जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के विशुद्ध रूप से
उर्दू के लिए बने प्राथमिक व मध्य विद्यालय में न तो उर्दू भाषा से
उत्तीर्ण होने वाले शिक्षक मिल रहे हैं और न सरकार की ओर से उर्दू की
पुस्तक ढूंढे मिल रही है।
पूर्वी सिंहभूम के 16 प्राथमिक व उर्दू मध्य विद्यालयों में कई विद्यालय ऐसे भी है जहां उर्दू भाषा के शिक्षक के पद ही स्वीकृत नहीं है, ऐसे में यहां शिक्षक के पद ही खाली है। इनमें से कई स्कूलों में पारा शिक्षकों के भरोसे ही कार्य चल रहा है। बीच-बीच में उर्दू शिक्षक संघ द्वारा उर्दू भाषा के शिक्षकों की बहाली मांग उठायी जाती रही है लेकिन कागजी जांच के बाद मामला टांय-टांय फिस्स हो जाता है। कोई भी उर्दू शिक्षक सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता को वर्तमान में पूरा नहीं कर पाता है। इस कारण यहां उर्दू भाषा जानने वालों की तैनाती की जाती है, न कि उर्दू भाषा के शिक्षकों को। इस संबंध में जिला के शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह बताते हैं बहुत प्रयास के बावजूद उर्दू भाषा के शिक्षक जो उर्दू से पढ़े हों और सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता को पूरा करते हो, वे नहीं मिल रहे हैं। इस कारण भाषा के जानकार शिक्षकों को उर्दू शिक्षकों के रूप में पदस्थापन किया गया है।
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ये हैं उर्दू स्कूल : मध्य विद्यालय उर्दू चाकुलिया, जुगीशोल उर्दू मध्य विद्यालय धालभूमगढ़, उमवि नरसिंहगढ़ उर्दू, डुमरिया प्राथमिक विद्यालय उर्दू, गालुडीह उर्दू प्राथमिक विद्यालय, नजरिया मध्य विद्यालय जमशेदपुर, जवाहर नगर उर्दू मध्य विद्यालय जमशेदपुर, वामनगोड़ा उर्दू मध्य विद्यालय जमशेदपुर, बगानशाई उर्दू प्राथमिक विद्यालय जमशेदपुर, मिल्लत नगर उर्दू प्राथमिक विद्यालय जमशेदपुर, मध्य विद्यालय उर्दू मुसाबनी, उमवि सुरदा उर्दू, उमवि बदिया उर्दू, मध्य विद्यालय उर्दू बालिका हल्दीपोखर, प्राथमिक विद्यालय उर्दू गंगाडीह पोटका, प्राथमिक विद्यालय उर्दू हल्दीपोखर।
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कक्षा 6 से 8 में यहां उर्दू शिक्षक नहीं है :- चाकुलिया, जुगीशोल, नरसिंहगढ़, डुमरिया, गालूडीह, नजरिया, बगानशाई, मिल्लतनगर, सुरदा, गंगाडीह और प्राथमिक विद्यालय हल्दीपोखर।
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कक्षा एक से पांच में यहां उर्दू शिक्षक नहीं है:- उर्दू बालिका हल्दीपोखर, गंगाडीह, प्राथमिक विद्यालय हल्दीपोखर में एक-एक शिक्षक को छोड़कर किसी भी स्कूल में उर्दू भाषा के शिक्षक के पद ही स्वीकृत नहंी है।
पूर्वी सिंहभूम के 16 प्राथमिक व उर्दू मध्य विद्यालयों में कई विद्यालय ऐसे भी है जहां उर्दू भाषा के शिक्षक के पद ही स्वीकृत नहीं है, ऐसे में यहां शिक्षक के पद ही खाली है। इनमें से कई स्कूलों में पारा शिक्षकों के भरोसे ही कार्य चल रहा है। बीच-बीच में उर्दू शिक्षक संघ द्वारा उर्दू भाषा के शिक्षकों की बहाली मांग उठायी जाती रही है लेकिन कागजी जांच के बाद मामला टांय-टांय फिस्स हो जाता है। कोई भी उर्दू शिक्षक सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता को वर्तमान में पूरा नहीं कर पाता है। इस कारण यहां उर्दू भाषा जानने वालों की तैनाती की जाती है, न कि उर्दू भाषा के शिक्षकों को। इस संबंध में जिला के शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह बताते हैं बहुत प्रयास के बावजूद उर्दू भाषा के शिक्षक जो उर्दू से पढ़े हों और सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता को पूरा करते हो, वे नहीं मिल रहे हैं। इस कारण भाषा के जानकार शिक्षकों को उर्दू शिक्षकों के रूप में पदस्थापन किया गया है।
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ये हैं उर्दू स्कूल : मध्य विद्यालय उर्दू चाकुलिया, जुगीशोल उर्दू मध्य विद्यालय धालभूमगढ़, उमवि नरसिंहगढ़ उर्दू, डुमरिया प्राथमिक विद्यालय उर्दू, गालुडीह उर्दू प्राथमिक विद्यालय, नजरिया मध्य विद्यालय जमशेदपुर, जवाहर नगर उर्दू मध्य विद्यालय जमशेदपुर, वामनगोड़ा उर्दू मध्य विद्यालय जमशेदपुर, बगानशाई उर्दू प्राथमिक विद्यालय जमशेदपुर, मिल्लत नगर उर्दू प्राथमिक विद्यालय जमशेदपुर, मध्य विद्यालय उर्दू मुसाबनी, उमवि सुरदा उर्दू, उमवि बदिया उर्दू, मध्य विद्यालय उर्दू बालिका हल्दीपोखर, प्राथमिक विद्यालय उर्दू गंगाडीह पोटका, प्राथमिक विद्यालय उर्दू हल्दीपोखर।
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कक्षा 6 से 8 में यहां उर्दू शिक्षक नहीं है :- चाकुलिया, जुगीशोल, नरसिंहगढ़, डुमरिया, गालूडीह, नजरिया, बगानशाई, मिल्लतनगर, सुरदा, गंगाडीह और प्राथमिक विद्यालय हल्दीपोखर।
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कक्षा एक से पांच में यहां उर्दू शिक्षक नहीं है:- उर्दू बालिका हल्दीपोखर, गंगाडीह, प्राथमिक विद्यालय हल्दीपोखर में एक-एक शिक्षक को छोड़कर किसी भी स्कूल में उर्दू भाषा के शिक्षक के पद ही स्वीकृत नहंी है।
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