एजुकेशन रिपोर्टर | जमशेदपुर प्रोन्नति के लिए करीब 29 साल इंतजार करने के बाद आखिरकार जिले के सात
शिक्षक 31 दिसंबर को बिना प्रोन्नति लिए ही सेवानिवृत्त हो गए। जागरण
हेम्ब्रम, त्रिदेव प्रसाद पाल, दशरथ गोराई, निरोला पूर्ति, सिनेम मानसिंह
सोय, लक्ष्मी कुमारी मुंडा, जलधर डे इनमें शामिल हैं।
इन शिक्षकों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि वे प्रोन्नति के साथ सेवानिवृत्त होंगे। शिक्षा सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया था। लेकिन जिला शिक्षा स्थापना समिति की लापरवाही की वजह से सेवाकाल में प्रोन्नति पाने का उनका सपना अधूरा रह गया।
शिक्षकों को प्रोन्नति देने में मुख्यमंत्री का गृह जिला पूर्वी सिंहभूम सबसे फिसड्डी साबित हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डीएसई द्वारा प्रोन्नति सूची करीब एक माह पूर्व तैयार कर लिए जाने के बाद भी 2016 में प्रक्रिया नहीं पूरी हो पाई। पूर्वी सिंहभूम के बाद वरीयता सूची तैयार करने वाले धनबाद समेत कई जिलों ने 2016 में ही प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर ली। जिले में प्रोन्नति प्रक्रिया में देरी की मुख्य वजह उपायुक्त अमित कुमार का दूसरे कामों में व्यस्त होना है। मालूम हो कि शिक्षकों की वरीयता सूची को अनुमोदित करने के लिए जिला शिक्षा स्थापना समिति की दो बार बैठक बुलाई गई। लेकिन दोनों बार ही डीसी बैठक में नहीं पहुंचे। डीसी ही समिति के अध्यक्ष होते हैं। इसकी वजह दोनों बार बैठक टल गई और शिक्षक 2016 में प्रोन्नति का इंतजार करते रह गए।
जिला शिक्षा स्थापना
समिति की बैठक कल
प्राथमिकशिक्षकों की प्रोन्नति और वरीयता के लिए होने वाली जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक को एक और तारीख मिली है। डीसी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब यह बैठक 4 जनवरी को होगी। समिति के सभी सदस्यों को इसकी जानकारी दे दी गई है। बैठक से जिले के लगभग 23 सौ शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। ग्रेड-2 से ग्रेड 7 तक का लाभ शिक्षकों को मिलेगा। 14 शिक्षक प्रधानाध्यापक बनेंगे।
इन शिक्षकों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि वे प्रोन्नति के साथ सेवानिवृत्त होंगे। शिक्षा सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया था। लेकिन जिला शिक्षा स्थापना समिति की लापरवाही की वजह से सेवाकाल में प्रोन्नति पाने का उनका सपना अधूरा रह गया।
शिक्षकों को प्रोन्नति देने में मुख्यमंत्री का गृह जिला पूर्वी सिंहभूम सबसे फिसड्डी साबित हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डीएसई द्वारा प्रोन्नति सूची करीब एक माह पूर्व तैयार कर लिए जाने के बाद भी 2016 में प्रक्रिया नहीं पूरी हो पाई। पूर्वी सिंहभूम के बाद वरीयता सूची तैयार करने वाले धनबाद समेत कई जिलों ने 2016 में ही प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर ली। जिले में प्रोन्नति प्रक्रिया में देरी की मुख्य वजह उपायुक्त अमित कुमार का दूसरे कामों में व्यस्त होना है। मालूम हो कि शिक्षकों की वरीयता सूची को अनुमोदित करने के लिए जिला शिक्षा स्थापना समिति की दो बार बैठक बुलाई गई। लेकिन दोनों बार ही डीसी बैठक में नहीं पहुंचे। डीसी ही समिति के अध्यक्ष होते हैं। इसकी वजह दोनों बार बैठक टल गई और शिक्षक 2016 में प्रोन्नति का इंतजार करते रह गए।
जिला शिक्षा स्थापना
समिति की बैठक कल
प्राथमिकशिक्षकों की प्रोन्नति और वरीयता के लिए होने वाली जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक को एक और तारीख मिली है। डीसी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब यह बैठक 4 जनवरी को होगी। समिति के सभी सदस्यों को इसकी जानकारी दे दी गई है। बैठक से जिले के लगभग 23 सौ शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। ग्रेड-2 से ग्रेड 7 तक का लाभ शिक्षकों को मिलेगा। 14 शिक्षक प्रधानाध्यापक बनेंगे।
No comments:
Post a Comment