रांची: झारखंड में हजारों पारा अध्यापक एक महीने से ज्यादा समय से वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से एक पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
धनबाद जिले के बाघमारा ब्लॉक में चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने आई एक पारा शिक्षिका अभिलाषा झा ने लिखा, ‘कृपया हमारी मदद करिए।’
पारा अध्यापक
पारा अध्यापक ने खून से पत्र लिखकर मोदी से मांगी मदद
अभिलाषा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि रघुवर दास सरकार हमारे मुद्दों को सुलझाने में रुचि नहीं ले रही है। हम बीते कई सालों से काम कर रहे हैं लेकिन हमें उचित वेतन नहीं मिल रहा है। हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री मामले में हस्तक्षेप कर हमारी मदद करेंगे।
शिक्षकों को रांची कैंप जेल में हिरासत में रखा गया है। हिरासत में ली गई कुछ महिला पारा शिक्षिकाओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के लिए सीरिंज से खून निकाला।
झारखंड में 80,000 पारा अध्यापक हैं। उन्हें 6000 रुपये प्रति महीने भुगतान किया जाता है। वे वेतन में 25 प्रतिशत की वृद्धि करने का मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार वेतन में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए सहमत है।
पारा अध्यापकों की नियुक्ति तदर्थ आधार पर स्कूलों में पढ़ाने के लिए और दूसरे वैकल्पिक शिक्षा केंद्रों पर की गई है। झारखंड के शिक्षा विभाग ने हड़ताली अध्यापकों को चेतावनी दी कि वे काम पर लौट आएं नहीं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
धनबाद जिले के बाघमारा ब्लॉक में चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने आई एक पारा शिक्षिका अभिलाषा झा ने लिखा, ‘कृपया हमारी मदद करिए।’
पारा अध्यापक
पारा अध्यापक ने खून से पत्र लिखकर मोदी से मांगी मदद
अभिलाषा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि रघुवर दास सरकार हमारे मुद्दों को सुलझाने में रुचि नहीं ले रही है। हम बीते कई सालों से काम कर रहे हैं लेकिन हमें उचित वेतन नहीं मिल रहा है। हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री मामले में हस्तक्षेप कर हमारी मदद करेंगे।
शिक्षकों को रांची कैंप जेल में हिरासत में रखा गया है। हिरासत में ली गई कुछ महिला पारा शिक्षिकाओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के लिए सीरिंज से खून निकाला।
झारखंड में 80,000 पारा अध्यापक हैं। उन्हें 6000 रुपये प्रति महीने भुगतान किया जाता है। वे वेतन में 25 प्रतिशत की वृद्धि करने का मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार वेतन में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए सहमत है।
पारा अध्यापकों की नियुक्ति तदर्थ आधार पर स्कूलों में पढ़ाने के लिए और दूसरे वैकल्पिक शिक्षा केंद्रों पर की गई है। झारखंड के शिक्षा विभाग ने हड़ताली अध्यापकों को चेतावनी दी कि वे काम पर लौट आएं नहीं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
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