रांची : किसानों को उसकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने और बाजार से
बिचौलियों को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू
की गई राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से झारखंड की सात और मंडियां जुड़
जाएंगी।
29 और 30 सितंबर को राज्य की इन मंडियों को नेशलन ई-प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा। पूरे देश में इस अभियान के तहत द्वितीय चरण में 200 मंडियों को आपस में जोड़ा जा रहा है। राज्य के कृषि मंत्री गुरुवार को धनबाद में योजना का शुभारंभ करेंगे।
14 अप्रैल को लांच की गई राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत पहले चरण में देश की 21 मंडियों को जोड़ा गया था, इनमें झारखंड की रांची बाजार समिति भी शामिल थी। अब इस कड़ी में सात अन्य मंडियां और जुड़ जाएंगी। कृषि मंत्री रणधीर सिंह धनबाद कृषि बाजार समिति को ई-प्लेटफार्म से गुरुवार को जोड़ेंगे। बुधवार को मीडिया से मुखातिब रणधीर सिंह ने बताया कि अगले दो दिनों में क्रमबद्ध तरीके से धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा एवं डालटनगंज को ई-प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की 200 मंडियों में झारखंड की सात मंडियों का शुमार किया जाना बड़ी उपलब्धि है। इस योजना का फायदा गरीब किसान से लेकर व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भी होगा। किसान को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि 2018 तक पूरे देश की 585 मंडियों को ई-प्लेटफार्म से जोड़ने की योजना है। इसमें झारखंड की सभी प्रमुख मंडियां शामिल होंगी।
29 और 30 सितंबर को राज्य की इन मंडियों को नेशलन ई-प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा। पूरे देश में इस अभियान के तहत द्वितीय चरण में 200 मंडियों को आपस में जोड़ा जा रहा है। राज्य के कृषि मंत्री गुरुवार को धनबाद में योजना का शुभारंभ करेंगे।
14 अप्रैल को लांच की गई राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत पहले चरण में देश की 21 मंडियों को जोड़ा गया था, इनमें झारखंड की रांची बाजार समिति भी शामिल थी। अब इस कड़ी में सात अन्य मंडियां और जुड़ जाएंगी। कृषि मंत्री रणधीर सिंह धनबाद कृषि बाजार समिति को ई-प्लेटफार्म से गुरुवार को जोड़ेंगे। बुधवार को मीडिया से मुखातिब रणधीर सिंह ने बताया कि अगले दो दिनों में क्रमबद्ध तरीके से धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा एवं डालटनगंज को ई-प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की 200 मंडियों में झारखंड की सात मंडियों का शुमार किया जाना बड़ी उपलब्धि है। इस योजना का फायदा गरीब किसान से लेकर व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भी होगा। किसान को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि 2018 तक पूरे देश की 585 मंडियों को ई-प्लेटफार्म से जोड़ने की योजना है। इसमें झारखंड की सभी प्रमुख मंडियां शामिल होंगी।
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