रांची, राज्य ब्यूरो। जेएसएससी द्वारा इतिहास के
शिक्षक नियुक्ति मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में
सोमवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली पीठ ने
एकल पीठ के आदेश को सही मानते हुए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि इतिहास संपूर्ण विषय है। इसलिए सिर्फ प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास की डिग्री रखने वाले इस नियुक्ति में शामिल नहीं हो सकते हैं। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल की ओर से कोर्ट में यही दलील दी गयी थी। दरअसल जेएसएससी ने वर्ष 2017 में पीजीटी के लिए इतिहास शिक्षक की नियुक्ति निकाली थी। इसको लेकर तबरेज आलम ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की थी।
इधर, दिव्यांग को प्रोत्साहन राशि नहीं देने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने जमशेदपुर उपायुक्त को पूरे मामले की जांच कर एक सप्ताह में भुगतान करने का आदेश दिया। प्रार्थी शेख अहमद अमन ने याचिका दाखिल कर नवंबर 2019 से प्रोत्साहन राशि नहीं दिए जाने का मामला उठाया था। इस पर हाई कोर्ट ने उक्त आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि इतिहास संपूर्ण विषय है। इसलिए सिर्फ प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास की डिग्री रखने वाले इस नियुक्ति में शामिल नहीं हो सकते हैं। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल की ओर से कोर्ट में यही दलील दी गयी थी। दरअसल जेएसएससी ने वर्ष 2017 में पीजीटी के लिए इतिहास शिक्षक की नियुक्ति निकाली थी। इसको लेकर तबरेज आलम ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की थी।
इधर, दिव्यांग को प्रोत्साहन राशि नहीं देने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने जमशेदपुर उपायुक्त को पूरे मामले की जांच कर एक सप्ताह में भुगतान करने का आदेश दिया। प्रार्थी शेख अहमद अमन ने याचिका दाखिल कर नवंबर 2019 से प्रोत्साहन राशि नहीं दिए जाने का मामला उठाया था। इस पर हाई कोर्ट ने उक्त आदेश दिया है।
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