माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनीष रंजन ने 2016 में इंटरमीडिएट का रिजल्ट
खराब होने के मामले में प्लस टू हाईस्कूलों के लगभग 15 शिक्षकों की वेतन
वृद्धि रोक दी है। यह कार्रवाई रांची, रामगढ़ और गढ़वा जिले के प्लस टू
शिक्षकों पर हुई है। इनमें पांच हेडमास्टर भी शामिल हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रांची जिले के चार प्लस टू हाईस्कूलों के तीन प्रधानध्यापक और चार शिक्षक दंडित किए गए हैं। इसी तरह गढ़वा के पांच प्लस टू हाईस्कूलों के दो प्रधानाध्यापक समेत सात शिक्षकों पर वेतन वृद्धि रोक जाने और निंदन की सजा की कार्रवाई की गई है।
80 फीसदी विद्यार्थी फेल तो तीन वेतनवृद्धि खत्म
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के तहत जिन शिक्षकों के विषय में 80 फीसदी से अधिक विद्यार्थी फेल कर गए हैं, उनकी तीन वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोक दी गई है। जिन विषयों में 60 फीसदी से अधिक लेकिन 80 फीसदी से कम विद्यार्थी फेल कर गए थे, उन विषयों के शिक्षकों की दो वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकी गई है। जिन विषयों में शिक्षक नहीं होने के कारण रिजल्ट खराब हुआ, वहां हेडमास्टर पर कार्रवाई नहीं की गई है।
जांच टीम ने दी थी रिपोर्ट
देर शाम हुई कार्रवाई के तहत वेतन वृद्धि रोके गए शिक्षकों में रांची के नौ और गढ़वा के सात होने की चर्चा है। इसके अलावा तीन-चार हेडमास्टर भी शामिल हैं। पिछले साल सरकारी प्लस टू हाईस्कूलों में इंटरमीडिएट का रिजल्ट खराब होने पर माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक सीके सिंह की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया गया था। टीम के दूसरे सदस्य माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक शशि कुमार मिश्र थे। टीम ने विभिन्न जिलों का दौरा कर इंटरमीडिएट के खराब रिजल्ट के कारणों की पड़ताल की थी। रिपोर्ट में लिखा था कि रिजल्ट खराब होने का कारण कर्तव्यबोध का अभाव और शहरी क्षेत्र के शिक्षकों द्वारा राजनीति किया जाना है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से जिम्मेवार लोगों के नाम और उन पर कार्रवाई की अनुशंसा मांगी गई थी। इस आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रांची जिले के चार प्लस टू हाईस्कूलों के तीन प्रधानध्यापक और चार शिक्षक दंडित किए गए हैं। इसी तरह गढ़वा के पांच प्लस टू हाईस्कूलों के दो प्रधानाध्यापक समेत सात शिक्षकों पर वेतन वृद्धि रोक जाने और निंदन की सजा की कार्रवाई की गई है।
80 फीसदी विद्यार्थी फेल तो तीन वेतनवृद्धि खत्म
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के तहत जिन शिक्षकों के विषय में 80 फीसदी से अधिक विद्यार्थी फेल कर गए हैं, उनकी तीन वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोक दी गई है। जिन विषयों में 60 फीसदी से अधिक लेकिन 80 फीसदी से कम विद्यार्थी फेल कर गए थे, उन विषयों के शिक्षकों की दो वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकी गई है। जिन विषयों में शिक्षक नहीं होने के कारण रिजल्ट खराब हुआ, वहां हेडमास्टर पर कार्रवाई नहीं की गई है।
जांच टीम ने दी थी रिपोर्ट
देर शाम हुई कार्रवाई के तहत वेतन वृद्धि रोके गए शिक्षकों में रांची के नौ और गढ़वा के सात होने की चर्चा है। इसके अलावा तीन-चार हेडमास्टर भी शामिल हैं। पिछले साल सरकारी प्लस टू हाईस्कूलों में इंटरमीडिएट का रिजल्ट खराब होने पर माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक सीके सिंह की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया गया था। टीम के दूसरे सदस्य माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक शशि कुमार मिश्र थे। टीम ने विभिन्न जिलों का दौरा कर इंटरमीडिएट के खराब रिजल्ट के कारणों की पड़ताल की थी। रिपोर्ट में लिखा था कि रिजल्ट खराब होने का कारण कर्तव्यबोध का अभाव और शहरी क्षेत्र के शिक्षकों द्वारा राजनीति किया जाना है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से जिम्मेवार लोगों के नाम और उन पर कार्रवाई की अनुशंसा मांगी गई थी। इस आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
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