हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों
में घिर गई है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने नियुक्ति के लिए जो नियमावली
जारी की है, उसके अनुसार राज्य के हजारों बीएड की योग्यता रखने वाली
अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे।
नियमावली के अनुसार हाई स्कूल में शिक्षक बनने के लिए संबंधित विषय में स्नातक ऑनर्स पेपर के साथ सब्सिडियरी विषय में भी 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। यह स्थिति कला और विज्ञान दोनों अभ्यर्थियों के साथ बनी हुई है। दरअसल शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी नियमावली में तीन कंबिनेशन ऐसे बनाए गए हैं, जिसमें दो विषयों को एक साथ जोड़ कर रिक्तियां जारी की गई है। ऐसे में संबंधित दोनों विषय में 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे भुवनेश्वर गोराई ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2010 और 2012 में हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। दोनों ही बार की नियमावली में ऐसा प्रावधान नहीं था।
KYA SCENE HAY
इसलिए छात्र-छात्राओं को हो रही है परेशानी
{विविस्तर पर होने वाली स्नातक की पढ़ाई में ऑनर्स के साथ दो अन्य विषयों को रखना पड़ता है। जबकि रिजल्ट में डिविजन और प्रतिशत की गणना ऑनर्स विषय के मार्क्स पर ही की जाती है। सब्सिडियरी विषयों में सिर्फ पास होना आवश्यक है। ऐसे में प्रति वर्ष स्नातक की परीक्षा पास करने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं का सब्सिडियरी विषय में अधिकतम अंक 45 प्रतिशत से कम होता है।
{ स्नातक कला में छात्र-छात्राओं के पास ऑनर्स विषय के साथ दो अन्य कोई भी विषय को को सब्सिडियरी के रूप में रखा जा सकता है। ऐसे में यदि कोई छात्र इतिहास के साथ राजनीतिक विज्ञान के सिवाय कोई अन्य दो विषय रखता है, तो वह शिक्षक नियुक्ति में आवेदन के योग्य नहीं होंगे। वहीं यदि कोई छात्र विज्ञान में स्नातक करता है और वह गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन शास्त्र लेकर पढ़ाई करता है। उसे परीक्षा में सिर्फ रसायन शास्त्र में ही 45 प्रतिशत से अधिक रहता है, तो वह भी फार्म भरने के योग्य नहीं होगा।
1. शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में गणित और भौतिक विज्ञान की रिक्ति संयुक्त रूप से जारी की गई है। इन दोनों विषय के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए दोनों ही विषय में अलग- अलग 45 प्रतिशत अंक की मांग की गई है।
2.जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र की रिक्तियों को संयुक्त रूप से जारी किया गया है। इन दोनों विषयों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए दोनों ही विषय में अलग- अलग 45% अंक की मांग की गई है।
3. सामाजिक विज्ञान में इतिहास और नागरिक शास्त्र की रिक्तियों को संयुक्त रूप से जारी किया गया है। ऐसे में इसके लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के लिए दोनों ही विषय में अलग-अलग 45% अंक की मांग की गई है।
4.शिक्षकनियुक्ति परीक्षा में नकारात्मक अंक का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर कट ऑफ मार्क्स भी अपेक्षाकृत अधिक यानी 50 प्रतिशत रखा गया है। ऐसे में अधिकांश सीट रिक्त रहने की आशंका है।
प्रतियोगी छात्र संघ ने किया विरोध, कहा विसंगति दूर करें नहीं, तो जाएंगे कोर्ट
झारखंडकर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में कई विसंगतियां की बात कही जा रही है। जारी विज्ञापन में हुई विसंगतियों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को प्रतियोगी छात्र संघ की एक आपात बैठक गोल्फ ग्राउंड में हुई। बैठक में सैकड़ों की संख्या में बीएड योग्यताधारी छात्र-छात्राएं शामिल हुए। बैठक में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक बनने के लिए स्नातक को दो विषयों में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की मांग का विरोध किया गया। छात्र-छात्राओं का मानना है कि स्नातक में सैकड़ों ऐसे छात्र हैं जो परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास हुए। परंतु कंबिनेशन विषय में 45 प्रतिशत से कम अंक होने की वजह से वे शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे। जबकि बीएड कॉलेज में नामांकन के लिए स्नातक के दो विषयों में 45 प्रतिशत अंक होने की बाध्यता नहीं है। इसके साथ ही कई अन्य विसंगतियों पर भी विरोध दर्ज किया गया है। बैठक में छात्र-छात्राओं ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस विज्ञापन की विसंगतियों को सुधार कर नया विज्ञापन प्रकाशित करे। नहीं तो आवेदन करने से वंचित हजारों छात्र इसके विरोध में सड़क से सदन तक विरोध करेंगे।
