबक लेते हैं। ऐसे में इस तरह के आपराधिक गतिविधियों में शामिल होना अनुचित है। ऐसे व्यक्तियों को शिक्षा के क्षेत्र में बने रहने का कोई हक नहीं है। पारा शिक्षकों के साथ हुए एकरारनामे की शर्तो के अनुसार सक्षम पदाधिकारियों द्वारा सम्यक कार्रवाई की जा रही है। -उमाशंकर सिंह, निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना।
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एहतियात के तौर पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने मेल आइडी और वाट्सएप नंबर जारी किया है। परिषद से जारी विज्ञप्ति के अनुसार टॉल फ्री नंबर 18003456544 तथा 18003456542 के लिए मोबाइल नंबर 9471516224 पर जरूरी सूचनाएं सुबह आठ से शाम पांच बजे तक दी जा सकती है।
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-ऐसे विद्यालय, जहां शत फीसद पारा शिक्षक कार्यरत हैं, विद्यालय प्रबंध समिति वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 65 साल से कम आयु वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों, समिति के योग्य सदस्यों की सेवाएं लें। -ऐसे विद्यालय, जहां ज्ञानसेतु कार्यक्रम संचालित हैं, वहां के शिक्षकों की प्रतिनियुक्तिअन्य जिलों में नहीं की जाए। -सरकारी शिक्षकों को मूल पदस्थापित विद्यालयों से अन्यत्र प्रतिनियुक्त न करें।
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