साहिबगंज: जिले के पहाड़ी व ग्रामीण इलाकों की चरमराती शैक्षणिक व्यवस्था
अब सु²ढ़ बनाने की तैयारी हो रही है। शिक्षकों की कमी से पहाड़ी व ग्रामीण
इलाकों के स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था को दुरुस्त करने को विभाग ने कमर
कस लिया है।
सरकार के निर्देश पर जल्द ही उन स्कूलों में शिक्षकों को पदस्थापित करने की कवायद चल रही है।
शिक्षा विभाग ने लगभग 90 शिक्षकों की सूची लगभग तैयार कर ली है, जिन्हें बहु शिक्षकीय स्कूलों से हटाकर बच्चों की संख्या के आधार पर ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों के एक शिक्षकीय स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। इसका निर्णय जल्द ही स्थापना समिति की बैठक में लिए जाने की चर्चा है। पहले शहरी व मैदानी क्षेत्रों में 40 छात्रों पर एक व पहाड़ी क्षेत्रों में 30 छात्र पर एक शिक्षक यूनिट को पदस्थापित करने की योजना तैयार की गई थी, शिक्षकों की कमी को देखते हुए अब शहरी व मैदानी क्षेत्रों में 50 छात्रों पर एक व पहाड़ी क्षेत्रों में 40 छात्र पर एक शिक्षक को पदस्थापित किए जाने की संभावना है।
ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों का टोटा :
एक ओर जहां शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार है, वहीं सुदूर ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों को घोर अभाव है। इससे उन इलाकों की शैक्षणिक व्यवस्था दिनों-दिन बद से बदतर होती जा रही है। खासकर एक शिक्षकीय स्कूलों का जहां शिक्षक को बैठक या किसी अन्य कार्य के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय आने पर उक्त तिथि को स्कूल बंद रखना पड़ता है, इससे उन स्कूलों में ना केवल शैक्षणिक व्यवस्था खराब हो रही है, बल्कि वहां के बच्चों को मिलने वाला एमडीएम भी प्रभावित हो जाता है। साहिबगंज, राजमहल, बरहड़वा सहित अन्य शहरी इलाकों में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां यूनिट से अधिक शिक्षक कार्यरत है, वजह चाहे जो भी रहा हो, लेकिन इससे शहरी व ग्रामीणों क्षेत्रों के स्कूलों के बीच शैक्षणिक व्यवस्था का कहीं से सामंजस्य बनता नही दिखता है।
कम बच्चों की संख्या वाले स्कूल होंगे मर्ज:
शिक्षा सचिव के निर्देश के बाद जिले की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को चिंहित कर उसे अन्य दूसरे सरकारी स्कूलों में मर्ज करने किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न प्रखंडों के लगभग दो दर्जन प्राथमिक स्कूलों को चयन कर उसे निकट के अन्य स्कूलों में मर्ज करने की तैयारी पूरी ली गई है। ताकि वैसे स्कूलों के शिक्षकों की सेवा अन्य स्कूलों में ली जा सके। इसके पहले पिछले साल जिले के विभिन्न प्रखंडों में कम बच्चों की संख्या वाले 61 स्कूलों को निकट के स्कूलों में मर्ज किया गया था।
---वर्जन---
स्कूलों में शिक्षक यूनिट की खामियों को जिला स्थापना समिति की बैठक में जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। स्कूलों में छात्र अनुपात में शिक्षकों को पदस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों के स्कूलों को शिक्षक मिल सकेगा, इससे वहां के शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा।
- जयगो¨वद ¨सह, जिला शिक्षा अधीक्षक, साहिबगंज
सरकार के निर्देश पर जल्द ही उन स्कूलों में शिक्षकों को पदस्थापित करने की कवायद चल रही है।
शिक्षा विभाग ने लगभग 90 शिक्षकों की सूची लगभग तैयार कर ली है, जिन्हें बहु शिक्षकीय स्कूलों से हटाकर बच्चों की संख्या के आधार पर ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों के एक शिक्षकीय स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। इसका निर्णय जल्द ही स्थापना समिति की बैठक में लिए जाने की चर्चा है। पहले शहरी व मैदानी क्षेत्रों में 40 छात्रों पर एक व पहाड़ी क्षेत्रों में 30 छात्र पर एक शिक्षक यूनिट को पदस्थापित करने की योजना तैयार की गई थी, शिक्षकों की कमी को देखते हुए अब शहरी व मैदानी क्षेत्रों में 50 छात्रों पर एक व पहाड़ी क्षेत्रों में 40 छात्र पर एक शिक्षक को पदस्थापित किए जाने की संभावना है।
ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों का टोटा :
एक ओर जहां शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार है, वहीं सुदूर ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों को घोर अभाव है। इससे उन इलाकों की शैक्षणिक व्यवस्था दिनों-दिन बद से बदतर होती जा रही है। खासकर एक शिक्षकीय स्कूलों का जहां शिक्षक को बैठक या किसी अन्य कार्य के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय आने पर उक्त तिथि को स्कूल बंद रखना पड़ता है, इससे उन स्कूलों में ना केवल शैक्षणिक व्यवस्था खराब हो रही है, बल्कि वहां के बच्चों को मिलने वाला एमडीएम भी प्रभावित हो जाता है। साहिबगंज, राजमहल, बरहड़वा सहित अन्य शहरी इलाकों में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां यूनिट से अधिक शिक्षक कार्यरत है, वजह चाहे जो भी रहा हो, लेकिन इससे शहरी व ग्रामीणों क्षेत्रों के स्कूलों के बीच शैक्षणिक व्यवस्था का कहीं से सामंजस्य बनता नही दिखता है।
कम बच्चों की संख्या वाले स्कूल होंगे मर्ज:
शिक्षा सचिव के निर्देश के बाद जिले की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को चिंहित कर उसे अन्य दूसरे सरकारी स्कूलों में मर्ज करने किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न प्रखंडों के लगभग दो दर्जन प्राथमिक स्कूलों को चयन कर उसे निकट के अन्य स्कूलों में मर्ज करने की तैयारी पूरी ली गई है। ताकि वैसे स्कूलों के शिक्षकों की सेवा अन्य स्कूलों में ली जा सके। इसके पहले पिछले साल जिले के विभिन्न प्रखंडों में कम बच्चों की संख्या वाले 61 स्कूलों को निकट के स्कूलों में मर्ज किया गया था।
---वर्जन---
स्कूलों में शिक्षक यूनिट की खामियों को जिला स्थापना समिति की बैठक में जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। स्कूलों में छात्र अनुपात में शिक्षकों को पदस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों के स्कूलों को शिक्षक मिल सकेगा, इससे वहां के शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा।
- जयगो¨वद ¨सह, जिला शिक्षा अधीक्षक, साहिबगंज
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