पाराशिक्षकों और बीआरपी-सीआरपी संघ के हजारों शिक्षाकर्मी 20 अक्टूबर से
कैंप जेल (जयपाल सिंह स्टेडियम) में दिन-रात गुजार रहे हैं। लेकिन, तमाम
मुश्किलों के बावजूद ये वहीं से आंदोलन की धार को उग्र बनाने में जुटे हैं।
स्टेडियम में हजारों शिक्षाकर्मी हैं। लेकिन, शौचालय और ही पानी और खाने की व्यवस्था है। शिक्षाकर्मियों कहा कहना है कि जब उन्हें स्टेडियम में कैदी की तरह रखा गया है, तो नियमानुसार उन्हें वे सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो बंदियों को मिलती हैं। इधर, सोमवार को पारा शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष संजय दुबे ने बताया कि 25 अक्टूबर को हड़ताली शिक्षाकर्मी जयपाल सिंह स्टेडियम से राजभवन तक न्याय मार्च निकालेंगे। जबकि जिला प्रशासन स्टेडियम के बाहर शिक्षाकर्मियों के किसी भी कार्यक्रम को लेकर सख्त है।
कैंपजेल में पहुंचे माले के पूर्व विधायक और बारला
सोमवारको जयपाल सिंह स्टेडियम कैंप जेल में माले के विधायक विनोद सिंह और समाजसेवी दयामनी बारला पहुंचीं। उन्होंने पारा शिक्षकाें और बीआरपी-सीआरपी की मांगों को जायज बताया। साथ ही हड़तालियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर उचित कदम उठाने के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी।
जयपाल सिंह स्टेडियम कैंप जेल में हड़ताली शिक्षाकर्मी।
जयपाल सिंह स्टेडियम में पारा शिक्षकों और बीआरपी-सीआरपी को संबोधित करतीं दयामनी बारला, मौजूद विनोद सिंह अन्य।
पारा शिक्षक महासंघ सेवा का समायोजन, छठा वेतनमान, सेवा नियमित करने वेतनमान निर्धारण की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि पिछले साल ही सरकार ने 25 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया था, जो आज तक लागू नहीं किया गया। जबकि बीआरपी सीआरपी महासंघ सेवा को नियमित करने, वेतनमान निर्धारण करने, सरकारी कर्मियों के सभी सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं।
सरकार पहले ही पारा शिक्षकों को 25 अक्टूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दे चुका है। जबकि बीआरसी-सीआरपी को दिए गए अल्टीमेटम की अवधि (21 अक्टूबर) समाप्त हो चुकी है। इस वजह से संबंधित जिलाें में इनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बर्खास्तगी के बाद इनकी जगह नई नियुक्ति के संबंध में जिलों को निर्देश दिया जा चुका है।
स्टेडियम में हजारों शिक्षाकर्मी हैं। लेकिन, शौचालय और ही पानी और खाने की व्यवस्था है। शिक्षाकर्मियों कहा कहना है कि जब उन्हें स्टेडियम में कैदी की तरह रखा गया है, तो नियमानुसार उन्हें वे सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो बंदियों को मिलती हैं। इधर, सोमवार को पारा शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष संजय दुबे ने बताया कि 25 अक्टूबर को हड़ताली शिक्षाकर्मी जयपाल सिंह स्टेडियम से राजभवन तक न्याय मार्च निकालेंगे। जबकि जिला प्रशासन स्टेडियम के बाहर शिक्षाकर्मियों के किसी भी कार्यक्रम को लेकर सख्त है।
कैंपजेल में पहुंचे माले के पूर्व विधायक और बारला
सोमवारको जयपाल सिंह स्टेडियम कैंप जेल में माले के विधायक विनोद सिंह और समाजसेवी दयामनी बारला पहुंचीं। उन्होंने पारा शिक्षकाें और बीआरपी-सीआरपी की मांगों को जायज बताया। साथ ही हड़तालियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर उचित कदम उठाने के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी।
जयपाल सिंह स्टेडियम कैंप जेल में हड़ताली शिक्षाकर्मी।
जयपाल सिंह स्टेडियम में पारा शिक्षकों और बीआरपी-सीआरपी को संबोधित करतीं दयामनी बारला, मौजूद विनोद सिंह अन्य।
पारा शिक्षक महासंघ सेवा का समायोजन, छठा वेतनमान, सेवा नियमित करने वेतनमान निर्धारण की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि पिछले साल ही सरकार ने 25 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया था, जो आज तक लागू नहीं किया गया। जबकि बीआरपी सीआरपी महासंघ सेवा को नियमित करने, वेतनमान निर्धारण करने, सरकारी कर्मियों के सभी सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं।
सरकार पहले ही पारा शिक्षकों को 25 अक्टूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दे चुका है। जबकि बीआरसी-सीआरपी को दिए गए अल्टीमेटम की अवधि (21 अक्टूबर) समाप्त हो चुकी है। इस वजह से संबंधित जिलाें में इनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बर्खास्तगी के बाद इनकी जगह नई नियुक्ति के संबंध में जिलों को निर्देश दिया जा चुका है।
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