जिला स्थापना समिति की बैठक में उपायुक्त ने पारा शिक्षकों को हड़ताल से लौटने की अंतिम चेतावनी दी
शुक्रवार चार नवंबर की शाम दो बजे तक काम पर नहीं लौटनेवाले पारा शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
गढ़वा : हड़ताल कर रहे पारा शिक्षकों के विरुद्ध जिला प्रशासन ने कड़े
कदम उठाने का मन बना लिया है़ गुरुवार को जिला स्थापना समिति की बैठक
उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में 13 वैसे शिक्षकों
के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तथा अन्य दंडनात्मक कार्रवाई करने के
निर्देश दिये गये़, जो दूसरे पारा शिक्षकों को जबरदस्ती हड़ताल पर जाने को
विवश कर रहे हैं.
जिन पारा शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं,
उनमें मवि हरिहरपुर के पारा शिक्षक दीपक कुमार सिंह, मवि अरसली के मनोज
चौबे, कुमारी अर्पणा, शैलेंद्र ठाकुर, सूर्यदेव कुमार, मवि चेरवाडीह
भवनाथपुर के अशोक साह, परमजीत राम, पटलन यादव, मवि बनखेता के काशीनाथ
मिस्त्री, नंदू राम, नव प्रावि बैगाडीह के रामप्रसाद साह, डंडई मवि के
दिनेश कुमार गुप्ता, नव प्रावि पिपरहवा टोला बैलाझखड़ा के विवेकानंद प्रसाद
शामिल हैं. इसकी जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक बृज मोहन कुमार ने
बताया कि उपरोक्त पारा शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए बीइइओ को
निर्देशित किया गया है़
3469 में से 2620 पारा शिक्षक हैं हड़ताल पर : जिला शिक्षा अधीक्षक
बृजमोहन कुमार ने जिलास्थापना समिति की बैठक में लिये गये निर्णय के बारे
में बताते हुए कहा कि 25 अक्तूबर तक पूर्व में पारा शिक्षकों को हड़ताल से
वापस आने की चेतावनी दी गयी थी़ लेकिन इस चेतावनी का उन पर कोई प्रभाव
नहीं हुआ़ ऐसी खबरें मिल रही हैं कि जो पारा शिक्षक हड़ताल से वापस लौटे
थे, वे भी पुन: हड़ताल पर चले गये हैं. उन्होंने बताया कि शुक्रवार चार
नवंबर की शाम दो बजे तक सभी पारा शिक्षकों को अंतिम चेतावनी दी गयी है कि
वे विद्यालय में योगदान कर लें अन्यथा विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से
उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की जायेगी़ उन्होंने बताया कि जिले में
3469 पारा शिक्षक सेवारत हैं.
इनमें से 2620 पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं, जबकि 550 पारा शिक्षक
हड़ताल पर गये ही नहीं तथा 299 पारा शिक्षक हड़ताल से वापस आकर विद्यालय
में योगदान कर लिये हैं. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों को हड़ताल अवधि तक
भुगतान नहीं किया जायेगा़ उन्होंने कहा कि हड़ताल पर चले जाने और विद्यालय
में पठन-पाठन बाधित करना बाल शिक्षा अधिनियम कानून का उल्लंघन है. इसिलये
पारा शिक्षकों को वापस लौट जाना चाहिए. बैठक में उपायुक्त के अलावा जिला
स्थापना प्रभारी जितेंद्र मुंडा, जनसंपर्क पदाधिकारी अनिल कुमार सहित अन्य
लोग उपस्थित थे़
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