राज्य में पारा शिक्षकों की हड़ताल का असर बच्चों के पठन-पाठन के साथ-साथ
उनके मूल्यांकन पर भी पड़ रहा है। राज्य के 8791 स्कूलों के नहीं खुलने से
यहां पढ़ाई व दिसंबर में होने वाला मूल्यांकन का काम ठप है। वहीं, राज्य के
बचे 26,379 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में मूल्यांकन शुरू हो गया है या
फिर शुरू होने वाला है। दिसंबर महीने में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में
नौमाही मूल्यांकन होता है।
16 नवंबर से ही राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं। अब तक 7,323 पारा शिक्षकों के काम पर लौटने का झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद दावा कर रहा है। बावजूद इसके पारा शिक्षकों पर ही निर्भर 13,887 प्राथमिक स्कूलों में इसका खासा असर पड़ा है। इन स्कूलों में सरकार ने करीब 5096 सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ-साथ बीएड-डीएलएड कर रहे छात्र और टेट पास अभ्यर्थियों को लगाया है। वे स्कूल तो खोल रहे हैं, लेकिन अधिकांश स्कूलों में ताले भी नहीं खुल पा रहे हैं। इसका सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है। स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई हुए करीब एक महीना होने को है। ऐसे में पाठ्यक्रम पूरा होने में भी परेशानी होगी।
एक शिक्षक के भरोसे है पूरा काम
पारा शिक्षकों की हड़ताल की वजह से राज्य में बड़ी संख्या में प्राथमिक व मध्य विद्यालय ऐसे हो गये हैं जो एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। ये शिक्षक ही स्कूल में पठन पाठन, मूल्यांकन, मध्याह्न भोजन, ज्ञानसेतु के संचालन में लगे हैं।
16 नवंबर से पारा शिक्षक हैं हड़ताल पर
राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक सेवा स्थायी करने और वेतनमान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। 15 नवंबर को राज्य स्थापनी दिवस में हंगामा के बाद 295 पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई, जिसमें से जेईपीसी का दावा है कि 160 पारा शिक्षक बर्खास्त किये जा चुके हैं। पारा शिक्षकों ने जनप्रतनिधियों के आवास पर डेरा डाला तो भाजपा ने सरकार की ओर से वार्ता की अपील की, लेकिन अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है।
16 नवंबर से ही राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं। अब तक 7,323 पारा शिक्षकों के काम पर लौटने का झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद दावा कर रहा है। बावजूद इसके पारा शिक्षकों पर ही निर्भर 13,887 प्राथमिक स्कूलों में इसका खासा असर पड़ा है। इन स्कूलों में सरकार ने करीब 5096 सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ-साथ बीएड-डीएलएड कर रहे छात्र और टेट पास अभ्यर्थियों को लगाया है। वे स्कूल तो खोल रहे हैं, लेकिन अधिकांश स्कूलों में ताले भी नहीं खुल पा रहे हैं। इसका सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है। स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई हुए करीब एक महीना होने को है। ऐसे में पाठ्यक्रम पूरा होने में भी परेशानी होगी।
एक शिक्षक के भरोसे है पूरा काम
पारा शिक्षकों की हड़ताल की वजह से राज्य में बड़ी संख्या में प्राथमिक व मध्य विद्यालय ऐसे हो गये हैं जो एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। ये शिक्षक ही स्कूल में पठन पाठन, मूल्यांकन, मध्याह्न भोजन, ज्ञानसेतु के संचालन में लगे हैं।
16 नवंबर से पारा शिक्षक हैं हड़ताल पर
राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक सेवा स्थायी करने और वेतनमान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। 15 नवंबर को राज्य स्थापनी दिवस में हंगामा के बाद 295 पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई, जिसमें से जेईपीसी का दावा है कि 160 पारा शिक्षक बर्खास्त किये जा चुके हैं। पारा शिक्षकों ने जनप्रतनिधियों के आवास पर डेरा डाला तो भाजपा ने सरकार की ओर से वार्ता की अपील की, लेकिन अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है।
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