रांची : राज्य के अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षक पिछले कई वर्ष से
सरकार अौर जेपीएससी के बीच एक परिनियम के कारण फंसे हुए हैं. इस परिनियम
में एक शब्द के संशोधन को लेकर इन शिक्षकों की प्रोन्नति पिछले दो साल से
रोक दी गयी है.
सरकार द्वारा जेपीएससी को प्रोन्नति व नियुक्ति से संबंधित परिनियम तो भेजे गये हैं. लेकिन इसमें उल्लेखित निर्देशों का जेपीएससी द्वारा अलग-अलग कारण बता कर शिक्षकों को प्रोन्नति देने से संबंधित संचिका बार-बार वापस कर दी जा रही है. नतीजतन, लगभग पांच सौ शिक्षक इससे प्रभावित हो गये हैं. प्रोन्नति नहीं मिलने से जहां इन शिक्षकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी अोर इनमें से कई शिक्षक हाल ही में अंगीभूत कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति से भी वंचित रह गये.
सरकार द्वारा जेपीएससी को प्रोन्नति व नियुक्ति से संबंधित परिनियम तो भेजे गये हैं. लेकिन इसमें उल्लेखित निर्देशों का जेपीएससी द्वारा अलग-अलग कारण बता कर शिक्षकों को प्रोन्नति देने से संबंधित संचिका बार-बार वापस कर दी जा रही है. नतीजतन, लगभग पांच सौ शिक्षक इससे प्रभावित हो गये हैं. प्रोन्नति नहीं मिलने से जहां इन शिक्षकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी अोर इनमें से कई शिक्षक हाल ही में अंगीभूत कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति से भी वंचित रह गये.
अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख नहीं : बताया जाता है कि
सरकार द्वारा भेजे गये परिनियम में अंगीभूत व संबद्ध शब्द का उल्लेख किया
हुआ है, लेकिन अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है. जेपीएससी इसी
शब्द के नहीं रहने के कारण अल्पसंख्यक कॉलेजों से संबंधित मामलों पर विचार
नहीं कर रहा है. जेपीएससी ने संत जेवियर्स कॉलेज के दो शिक्षकों की
प्रोन्नति यह लिख कर रोक दी कि झारखंड राज्य विवि (संशोधन) अध्यादेश 2015
के अनुसार विवि/अंगीभूत महाविद्यालय/ संबद्ध महाविद्यालय से संबंधित कार्य
करने के लिए प्राधिकृत है. परिनियम में अल्पसंख्यक कॉलेज के कार्य संबंधी
उल्लेख नहीं है. इसलिए आयोग प्रोन्नति की संचिका लौटा रही है.
इसी प्रकार संत जेवियर्स कॉलेज के ही शिक्षक एके सिन्हा की प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति की संचिका आयोग द्वारा यह कह कर रांची विवि के रजिस्ट्रार को लौटा दी गयी कि प्रोन्नति के प्रस्ताव पर झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा विचार नहीं किया जा रहा है. शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं दिये जाने के मामले को रांची विवि के सीनेट सदस्य डॉ आरपी गोप के आवेदन पर उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने जेपीएससी को पत्र भेज कर संबद्ध महाविद्यालय की विस्तृत व्याख्या की अौर लिखा कि अल्पसंख्यक महाविद्यालय भी संबद्ध महाविद्यालय हैं, इसलिए आयोग अल्पसंख्यक महाविद्यालय के शिक्षकों को भी प्रोन्नति देने के लिए अधिकृत है. लेकिन आयोग ने अब तक इस पर भी विचार नहीं किया. इस मामले को लेकर रांची विवि सीनेट की बैठक में भी कई बार हंगामा हुआ. राज्यपाल ने भी कई बार कुलपति की बैठक में अल्पसंख्यक महाविद्यालय के शिक्षकों को शीघ्र प्रोन्नत देने की बात कही, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका.
यूजीसी एरियर से भी वंचित हैं शिक्षक
अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षक यूजीसी द्वारा द्वितीय किस्त के रूप में
दिये जानेवाले एरियर से भी वंचित हैं. खास कर रांची विवि अंतर्गत
अल्पसंख्यक महाविद्यालय के शिक्षक इससे प्रभावित हैं. विनोबा भावे विवि अौर
कोल्हान विवि अंतर्गत अल्पसंख्यक महाविद्यालय के शिक्षकों को एरियर का
भुगतान किया जा चुका है. उच्च शिक्षा विभाग का मानना है कि रांची विवि ने
इससे संबंधित डिमांड ही नहीं भेजा है, जिससे कारण भुगतान नहीं हो सका. जबकि
विवि प्रशासन का कहना है कि विवि की तरफ से पहले ही डिमांड भेजा जा चुका
है.
पेंशन का भी नहीं हो रहा भुगतान
अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षकों को पेंशन का भी भुगतान नहीं हो रहा है.
जबकि सरकार ने पहले ही निर्णय लिया है कि इन शिक्षकों को भी पेंशन का लाभ
मिलेगा. बताया जाता है कि उच्च शिक्षा विभाग से विवि को किसी तरह की कोई
निर्देश नहीं मिलने के कारण शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल पा
रहा है.
No comments:
Post a Comment