गिरिडीह : अर्हता
पूरी नहीं करने के बाद भी जिले में कई पारा शिक्षक काम कर रहे हैं। उनके
शैक्षणिक प्रमाण पत्रों से लेकर चयन आदि में काफी त्रुटियां हैं, लेकिन अब
तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शनिवार को जिला परियोजना कार्यालय में
सुनवाई के दौरान यह मामला सामने आया।
हालांकि विभाग के स्तर से त्रुटियां आदि मिलने की अभी पुष्टि नहीं की गयी है।
एडीपीओ पियूष कुमार ने बताया कि डुमरी, देवरी आदि प्रखंडों के 14 पारा शिक्षकों को सुनवाई में बुलाया गया था। सभी से अनुमोदन पंजी, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चयन पंजी आदि ले लिया गया है। इसकी जांच के बाद पता चलेगा कि संबंधित पारा शिक्षक अर्हता पूरी करते हैं या नहीं तथा उनके प्रमाण पत्रों में किस तरह की त्रुटियां हैं।
इधर, सूत्रों ने बताया कि जनसुनवाई में बुलाए गये पारा शिक्षक निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करते हैं। इसके बाद भी वे नौकरी कर रहे हैं। किसी का शैक्षणिक प्रमाण पत्र गलत है, तो किसी के चयन में ही गड़बड़ी है। कई पारा शिक्षकों ने अहर्ता पूरी नहीं करने के बावजूद चयन होने का कारण उनके द्वारा विद्यालय के लिए जमीन दान देना बताया।
बता दें कि पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र आदि फर्जी होने की शिकायत मिलती रही है। इसी कड़ी में किसी ने संबंधित पारा शिक्षकों के संबंध में सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, जिसके तहत सभी को सुनवाई में बुलाया गया था।
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23 तक यू-डायस प्रपत्र जमा करने का निर्देश
जिला परियोजना कार्यालय में कर्मियों की बैठक हुई, जिसमें डीएसई सह डीपीओ कमला ¨सह ने यू-डायस प्रपत्र जमा करने संबंधी कार्य की समीक्षा की। बताया गया कि करीब 99 फीसद सरकारी स्कूलों ने यह प्रपत्र जमा कर दिया है, लेकिन निजी विद्यालय प्रपत्र जमा करने में कोताही बरत रहे हैं, जबकि निजी विद्यालयों में करीब 20 फीसद बच्चों का नामांकन है। इसपर डीएसई ¨सह ने 23 जनवरी तक सभी निजी विद्यालयों से प्रपत्र जमा कराने का निर्देश दिया। बैठक में एडीपीओ पियूष कुमार, एपीओ अभिनव सिन्हा सहित बीआरपी-सीआरपी आदि उपस्थित थे।
हालांकि विभाग के स्तर से त्रुटियां आदि मिलने की अभी पुष्टि नहीं की गयी है।
एडीपीओ पियूष कुमार ने बताया कि डुमरी, देवरी आदि प्रखंडों के 14 पारा शिक्षकों को सुनवाई में बुलाया गया था। सभी से अनुमोदन पंजी, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चयन पंजी आदि ले लिया गया है। इसकी जांच के बाद पता चलेगा कि संबंधित पारा शिक्षक अर्हता पूरी करते हैं या नहीं तथा उनके प्रमाण पत्रों में किस तरह की त्रुटियां हैं।
इधर, सूत्रों ने बताया कि जनसुनवाई में बुलाए गये पारा शिक्षक निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करते हैं। इसके बाद भी वे नौकरी कर रहे हैं। किसी का शैक्षणिक प्रमाण पत्र गलत है, तो किसी के चयन में ही गड़बड़ी है। कई पारा शिक्षकों ने अहर्ता पूरी नहीं करने के बावजूद चयन होने का कारण उनके द्वारा विद्यालय के लिए जमीन दान देना बताया।
बता दें कि पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र आदि फर्जी होने की शिकायत मिलती रही है। इसी कड़ी में किसी ने संबंधित पारा शिक्षकों के संबंध में सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, जिसके तहत सभी को सुनवाई में बुलाया गया था।
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23 तक यू-डायस प्रपत्र जमा करने का निर्देश
जिला परियोजना कार्यालय में कर्मियों की बैठक हुई, जिसमें डीएसई सह डीपीओ कमला ¨सह ने यू-डायस प्रपत्र जमा करने संबंधी कार्य की समीक्षा की। बताया गया कि करीब 99 फीसद सरकारी स्कूलों ने यह प्रपत्र जमा कर दिया है, लेकिन निजी विद्यालय प्रपत्र जमा करने में कोताही बरत रहे हैं, जबकि निजी विद्यालयों में करीब 20 फीसद बच्चों का नामांकन है। इसपर डीएसई ¨सह ने 23 जनवरी तक सभी निजी विद्यालयों से प्रपत्र जमा कराने का निर्देश दिया। बैठक में एडीपीओ पियूष कुमार, एपीओ अभिनव सिन्हा सहित बीआरपी-सीआरपी आदि उपस्थित थे।
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