नियमावली के अनुसार हाई स्कूल में शिक्षक बनने के लिए संबंधित विषय में स्नातक ऑनर्स पेपर के साथ सब्सिडियरी विषय में भी 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। यह स्थिति कला और विज्ञान दोनों अभ्यर्थियों के साथ बनी हुई है। दरअसल शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी नियमावली में तीन कंबिनेशन ऐसे बनाए गए हैं, जिसमें दो विषयों को एक साथ जोड़ कर रिक्तियां जारी की गई है। ऐसे में संबंधित दोनों विषय में 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे भुवनेश्वर गोराई ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2010 और 2012 में हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। दोनों ही बार की नियमावली में ऐसा प्रावधान नहीं था।
KYA SCENE HAY
इसलिए छात्र-छात्राओं को हो रही है परेशानी
{विविस्तर पर होने वाली स्नातक की पढ़ाई में ऑनर्स के साथ दो अन्य विषयों को रखना पड़ता है। जबकि रिजल्ट में डिविजन और प्रतिशत की गणना ऑनर्स विषय के मार्क्स पर ही की जाती है। सब्सिडियरी विषयों में सिर्फ पास होना आवश्यक है। ऐसे में प्रति वर्ष स्नातक की परीक्षा पास करने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं का सब्सिडियरी विषय में अधिकतम अंक 45 प्रतिशत से कम होता है।
{ स्नातक कला में छात्र-छात्राओं के पास ऑनर्स विषय के साथ दो अन्य कोई भी विषय को को सब्सिडियरी के रूप में रखा जा सकता है। ऐसे में यदि कोई छात्र इतिहास के साथ राजनीतिक विज्ञान के सिवाय कोई अन्य दो विषय रखता है, तो वह शिक्षक नियुक्ति में आवेदन के योग्य नहीं होंगे। वहीं यदि कोई छात्र विज्ञान में स्नातक करता है और वह गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन शास्त्र लेकर पढ़ाई करता है। उसे परीक्षा में सिर्फ रसायन शास्त्र में ही 45 प्रतिशत से अधिक रहता है, तो वह भी फार्म भरने के योग्य नहीं होगा।
1. शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में गणित और भौतिक विज्ञान की रिक्ति संयुक्त रूप से जारी की गई है। इन दोनों विषय के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए दोनों ही विषय में अलग- अलग 45 प्रतिशत अंक की मांग की गई है।
2.जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र की रिक्तियों को संयुक्त रूप से जारी किया गया है। इन दोनों विषयों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए दोनों ही विषय में अलग- अलग 45% अंक की मांग की गई है।
3. सामाजिक विज्ञान में इतिहास और नागरिक शास्त्र की रिक्तियों को संयुक्त रूप से जारी किया गया है। ऐसे में इसके लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के लिए दोनों ही विषय में अलग-अलग 45% अंक की मांग की गई है।
4.शिक्षकनियुक्ति परीक्षा में नकारात्मक अंक का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर कट ऑफ मार्क्स भी अपेक्षाकृत अधिक यानी 50 प्रतिशत रखा गया है। ऐसे में अधिकांश सीट रिक्त रहने की आशंका है।
प्रतियोगी छात्र संघ ने किया विरोध, कहा विसंगति दूर करें नहीं, तो जाएंगे कोर्ट
झारखंडकर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में कई विसंगतियां की बात कही जा रही है। जारी विज्ञापन में हुई विसंगतियों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को प्रतियोगी छात्र संघ की एक आपात बैठक गोल्फ ग्राउंड में हुई। बैठक में सैकड़ों की संख्या में बीएड योग्यताधारी छात्र-छात्राएं शामिल हुए। बैठक में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक बनने के लिए स्नातक को दो विषयों में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की मांग का विरोध किया गया। छात्र-छात्राओं का मानना है कि स्नातक में सैकड़ों ऐसे छात्र हैं जो परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास हुए। परंतु कंबिनेशन विषय में 45 प्रतिशत से कम अंक होने की वजह से वे शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे। जबकि बीएड कॉलेज में नामांकन के लिए स्नातक के दो विषयों में 45 प्रतिशत अंक होने की बाध्यता नहीं है। इसके साथ ही कई अन्य विसंगतियों पर भी विरोध दर्ज किया गया है। बैठक में छात्र-छात्राओं ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस विज्ञापन की विसंगतियों को सुधार कर नया विज्ञापन प्रकाशित करे। नहीं तो आवेदन करने से वंचित हजारों छात्र इसके विरोध में सड़क से सदन तक विरोध करेंगे।
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